- मेडिकल स्टोर संचालक से मारपीट का आरोपी है Ankit Shukla
- पार्षद पति समेत पांच आरोपितों पर घोषित था 25-25 हजार का इनाम
- BJP के तमाम कार्यकर्ता और नेता भी रहे सरेंडर के समय मौजूद
- पुलिस ने आरोपी Ankit Shukla को कस्टडी में लेकर किया Arrest
Yogesh Tripathi
केंद्र और सूबे की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पार्षद पति Ankit Shukla ने अंतत: पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। Ankit Shukla ने शुक्रवार दोपहर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (JCP) आनंद प्रकाश तिवारी के Office में सरेंडर किया। मेडिकल स्टोर संचालक अमोलदीप भाटिया के साथ पांच दिन पहले हुई मारपीट की घटना में Ankit Shukla प्रमुख आरोपी है। FIR रजिस्टर्ड होने के बाद से Ankit Shukla फरार थे। पुलिस ने सभी पांच आरोपितों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। सरेंडर के समय अंकित शुक्ला की पत्नी पार्षद सौम्या शुक्ला भी तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थीं। कोतवाली पुलिस ने अंकित को कस्टडी में लेने के बाद Arrest कर लिया। पांच दिन पहले रोड रेज के मामले में मेडिकल स्टोर संचालक अमोलदीप भाटिया की रायपुरवा थाना एरिया में पिटाई हुई थी। जिसका आरोप अंकित शुक्ला और उसके साथियों पर है। इस प्रकरण के बाद BJP के दो दिग्गज “माननीयों” की रार अब लोगों के बीच चर्चा का विषय है। सियासत के जानकारों की मानें तो दोनों दिग्गजों के बीच “शीतयुद्ध” काफी पुराना है।
शुक्रवार दोपहर आरोपी Ankit Shukla अपने कुछ साथियों के साथ काले रंग की स्कार्पियो गाड़ी पर बैठकर सरेंडर करने ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (JCP) आनंद प्रकाश तिवारी के Office पहुंचे। कार्यालय में उन्होंने JCP के सामने खुद को बेगुनाह बताया लेकिन JCP ने वहां मौजूद फोर्स को तत्काल हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। पुलिस कर्मियों ने अफसर के आदेश का पालन करते हुए फौरन Ankit Shukla को हिरासत में ले लिया।
उल्लेखनीय है कि इस घटना के बाद दवा कारोबारी, सिख समाज के लोग लामबंद हो गए थे। BJP के एक बड़े माननीय का गुट भी पीड़ित कारोबारी अमोलदीप के समर्थन में हाईकमान को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करने लगा। जब कि Ankit Shukla के समर्थन में कुछ ब्राम्हण संगठन, और भाजपा के दूसरे माननीय के गुट के लोग लामबंद थे। दूसरा गुट चाहता था कि किसी तरह से क्रॉस FIR हो जाये तो केस हल्का हो जायेगा और बाद में समझौता भी होगा। लेकिन भाजपा के दूसरे गुट के लोग पहले दिन से ही लामबंद थे। BJP हाईकमान के साथ-साथ मुख्यमंत्री को भी लगातार update किया जा रहा था।
दो दिन पहले अंकित शुक्ला के समर्थन में सैकड़ों कार्यकर्ता पुलिस कमिश्नर कार्यालय जा पहुंचे। वहां पुलिस कमिश्नर के साथ काफी देर तक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बहस भी की लेकिन पुलिस कमिश्नर (CP) ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि जो दोषी हैं उनकी हर हाल में गिरफ्तारी होगी। इसके बाद अंकित के समर्थन में पहुंचे बीजेपी के तमाम नेता और कार्यकर्ता बैकफुट पर आ गए।
सूत्रों की मानें तो Lucknow में बैठे अफसरों को जब पुलिस कमिश्नर कार्यालय में बीजेपी नेताओं के पहुंचने और बहस करने की खबर मिली तो सभी ने पुलिस को फ्री हैंड कर कर दिया। बताया जा रहा है कि गुरुवार को पुलिस के जरिए Ankit Shukla के करीबी लोगों को मैसेज भेजवा दिया गया कि यदि सरेंडर नहीं करेंगे तो मकान पर बुलडजोर गरजेगा। इसके बाद ही Ankit Shukla को सरेंडर कराने के लिए भाजपा के दूसरे गुट ने तैयारी शुरु कर दी।
खुफिया और पुलिस को भनक तक नहीं
Ankit Shukla और उसके साथियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई थीं। इंटेलीजेंस भी पल-पल का update लखनऊ में बैठे अफसरों को दे रहा था लेकिन जब शुक्रवार दोपहर Ankit Shukla काले रंग की स्कार्पियो से सरेंडर करने पहुंचे तो किसी को भनक तक नहीं लगी। हां मीडिया को Ankit Shukla के सरेंडर करने की खबर काफी पहले ही मिल चुकी थी। यही वजह रही कि तमाम टीवी चैनल के पत्रकार और कैमरामैन पहले से ही मौजूद थे।
महाना गुट के करीबी है Ankit Shukla
मेडिकल स्टोर संचालक के साथ बर्बरतापूर्वक हुई पिटाई के आरोपी पार्षद पति Ankit Shukla को विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना का करीबी बताया जाता है। भाजपा नेताओं की मानें तो करीबी होने की वजह से ही Ankit Shukla की पत्नी सौम्या को दूसरे क्षेत्र से पार्षदी की टिकट दी गई थी। चर्चा ये भी है कि महाना गुट ने सौम्या शुक्ला को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। उसकी वजह ये थी कि सामने DAV College के पूर्व अध्यक्ष आलोक पांडेय (अक्खड़) की पत्नी चुनाव लड़ रही थी। यही वजह है कि इस चुनाव को प्रतिष्ठा के तौर पर लिया गया था। हालांकि इस पूरे प्रकरण में सतीश महाना की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया बीते पांच दिनों में नहीं आई। महाना के करीबी लोग CP Office से लेकर हर जगह अवश्य दिखे। वहीं दूसरी तरफ सांसद सत्यदेव पचौरी इस पूरे प्रकरण में खुलकर पीड़ित पक्ष के समर्थन में खड़े दिखाई दिए। उन्होंने आरोपी पार्षद पति और उसके साथियों को गिरफ्तार करने की मांग करने के साथ-साथ पार्टी से बाहर निकालने के लिए हाईकमान तक लिखापढ़ी भी की। यह बात खुद सत्यदेव पचौरी ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ बातचीत में कही है।
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