• सतीश महाना ने प्रत्याशिता की रेस से खुद को किया अलग
  • सत्यदेव पचौरी ने टिकट की रेस में फिर बढ़त बनाई
  • ईरानीदांव के सहारे सुरेंद्र मैथानी की दावेदारी भी तगड़ी
  • Arun Pathak (MLC) के नाम पर भी विचार कर सकता है हाईकमान   

Yogesh Tripathi

Kanpur में BJP प्रत्याशी के चयन को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। टिकट के दावेदार अपनी-अपनी मजबूत किलेबंदी कर रहे हैं। Uttar Pradesh से लेकर Delhi तक के नेताओं की पैरवी तेज हो गई है लेकिन रस्साकशी के चलते सुबह से लेकर रात तक सुर्रेबाजी भी तेज है। कभी वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी का नाम तेजी से उभरता है तो कभी Arun Pathak (MLC) के नाम की चर्चा तेज हो जाती है। भाजपाइयों के बीच Pandit Surendra Maithani के ईरानी दांव की चर्चा भी जोरों पर है लेकिन हर दावेदार सांसद सत्यदेव पचौरी के पसड़ूदांव से चिंतित हैं। सभी का मानना है कि पचौरी जी राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। उनसे पार पाना इतना आसान नहीं है। चर्चा है कि सत्यदेव पचौरी अपना टिकट होने की स्थिति में बेटी के नाम को भी आगे बढ़ा सकते हैं। Kanpur से प्रत्याशी कौन होगा...? इसकी रायशुमारी प्रभारी नेताओं के साथ-साथ RSS और हिन्दूवादी संगठनों के आकाओं से भी ली जा रही है। यही वजह है कि BJP के सियासी फिजा में असमंजस के हालात बने हुए हैं। Media Report’s की मानें तो इस नए राजनीतिक समीकरण बनने के पीछे सतीश महाना का दावेदारी से हटना है। 

करीब पांच दिन पहले सतीश महाना ने लोकसभा की दावेदारी से खुद को किनारे कर लिया। ये भी सच है कि खुलकर उन्होंने कभी दावेदारी की भी नहीं थी। चर्चा है कि ऐसा उन्होंने हाईकमान के निर्देश पर किया। इस बीच सत्यदेव पचौरी ने अपनी पैरोकारी और तेज कर दी। नमो एप पर सत्यदेव पचौरी की लोकप्रियता हाईकमान से भी छिपी नहीं है। संगठन और संघ के कई बड़े नेता सत्यदेव पचौरी की टिकट के लिए पैरवी कर रहे हैं। पचौरी के समर्थक भी बोल रहे हैं कि टिकट तो चाचा ही लेकर आएंगे। चर्चा इस बात की भी है कि यदि हाईकमान सत्यदेव पचौरी के नाम पर सहमत नहीं हुआ तो ऐन वक्त पर नीतू सिंह का नाम भी आगे किया जा सकता है।



सत्यदेव पचौरी को कड़ी टक्कर गोविंदनगर से लगातार दूसरी बार विधायक बने सुरेंद्र मैथानी से मिल रही है। सुरेंद्र मैथानी के कार्यकर्ता भी पूरी तरह से टिकट मिलने की उम्मींद लगाए हैं। सुरेंद्र मैथानी की चर्चा उनके सियासी ईरानी दांव को लेकर हो रही है। नागपुर भी मैथानी के नाम पर ना-नुकुर नहीं करेगा। हालांकि ये खबर भी सच है कि हाईकमान किसी भी कीमत पर कोई उपचुनाव नहीं चाहता है। यदि ऐसा हुआ तो मैथानी का ईरानीदांव काम नहीं आएगा।

इन सबके बीच एक और नाम की चर्चा पिछले दो-तीन दिन से तेज है। ये नाम विधान परिषद सदस्य (MLC) अरुण पाठक का है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो सत्यदेव पचौरी के नाम पर यदि सहमति नहीं बनी तो फिर हाईमान किसी ब्राम्हण चेहरे पर ही दांव लगाएगा। Arun Pathak भी वो चेहरा हो सकते हैं। उनकी शालीनता और निर्विवाद छवि भी उनको टिकट दिलाने में अहम भूमिका अदा करेगी। माना जा रहा है कि दिल्ली सिस्टम से जुड़े कुछ बड़े नेता ऐन वक्त पर Arun Pathak के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा सकते हैं। 

कुछ पुराने भाजपाइयों की मानें तो लोकसभा 2024 की सियासत के साथ-साथ पुरानी सियासत का खेल भी चल  रहा है। देखना ये है कि आखिर बाजी किसके हाथ लगेगी..."ईरानी" दांव से सुरेंद्र मैथानी टिकट लाते हैं या फिर "चाचा" का "पसड़ू दांव" उनके काम आता है। हाईकमान कौन से “P” पर अपनी मोहर लगाएगा...?? पचौरी, पाठक फिर कोई और...??? कयास लगाए जा रहे है कि अगले 48 घंटे में BJP की एक और लिस्ट आ सकती है। संभावना है कि दूसरी लिस्ट में कानपुर के प्रत्याशी का नाम होगा।

 

 

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