- पंडित सूर्य नारायण स्कूल पर भाजपाइयों को पुलिस ने पीटा
- पूर्व पार्षद संदीप जायसवाल को भी Kanpur Police ने नहीं बख्शा
- थप्पड़ और तमाचा जड़ने के बाद दो को टांग ले गई पुलिस
पंडित सूर्यनारायण पोलिंग पर थप्पड़ की बौंछार करने के बाद धक्का देकर एक भाजपा कार्यकर्ता को खदेड़ती Kanpur Police |
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh Election 2022 : कांग्रेस प्रत्याशी Ajay Kapoor और उनके समर्थकों की तरफ से लगातार प्रशासनिक अफसरों व केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी जा रही शिकायतों के बाद अंतत: Kanpur Police एक्टिव मोड में आ गई। South City स्थित हरी कालोनी के पास पंडित सूर्य नारायण बूथ पर अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे भाजइयों को पुलिस ने खींच कर सरेराह पिटाई की। पुलिस ने पूर्व पार्षद संदीप जायसवाल को भी नहीं बख्शा। बाल खींचकर पुलिस ने उन्हें कानून को हाथ में न लेने की ताकीद दे डाली। पुलिस के Action की कुछ फोटो सोशल मीडिया पर Viral हो रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरी कालोनी स्थित पंडित सूर्यनारायण पोलिंग बूथ पर BJP की तरफ से पूर्व पार्षद संदीप जायसवाल (बिल्लू) कार्यकर्ताओं के साथ सुबह से ही डेरा जमाए थे। हरी कालोनी का एरिया मिश्रित आबादी वाला है। खबरों की मानें तो पोलिंग बूथ पर कई बार अनावश्यक तरीके से नारेबाजी कर भाजपाइयों ने माहौल को गर्म करने की कोशिश की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सूचना पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने क्षेत्रीय लोगों से भी बातचीत की। इसके बाद वहां पर पुलिस का पहरा और गहरा करने की बात अफसरों ने की। इस पर क्षेत्र के लोगों ने कहा कि जनता के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है। दोनों ही वर्ग के लोग आराम से वोटिंग कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद फिर सूचना मिलने पर पुलिस बल पहुंचा। इस बार कुछ भाजपाई हत्थे चढ़ गए। जिस पर पुलिस ने खींचकर पिटाई की।
विरोध कर रहे क्षेत्रीय पार्षद अल्पना जायसवाल के पति और पूर्व पार्षद संदीप जायसवाल को भी पुलिस अफसरों ने नहीं बख्शा। सड़क पर ही उनके बाल खींचकर कानून के दायरे में रहने की नसीहत पुलिस ने उनको दे डाली। चर्चा है कि पुलिस ने उन्हें थप्पड़ भी जड़े। इसके बाद दो लोगों को पुलिस वहां से टांग ले गई। हालांकि किदवईनगर पुलिस ने किसी को थाने लाने की बात से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि मतदान में जो भी व्यक्ति बाधा डालेगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाअगा। फिर वह चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता ही क्यों न हो।
गौरतलब है कि किदवईनगर में प्रत्याशियों के बीच तनाव का माहौल चुनाव के पहले से ही बना हुआ है। यहां कई बार जनसंपर्क के दौरान भी टकराहट होते-होते बची है। 2017 के चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों के बीच संघर्ष तक हो चुका है। इस लिए खुफिया इकाइयां भी यहां पर पल-पल की रिपोर्ट ले रही हैं। प्रशासन भी अलर्ट है।
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