- Ex.PM इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुआ था शहर में दंगा
- Kanpur में कई जगहों पर हुए दंगे में गई थी 127 लोगों की जान
- शहर में करीब तीन दर्जन से अधिक मुकदमें हुए थे वर्ष 84 में दर्ज
- SIT Team कर रही है Kanpur में हुए सिख दंगों की जांच
- देर रात्रि गिरफ्तारी के बाद नौबस्ता में भीड़ सड़क पर निकल आई
- 94 आरोपितों में सिर्फ 74 ही जिंदा बचे हैं, 20 की हो चुकी है मौत
Yogesh Tripathi
EX.Prime Minister इंदिरा गांधी की 1984 में हुई हत्या के बाद देश भर में दंगे हुए थे। Kanpur City में भी दर्जनों जगहों पर दंगाइयों ने उपद्रव कर न सिर्फ लूटपाट की थी बल्कि 127 लोगों की हत्या भी कर दी थी। मारे गए सिख लोगों के परिजन पलायन कर गए। तमाम लोगों ने मुकदमों की पैरवी भी नहीं की। जिसकी वजह से इन दंगों के तमाम आरोपी न्यायालय से बरी हो गए। इंसाफ के लिए कुछ पीड़ित परिवारों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किया। जिसके बाद वर्ष 2019 में प्रदेश की BJP सरकार ने Ex.DGP अतुल कुमार की अध्यक्षता में SIT गठित कर फिर से जांच Start करा दी। साक्ष्यों के अभाव और गवाहों के मुकर जाने के चलते कोर्ट से बरी हो चुके दंगे के आरोपितों पर अब SIT का "हंटर" चल रहा है। पिछले करीब दो सप्ताह में SIT की टीम कई लोगों को Arrest कर चुकी है लेकिन जिसकी तलाश बेहद सरगर्मी से की जा रही है वह अभी SIT की निगाह से कोसों दूर है। पूर्व मंत्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा का भतीजा राघवेंद्र।
मंगलवार देर रात्रि SIT ने घाटमपुर, नौबस्ता, दबौली समेत करीब आधा दर्जन जगहों पर राघवेंद्र सिंह की तलाश में दबिश दी लेकिन वह हाथ नहीं लगा। SIT ने नौबस्ता के ब्लाक से सिद्ध गोपाल गुप्ता उर्फ बब्बू और यशोदा नगर से जितेंद्र तिवारी को देर रात्रि उठा लिया। जितेंद्र के उठाए जाने की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ घरों से बाहर निकल आई। आक्रोशित लोगों ने काफी देर तक हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह लोगों को शांत कराने के बाद वापस घर भेजा। इसके बाद SIT की टीम जितेंद्र को लेकर जा सकी।
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपितों पर वर्ष 84 में के बलाक के एक मकान में हुए उपद्रव में शामिल और आगजनी में शामिल होने का आरोप है। बताया जा रहा है कि राघवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए लगातार उसके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है लेकिन वह हर बार चंगुल से निकल जा रहा है। SIT उसके कुछ करीबी लोगों को भी ट्रेस कर रही है ताकि राघवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी संभव हो सके। राघवेंद्र सिंह पर निराला नगर में हुई एक बड़ी घटना में मुख्य आरोपी है। राघवेंद्र के कुछ गुर्गों को SIT पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
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