- शहर में हुई हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हासमी का फाइनेंसर है हाजी वसी
- करीब एक महीना पहले नई सड़क और चंद्रेश्वर हाता के पास भड़की थी हिंसा
- Kanpur City के बड़े बिल्डरों में होती है हाजी वसी की गिनती
- अमौसी एयरपोर्ट के पास सर्विलांस सेल को मिली थी हाजी वसी की लोकेशन
- दो दिन पहले हाजी वसी के बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है शहर पुलिस
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh के Kanpur में करीब एक महीना पहले नई सड़क में भड़की हिंसा के प्रमुख आरोपी और मॉस्टर माइंड हयात जफर हासमी के फाइनेंसर हाजी वसी को Crime Branch (Kanpur) की Team ने राजधानी Lucknow में Arrest कर लिया। हाजी वसी की गिनती शहर के बड़े बिल्डरों में होती है। हिंसा के बाद खुफिया एजेंसियों और शहर पुलिस की छानबीन में यह बात प्रकाश में आई थी कि हाजी वसी ने हयात जफर हासमी को रकम की मोटी फंडिंग की थी। जिसके बाद पुलिस हाजी वसी के पीछे पड़ी थी। दो दिन पहले पुलिस की टीम हाजी वसी के लड़के को गिरफ्तार कर चुकी है। बेटे की गिरफ्तारी के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही हाजी वसी भी पुलिस के शिकंजे में होगा।
BJP प्रवर्का नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद आक्रोश की पहली चिंगारी कानपुर में सुलगी थी। 3 जून को जुमे की नमाज के बाद बाजार बंद कराने को लेकर नई सड़क पर वर्ग विशेष के लोगों की भीड़ सड़क पर आ गई। दूसरे वर्ग के लोगों ने विरोध किया तो भीड़ ने पथराव कर फायरिंग और बमबाजी कर दी। जिसके बाद शहर का माहौल अचानक गर्म हो गया। भारी पुलिस बल की तैनती कर उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए शासन ने लखनऊ में तैनात IPS Officer डॉक्टर अजय पाल शर्मा को भेजा। अफसरों ने हिंसा वाली एरिया में कैंप कर किसी तरह सुलग रही "हिंसा की चिंगारी" को शांत कराया था।
हयात जफर हासमी की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों और पुलिस की छानबीन में पता चला कि बिल्डर हाजी वसी और बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा की "गिद्ध" सरीखी नजरें चंद्रेश्वर हाते पर लंबे समय से लगी हुई हैं। जांच के दौरान यह भी पता चला कि हिन्दु आबादी वाले इस हाते को साम-दाम-दंड-भेद के जरिए खाली कराने के लिए लंबे समय से "ब्लूप्रिंट" बना रहे थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी।
खुफिया एजेंसियों और पुलिस को ये भी इनपुट मिला कि हाजी वसी और बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा के कनेक्शन शहर के खतरनाक D-2 गिरोह से भी हैं। गिरोह के कई गुर्गों से दोनों की खूब छनती भी है। यही वजह रही कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों को धन की फंडिंग भी करवाई गई। छानबीन में ये भी पता चला है कि हयात को हिंसा भड़काने और उसकी मदद के लिए हाजी वसी के हाथ हमेशा आगे रहते रहे हैं। हयात का कनेक्शन मुख्तार बाबा और हाजी वसी से निकले तो पुलिस की टीमें दोनों के पीछे पड़ गईं। कुछ दिन पहले पुलिस ने मुख्तार बाबा को Arrest कर जेल भेज दिया था। दो दिन पहले हाजी वसी के लड़के को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया।
गिरफ्तारी के डर से हाजी वसी फरार चल रहा था। तीन दिन पहले कानपुर पुलिस ने कोर्ट से हाजी वसी के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट (NBW) ले लिया। उसके बाद से पुलिस वसी के पीछे हाथ धोकर पड़ गई। सर्विलांस सेल को भी वसी की धरपकड़ के लिए कड़े निर्देश दिए गए। पुलिस अफसरों की मानें तो कल हाजी वसी की लोकेशन लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट के पास मिली थी। जिसके बाद Crime Branch की टीम ने लोकेशन को ट्रेस करने के बाद घेराबंदी कर हाजी वसी को दबोच लिया।
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