• मिशन 2024 के मद्देनजर निकाय चुनाव की तैयारी कर रही है BJP
  • Kanpur (South) से भी दर्जन भर से अधिक लोगों ने आवेदन किया
  • मेयर की प्रत्याशिता पर अंतिम फैसला प्रदेश नेतृत्व ही लेगा

Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh नगर निकाय चुनाव का शंखनाद हो चुका है। केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक करीब एक सैकड़ा आवेदन आ चुके हैं। चुनावी रणभूमि में टिकट पाने के लिए BJP की वीरांगनाओं ने तलवार भांजनी शुरु कर दी है। सभी दिग्गज अपने-अपने कील-कांटों को दुरुस्त कर रहे हैं। सब अपनी-अपनी चुनावी गणित का बखान कर टिकट पाने का दावा भी कर रहे हैं। देखना अब ये है कि चुनावी समर में BJP और RSS का शीर्ष नेतृत्व टिकट का प्रसाद किसको देता है...? संघ की नब्ज पर मजबूत पकड़ रखने वालों की मानें तो अधिकांश दावेदार अपने सिस्टमऔर रासायनिक सूत्रका प्रयोग करेंगे लेकिन अंत में उन्हें RSS के श्री....रामजी की शरण में ही जाना पड़ेगा। उनकी कृपा और महराज के आशीर्वाद बगैर प्रत्याशिता Final नहीं होगी। सूत्रों की मानें तो निकाय चुनाव में भी बीजेपी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हर फैसले लेगी। हाईकमान का पूरा फोकस मिशन 2024 है। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री को पूरी तरह से फ्री हैंड कर दिया गया है। हालांकि BJP हाईकमान को चौंकाने वाले फैसलों के लिए भी जाना जाता है। कब और कौन सा फैसला आ जाए ये भी नहीं कहा जा सकता। चर्चा इस बात की भी जोरों पर है कि यदि मेयर के चुनाव में ठाकुर बिरादरी को टिकट दिया गया तो लोकसभा (मिशन 2024) में ब्राम्हण बिरादरी को टिकट दिया जाएगा। 

रंजना शुक्ला पत्नी स्वर्गीय विवेक शील शुक्ला

 

मेयर की प्रत्याशिता के लिए आवेदन करने वालों में राज्य महिला आयोग की सदस्य रंजना शुक्ला (जो कि दिवंगत भाजपा नेता विवेकशील शुक्ला की पत्नी ), गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज की पूर्व प्राचार्या डॉक्टर आरती लाल चंदानी, पूर्व प्रधानमंत्री की अटल बिहारी बाजपेयी की पौत्री नंदिता बाजपेयी, निवर्तमान मेयर प्रमिला पांडेय, कल्याण सिंह सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे पंडित बालचंद्र मिश्रा की पुत्री और महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री डॉक्टर विजया तिवारी, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह, दक्षिण जिले की पूर्व अध्यक्ष अनीता गुप्ता, पूनम दिवेदी, पूनम कपूर, पूर्व पार्षद निर्मल मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा राधा दुबे, महिला मोर्चा की ही रीता शास्त्री, समेत करीब एक सैकड़ा नाम शामिल हैं।

चर्चा है कि नीतू सिंह ने आवेदन नहीं किया है। उनका कहना है कि यदि हाईकमान स्वत: उनके नाम पर विचार कर टिकट देगा तो ही वो लड़ेंगी। नीतू सिंह संघ के बड़े पदाधिकारी रहे बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह की पौत्र वधू हैं। उनका नाम वर्ष 2017 के मेयर चुनाव फिर 2019 के लोकसभा चुनाव की दावेदारी को लेकर चर्चा में आया था। नीतू सिंह संस्था के जरिए सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहती हैं इस लिए उनके नाम को लेकर तमाम तरह की अटकलें और कयासबाजी हो रही है।

 www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में Kanpur (South) BJP की प्रेसीडेंट डॉक्टर वीना आर्या ने बताया कि दक्षिण जिले से करीब 15 आवेदन आए हैं। जबकि Kanpur (North) BJP के प्रेसीडेंट सुनील बजाज ने बातचीत के लिए मोबाइल रिसीव नहीं किया।

