- रंगदारी के मामले में Arrest बेटे को छुड़ाने के लिए SHO से की अभद्रता
- पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने थानेदार संतोष अवस्थी को कोतवाली में दी धमकी
- खुलेआम दिया चैलेंज बुला लो औरैया के ब्राम्हणों को तुम
- सोशल मीडिया पर Video के Viral होते हैं हजारों युवा ब्राम्हण सड़क पर उतरे
- Monday की पूरी रात हांफता रहा औरैया का जिला प्रशासन
- चुनाव में ब्राम्हणों की नाराजगी को देख Lucknow से मिला गिरफ्तारी का "सिग्नल"
- पुलिस ने आरोपी पूर्व जिला पंचायत को Arrest कर कोर्ट में किया पेश
- कोर्ट परिसर पहुंची सैकड़ों युवकों की भीड़ पूर्व जिला पंचायत को खोजती रही
- सैकड़ों पुलिस कर्मी कड़ी सुरक्षा में Deepu Singh को लेकर कोर्ट पहुंचे
बीजेपी नेता दीपू सिंह का वीडियो वॉयरल होने के बाद हजारों की संख्या में ब्राम्हण युवक सड़क पर उतर आए और कोतवाली घेर ली। |
Yogesh Tripathi
सत्ता के नशे में चूर औरैया जनपद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता Deepu Singh को कोतवाली में बैठकर SHO संतोष अवस्थी से बदजुबानी काफी मंहगी पड़ गई। रंगदारी के मामले में गिरफ्तार बेटे को छुड़ाने के लिए Deepu Singh कोतवाल को खुलेआम धमकी दे बैठे। बात यहीं खत्म नहीं हुई, उन्होंने कोतवाल की जाति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बुला लो औरैया से अपने ब्राम्हणों को....उसके बाद वह सांसद, मंत्री और न जाने किन-किन नेताओं को मोबाइल लगाकर बात करते नजर आए।
थानेदार संतोष अवस्थी के बगल में बैठकर गाली-गलौज करता दीपू सिंह (लाल घेरे में) |
Mid-Night सड़क पर नारेबाजी करने लगी हजारों की भीड़
Deepu Singh की यह हरकत किसी ने Mobile में कैद कर ली। वीडियो सोशल मीडिया पर Viral होते ही ब्राम्हण वर्ग के लोग आक्रोशित हो गए। देखते ही देखते हजारों की भीड़ सड़क पर आ गई। आधी रात हजारों लोग Deepu Singh के खिलाफ नारेबाजी कर गाली-गलौज करते रहे। खबर जिला प्रशासन के अफसरों को लगी तो सभी को कड़ाके की ठंड में माथे पर पसीना आ गया। डैमेज को कंट्रोल करने के लिए आला अफसर मौका-ए-वारदात पर पहुंच गए। नारेबाजी कर रहे युवक गिरफ्तारी पर अड़ गए। पूरी रात हंगामा कर रहे युवक सड़क पर ही डटे रहे। इस बीच Viral Video की गूंज सत्ता से जुड़ी पार्टी के नेताओं तक पहुंची तो बड़े नेता भी नींद से जाग गए। रात में ही Deepu Singh को हर कीमत पर Arrest करने का फरमान जारी हो गया। सुबह होते-होते पुलिस ने दीपू सिंह को दबोच लिया। औरैया के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि IPC की धाराओं में दीपू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत दीपू को गिरफ्तार कर लिया गया है। Law & Order पूरी तरह से कंट्रोल में है।
औरैया में पूरी रात दीपू सिंह के विरोध में ब्राम्हण वर्ग के युवक नारेबाजी करते रहे। |
हथकड़ी लगाकर कड़ी सुरक्षा में लाई पुलिस
मंगलवार सुबह ब्राम्हण वर्ग के सैकड़ों युवक कोर्ट परिसर पहुंच गए। सभी कोर्ट के अंदर प्रवेश के रास्ते पर ही दीपू सिंह का इंतजार कर खोजबीन करते रहे। भनक पाते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने दीपू सिंह को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कचहरी पहुंचाया। हथकड़ी लगाकर ले जाए गए दीपू सिंह को देखते ही युवकों ने नारेबाजी शुरु कर दी। लेकिन इस बीच मुस्तैद पुलिस बल ने किसी तरह दीपू सिंह को बचाते हुए उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इसके बाद दीपू सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का निर्देश जारी किया।
कोर्ट में मौजूद युवकों से बचाकर पुलिस ने आरोपी दीपू सिंह को अदालत में पेश किया। |
क्या है औरैया का यह पूरा मामला ?
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का लड़का एक कारोबारी से हर महीने रंगदारी वसूलता था। पिछले महीने किसी वजह से व्यापारी रंगदारी नहीं दे सका तो पूर्व जिला पंचायत के दबंग बेटे ने पिता के रसूख का फायदा उठाकर कारोबारी को बंधक बना लिया। कारोबारी का आरोप है कि बंधक बनाने के बाद उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। वारदात CCTV में भी कैद हुई। जिसके बाद पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर दी। छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया। SHO संतोष अवस्थी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के आरोपी बेटे समेत कई लोगों को दबिश देकर उठा लाए। सभी को हवालात में डालकर लिखापढ़ी की जा रही थी कि उसी बीच सत्ता के मद में चूर दीपू सिंह समर्थकों के साथ पहुंचे।
कोतवाली में मौजूद थानेदार संतोष अवस्थी को देखते ही दीपू सिंह का पारा चढ़ गया और वह उनसे अभद्रता करने लगे। कोतवाल को धमकी देते हुए उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर कहा कि "बुला लो अपने औरैया के ब्राम्हणों को....तुम ब्राम्हणों के ठेकेदार बनते हो..."। उसके बाद वह मोबाइल पर मंत्री, सांसद समेत कई लोगों से बात करने लगे। इस बीच दीपू सिहं की अभद्रता का यह वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। खबर ब्राम्हण वर्ग के युवकों को लगी तो सभी आक्रोशित होकर सड़कों पर आ गए। आधी रात दीपू सिंह के खिलाफ जो नारेबाजी शुरु हुई वह सुबह तक जारी रही। अधिकारी कड़ाके की ठंड में किसी तरह पूरे मामले को संभालने की कोशिश करते रहे। डैमेज कंट्रोल न होते देख जानकारी लखनऊ में बैठे अफसरों को दी गई। सुबह होते-होते दीपू को हर कीमत पर गिरफ्तार करने का निर्देश जारी हो गया ताकि चुनावी में माहौल में ब्राम्हणों के गुस्से को शांत किया जाए।
इसके बाद बारी पुलिस की थी। Active Mode में आई पुलिस ने बगैरी देरी किए दीपू सिंह को उठा लिया। भीड़ से बचाने के लिए बेहद गोपनीय जगह रखकर पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट ले गई। हालांकि कोर्ट में भी सैकड़ों युवक पहुंच गए लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे वह सिर्फ नारेबाजी ही कर सके।
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