- Congress ने आशनी अवस्थी को बनाया महापौर प्रत्याशी
- वाराणसी से अनिल कुमार श्रीवास्तव होंगे कांग्रेस प्रत्याशी
- सपा ने MLA अमिताभ बाजपेयी की पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh Nikay Chunav में हाईकमान के निर्देश पर कांग्रेस ने बुधवार शाम को दो शहरों के मेयर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी। यूपी कांग्रेस के President बृजलाल खाबरी ने Kanpur & Varanasi के महापौर प्रत्याशियोंं के नामों पर Final मुहर लगा दी है। Kanpur में ब्राम्हण प्रत्याशी उतारकर Congress ने सत्ताधारी BJP को थोड़ा "बैकफुट" पर खिलाने की कोशिश की है। सपा ने भी ब्राम्हण ट्रंप कार्ड खेलते हुए विधायक अमिताभ बाजपेयी की पत्नी को चुनावी समर में उतारा है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि दो मोर्चों पर घिरी BJP भी क्या ब्राम्हण प्रत्याशी उतारेगी या फ़िर क्षत्रिय और पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेलेगी...? RSS & BJP के दिग्गज Kanpur सीट को लेकर तगड़ा मंथन कर रहे हैं। BSP ने अभी तक अपना महापौर प्रत्यशी घोषित नहीं किया है। चूंकि बसपा का भाजपा के प्रति एक साफ्ट कार्नर हमेशा से रहा है ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा BJP की राह आसान करने के लिए ब्राम्हण, दलित या फिर मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकती है।
कांग्रेस ने वाराणसी से महापौर पद के लिए अनिल कुमार श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि Kanpur से महापौर पद के लिए आशनी अवस्थी को अपना प्रत्याशी बनाया है। आशनी के पति Vikas Awasthi आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य हैं। राजनीतिक पंडितों की मानें तो कांग्रेस ने कानपुर में ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है। BJP लगातार तीन बार से मेयर की सीट जीत रही है। भाजपा क्या लगातार चौथी बार यह सीट जीतकर रेकार्ड बना पाएगी...? इसको लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि रवीन्द्र पाटनी, जगतवीर सिंह द्रोण के बाद प्रमिला पांडेय भी लाखों वोट से चुनाव जीती थीं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जरा सी चूक होने पर भाजपा के हाथ से मेयर की ये सीट जा भी सकती है। उसकी सबसे बड़ी वजह कानपुर सीट का ब्राम्हण बाहुल होना है। महापौर का चुनाव हारने पर BJP के लिए लोकसभा 2024 की राह आसान नहीं रहेगी। RSS & BJP की नब्ज पर मजबूत पकड़ रखने वाले जानकारों की मानें तो संभवाना ये भी है कि क्षत्रिय बिरादरी को टिकट देकर पुरबिया कनेक्शन जोड़ दे। Kanpur में पूर्वांचल जनपदों के निवासी लाखों मतदाता हैं। ऐसा प्रयोग BJP दो बार कर चुकी है। पहले सरला सिंह और बाद में प्रमिला पांडेय। दोनों बार उसे प्रचंड जीत मिली थी। चर्चाओं पर यदि यकीन करें तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व क्षत्रिय कार्ड खेलने के साथ पूर्वांचल का कनेक्शन का तड़का लगा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो कमलावती की प्रत्याशिता की दावेदारी काफी गंभीर होगी। चर्चा इस बात की भी है कि यदि ब्राम्हण प्रत्याशी का चयन करना पड़ा तो फिर कौन...? ब्राम्हण प्रत्याशी के तौर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य रंजना शुक्ला की दावेदारी काफी सशक्त है। हालांकि और भी दावेदार हैं। कयासबाजी के दौर में भाजपा नेता दबी जुबान से ये भी कह रहे हैं कि भाजपा में कुछ भी संभव है। अभी दो-एक दिन और इंतजार करना होगा। www.redeyestimes.com (News Portal) के सूत्रों की मानें तो Neetu Singh के नाम पर RSS & BJP काफी गंभीर है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रदेश, प्रांतीय और जिला स्तर पर चुनाव कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश स्तर की कमेटी में कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी समेत 19 और प्रांतीय चुनाव कमेटी में 8 पदाधिकारी शामिल हैं। यूपी प्रेसीडेंट बृजलाल खाबरी की ओर से इन नामों की घोषणा की गई है।
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