- देर रात्रि बीजेपी ने जारी की नगर निकाय की दूसरी लिस्ट
- "प्रमिला" की टिकट फाइनल होने से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
- कांग्रेस और सपा के ब्राम्हण प्रत्याशियों का "समीकरण" बिगड़ा
Yogesh Tripathi
लंबी जद्दोजहद के बाद अंतत : बीजेपी हाईकमान ने कानपुर मेयर प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी। बीजेपी ने निर्वतमान मेयर प्रमिला पांडेय पर फिर से विश्वास जताते हुए टिकट फाइनल किया। प्रमिला पांडेय को अंतिम समय नीतू सिंह को रेस में पछाड़ दिया। हाईकमान के पास जो तीन नाम भेजे गए थे। उसमें प्रमिला पांडेय का नाम भी शामिल था।
बताया जा रहा है कि बाजी अंतिम छड़ों में हाथ लगी। एक प्रांत के गवर्नर की टिकट दिलाने में अहम भूमिका रही। टिकट देने के पीछे भी हाईकमान ने काफी देर माथा-पच्ची की। कांग्रेस और सपा की तरफ से ब्राम्हण प्रत्याशी उतारे जाने के बाद से ही शीूर्ष नेतृत्व कानपुर की सीट को लेकर गंभीर हो गया था। ब्राम्हण बाहुल्य इस सीट को खोने के डर से शीर्ष नेतृत्व ने यह फैसला लिया। प्रमिला पांडेय के नाम पर मोहर लगने के बाद तमाम तरह की कयासबाजी और चर्चाओं पर फिलहाल अब विराम लग गया।
ब्राम्हण चेहरे के साथ-साथ पूर्वांचल के वोटों की गणित पर भी हाईकमान ने मंथन किया। इसके बाद प्रमिला पांडेय के नाम पर सहमति जताते हुए मेयर कंडीडेट घोषित कर दिया। गौरतलब है कि प्रमिला पांडेय पूर्वांचल जनपद से ताल्लुक रखती हैं। कानपुर का विजय नगर, शास्त्री नगर, रावतपुर समेत कई एरिया पूर्वांचल वोटों का गढ़ है। ये वोट हमेशा से बीजेपी के साथ रहा है। गौरतलब है कि 2017 में बीजेपी ने उनको मेयर प्रत्याशी बनाया था। तब वह रिकार्ड वोटों से जीती थीं। इस पर उनकी टिकट कटने की चर्चा जोरों पर थीं। चूंकि वह सिटिग मेयर थी इस लिए पैनल में उनका नाम जाना अनिवार्य था। प्रमिला पांडेय की टिकट फाइनल होने के बाद कांग्रेस और सपा प्रत्याशियों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं।
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