 

प्रमिला पांडेय (निवर्तमान मेयर)

 

निवर्तमान मेयर प्रमिला पांडेय ने दोबारा आवेदन किया है। ये भी सच है कि प्रमिला पांडेय का नाम उन तीन नामों में शामिल रहेगा जो हाईकमान को भेजा जाएगा। लेकिन BJP के अंदरखाने में चर्चा इस बात की अधिक है कि उनका विरोधी खेमा अंदर ही अंदर पूरी तरह से लामबंद है। बातचीत में नाम न छापने की शर्त पर दिग्गजों का कहना है कि प्रमिला पांडे की फिर से प्रत्याशिता पर संकट के बादल भी मंडरा रहे हैं। बाकी तय तो हाईकमान को ही करना है।

कमलावती सिंह

 

चर्चा में सबसे तगड़ा नाम कमलावती सिंह का है। कमलावती BJP की धाकड़ नेत्री हैं और वर्तमान समय में वह प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। प्रदेश नेतृत्व से लेकर केंद्र की मोदी सरकार के कुछ दिग्गजों से वह सीधे तौर पर कनेक्ट हैं। मतलब साफ है कि अपनी पैरवी के लिए उन्हें किसी की चौखट पर नहीं जाना होगा। वह अपनी पैरवी के लिए खुद ही सक्षम हैं। RSS सूत्रों का कहना है कि यह नाम काफी विचारणीय हैं।

रेस में रंजना शुक्ला भी पीछे नहीं हैं। रंजना शुक्ला घाटमपुर और किदवईनगर विधान सभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके दिवंगत नेता विवेकशील शुक्ला की धर्मपत्नी हैं। वर्तमान समय में वह राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं। पति के निधन के बाद रंजना शुक्ला लगातार सामाजिक सरोकार से भी जुड़ी रहती हैं। खास बात ये है कि रंजना शुक्ला के समर्थन में Kanpur South (BJP) के तमाम नेता और कार्यकर्ता खड़े हैं। BJP Workers का कहना है कि यदि रंजना शुक्ला को टिकट मिलता है तो यह दिवंगत विवेकशील शुक्ला को भाजपा हाईकमान की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 

डॉक्टर आरती लाल चंदानी

इसके अतिरिक्त डॉक्टर आरती लाल चंदानी का नाम भी कम चर्चा में नहीं है। शहर ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों में भी वह किसी परिचय का मोहताज नहीं है। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज में लंबे समय तक सेवाएं देने के बाद वह प्राचार्य भी बनीं। हैलट परिसर के अंदर सपा सरकार में चिकित्सकों पर हुए लाठीचार्ज के बाद वर्तमान समय में जेल की सलाखों के पीछे कैद सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी से उनकी अदावत हुई तो नेशनल मीडिया तक में उन्होंने खासी सुर्खियां बटोरीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन उनके बैचमेट हैं। 

डॉक्टर विजय तिवारी (महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री)

 

एक अन्य दावेदार डॉक्टर विजया तिवारी वर्तमान समय में प्रदेश महामंत्री (महिला मोर्चा) हैं। विजया तिवारी के पिता पंडित बालचंद्र मिश्रा कल्याण सिंह सरकार में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री रह चुके हैं। वह कई बार पूर्व की गोविंदनगर विधान सभा (वर्तमान में किदवईनगर) सीट से विधायक भी निर्वाचित हुए। बालचंद्र मिश्रा भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी बने। RSS में उनकी पैठ आज भी बढ़िया है।

सबसे जटिल जो नाम है वो नीतू सिंह का है। हालांकि नीतू सिंह ने मेयर की प्रत्याशिता के लिए आवेदन नहीं किया है लेकिन हर दावेदार और नेता की जुबान पर उनका नाम अवश्य है। चर्चा इस बात की जोरों पर है कि यदि हाईकमान ने पैनल के नाम की जगह स्वत : किसी नाम को Final करने सोची तो वह नाम नीतू सिंह का भी हो सकता है। नीतू सिंह फिलहाल अपने सामाजिक संस्था के जरिए समाजसेवा के गरीब लोगों की हरसंभव मदद देने का कार्य कर रही हैं।

 

 

 

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