- करीब दो दर्जन से अधिक बदमाशों का कर चुके हैं Encounter
- शहर के कई थानों में बतौर थानेदार रह चुके हैं तैनात
- D-2 गैंग के सरगना बिल्लू को Encounter में किया था ढेर
- सरगना अतीक अहमद और उसके भाई रफीक को किया था Arrest
- मुन्ना बजरंगी के दो शूटरों को भी मुठभेड़ में ढेर कर चुके हैं ऋषिकांत
ऋषिकांत शुक्ला (पुलिस उपाधीक्षक) उत्तर प्रदेश पुलिस |
Yogesh Tripathi
करीब दो दर्जन कुख्यात बदमाशों को मुठभेड़ में ढेर कर चुके Encounter Specialist ऋषिकांत शुक्ला समेत 34 निरीक्षकों के कंधे पर लगे पीले स्टार अब सिल्वर कलर में तब्दील हो गए हैं। शासन ने सभी को प्रोन्नति प्रदान कर पुलिस उपाधीक्षक (Dy.SP) बनाया है। ऋषिकांत शुक्ला Kanpur के कई थानों में थानेदार रह चुके हैं। शहर के सबसे खतरनाक D-2 गैंग के सफाए में उनका अहम योगदान रहा है। D-2 गैंग के शार्प शूटर रहे तौफीक अहमद उर्फ बिल्लू समेत पूर्वांचल के कई बदमाशों को भी वह एनकाउंटर में ढेर कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी के टिकट पर अयोध्या से हाल में ही विधायक निर्वाचित हुए बाहुबली पूर्वांचल माफिया अभय सिंह और उसके दो गुर्गों को भी ऋषिकांत शुक्ला ने वर्ष 2002 में Arrest किया था। तब वह कलक्टरगंज थाने की नयागंज चौकी के प्रभारी थे।
पूर्वांचल के देवरिया जनपद में पैदा हुए ऋषिकांत शुक्ला Kanpur में पले बढ़े और यहीं पढ़ाई की। वर्ष 1997 में वह UP Police में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए। वर्ष 1997 से लेकर 2002 तक वह शहर की कई प्रमुख चौकियों के प्रभारी रहे। बात साल 2002 की है। राजेंद्र पाल सिंह तब शहर के SSP थे। उस समय ऋषिकांत शुक्ला कलक्टरगंज थाने की नयागंज चौकी के इंचार्ज थे। मुखबिर की सटीक सूचना पर उन्होंने पूर्वांचल के बाहुबली माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के बेहद खास गुर्गे (वर्तमान में सपा विधायक) अभय सिंह को उसके दो गुर्गों के साथ Arrest कर लिया। अभय सिंह और उसके गुर्गों के पास से कई असलहे भी बरामद हुए। इसके थोड़े ही दिन बाद ऋषिकांत शुक्ला को अफसरों ने थाने का चार्ज दे दिया। किदवईनगर, कोहना, काकादेव समेत कई थानों में वह बतौर थानेदार के पद पर कार्यरत रहे।
थानेदार बनते ही उनके रडार पर शहर का सबसे खतरनाक और खूंखार गिरोह D-2 निशाने पर आ गया। ऋषिकांत शुक्ला ने गैंग के सरगना तौफीक अहमद उर्फ बिल्लू को South City के एक थाना क्षेत्र में Encounter के दौरान ढेर कर दिया। हीर पैलेस के पास मुठभेड़ के दौरान STF सिपाही धर्मेंद्र की हत्या करने वाले शातिर रफीक के पीछे वह हाथ धोकर पीछे पड़ गए। उन्होंने रफीक को कोलकाता में मुठभेड़ के दौरान Arrest किया। बी-वारंट पर रफीक को Kanpur जेल लाया गया। यहां पर पुलिस ने रफीक को रिमांड पर लिया और न्यायिक अभिरक्षा में रफीक की हत्या हो गई।
इसके बाद ऋषिकांत गिरोह पर कहर बनकर टूटे। गैंग के तमाम गुर्गों को Arrest कर जेल भेजा। एक भाई की हत्या और दूसरे का एनकाउंटर होने के बाद D-2 गैंग की कमान सबसे बड़े भाई अतीक अहमद के पास आ गई। कुछ दिन बाद ऋषिकांत शुक्ला ने उसे भी Arrest कर लिया। अतीक फिलहाल आगरा की जेल में है। ढाई साल पहले Kanpur Dehat की अकबरपुर कोतवाली में तैनाती के दौरान उन्होंने एक Fake IPS Officer को भी Arrest किया था। यह जालसाज लंबे समय से तमाम पुलिस वालों को अरदब में लेकर रौब गांठ रहा था।
मुन्ना बजरंगी के शूटरों का भी किया Encounter
ऋषिकांत शक्ला ने किदवईनगर थाने में तैनाती के दौरान (तीन साल पहले जेल में मारे जा चुके ) पूर्वांचल के माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी दो शूटरों अमित राय और चिंटू सिंह को वर्ष 2007 में किदवई नगर स्थित संजय वन के पास मुठभेड़ में मार गिराया। इसके साथ-साथ ऋषिकांत शुक्ला ने अजय कंजा, तन्नू पासी, राजेश करिया, इरफान चिकना जैसे 22 बदमाशों का भी Encounter किया।
ये निरीक्षक बने पुलिस उपाधीक्षक
उत्तर प्रदेश शासन ने जिन निरीक्षकों को प्रोन्नति प्रदान कर पुलिस उपाधीक्षक बनाया है, उनके नाम ऋषिकांत शुक्ला, विजय प्रताप यादव, श्रीमती सुधा चौधरी, संजय कुमार सिंह, उमेशचंद्र भट्ट, अनिल कुमार वर्मा, कृष्ण मुरारी शर्मा, राजेंद्र प्रसाद, तेजेंद्र यादव, दिनेश कुमार, नर सिंह नारायण सिंह, अभय कुमार सिंह, प्रभा सिंह, जसपाल सिंह पवार, भुवनेश्वर पांडेय, अल्पना घोष, मंजू शुक्ला, राजकुमार सिंह यादव, राकेश कुमार सिसौदिया, राजीव सिरोही, धर्मराज यादव, अंजना वर्मा, दिनेश कुमार पाठक, सतीश कुमार सिन्हा, मनोज कुमार सिंह, परशुराम त्रिपाठी, सुजीत कुमार दुबे, रवींद्र नाथ राय, विनोद कुमार यादव, अवनीश कुमार गौतम और सुजीत कुमार राय हैं।
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