- जेल में बंद नाबालिग खुशी दुबे की मां हैं गायत्री तिवारी
- Encounter में मारे गए Bikru Case के आरोपी अमर दुबे की पत्नी है खुशी
- शादी के पांच दिन बाद ही पुलिस ने खुशी दुबे को किया था Arrest
- खुशी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से आक्रोशित हैं ब्राम्हण समाज के लोग
- "मैं बराम्हण हूं" के प्रेसीडेंट दुर्गेश मणि त्रिपाठी सोशल मीडिया पर लगातार चला रहे हैं अभियान
- News Portal ने 7 दिन पहले ही गायत्री की टिकट पक्की होने की खबर की थी प्रकाशित
कांग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi के साथ कल्याणपुर विधान सभा सीट से प्रत्याशी गायत्री तिवारी |
Yogesh Tripathi
(Uttar Pradesh Election 2022) : कांग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi ने एक और अहम निर्णय लेकर विरोधी दलों को बैकफुट पर कर दिया है। Kanpur की कल्याणपुर सीट पर योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री नीलिमा कटियार के खिलाफ प्रियंका गांधी ने गायत्री तिवारी को चुनावी रणभूमि में उतारा है। गायत्री तिवारी करीब डेढ़ साल से जेल में बंद खुशी दुबे की मां हैं। गायत्री को सपा की तरफ से भी चुनाव लड़ने की पेशकश की गई थी लेकिन उसी दिन कुछ लोग उनको लेकर दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई । मुलाकात के बाद प्रियंका ने गायत्री को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया। साथ ही कल्याणपुर सीट से चुनाव लड़ने की बात कही। इस खबर को आपके विश्वसनीय www.redeyestimes.com (News Portal) ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
पोर्टल के सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी ने गायत्री को चुनाव लड़ने का ग्रीन सिग्नल देने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी को यह निर्देश दिए कि गायत्री की हरसंभव चुनाव में मदद की जाए। यही वजह रही कि Sunday को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक टीम Kanpur तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए पहुंची। इस टीम ने गायत्री के लिए फ्लैट से लेकर चुनाव प्रचार सामग्री और उनक चुनाव संचालन की जिम्मेदारी के बाबत रूपारेखा तय की। इसके बाद यह टीम देर शाम लखनऊ के लिए रवाना हो गई।
माना जा रहा है कि गायत्री कल अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर सकती हैं। उनके सामने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सतीश निगम और योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री नीलिमा कटियार चुनावी मैदान में होंगे। बड़े सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी कुछ विशेष सीटों पर सीधे तौर पर निगाहबनी कर रही हैं। गायत्री के चुनाव मैदान में उतरने से इस सीट पर भी प्रियंका गांधी की सीधे नजर रहेगी।
जेल में बंद है गायत्री की बेटी
गायत्री देवी की नाबालिग बेटी खुशी दुबे करीब डेढ़ साल से जेल में बंद है। बिकरू कांड के बाद खुशी दुबे के पति अमर दुबे को STF ने बुन्देलखंड के एक जनपद में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। Encounter से महज पांच दिन पहले ही अमर दुबे की शादी खुशी दुबे से हुई थी। पुलिस ने खुशी को भी आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। इसके बाद ब्राम्हण वर्ग के लोगों और तमाम संगठनों को यह बात अखरने लगी कि आखिर पांच दिन पहले ब्याही नाबालिग बच्ची का क्या कसूर था जो सरकार के इशारे पर पुलिस ने उत्पीड़न कर उसे सलाखों के पीछे भेज दिया।
इसके बाद ही अधिवक्ता और "मैं ब्राम्हण हूं" के प्रेसीडेंट दुर्गेश मणि त्रिपाठी खुशी की रिहाई के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाने लगे। उन्होंने खुशी के परिवार की हर संभव मदद भी की और लगातार कर भी रहे हैं। दुर्गेश वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने खुशी को न्याय दिलाने के लिए उनकी मां गायत्री को चुनाव लड़ाने की मुहिम छेड़ी। जो कि आज रंग ला रही है। गायत्री के प्रत्याशी घोषित होते ही सोशल मीडिया पर दुर्गेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि अब समय आ गया है कि ब्राम्हण समाज अपनी बेटी के साथ हुई ज्यादती का बदला ले।
कल्याणपुर विधान सभा सीट से पहले बीजेपी की कद्दावर नेत्री प्रेमलता कटियार जुनाव जीतती रही थीं। 2012 के चुनाव में सतीश निगम यहां से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते। 2017 के चुनाव में प्रेमलता ने अपनी बेटी नीलिमा कटियार को टिकट दिलवाया। नीलिमा कटियार कटियार न सिर्फ चुनाव जीतीं बल्कि योगी कैबिनेट में मंत्री भी बनीं। खास बात ये है कि न सिर्फ क्षेत्र बल्कि कार्यकर्ताओं में भी उनके प्रति नाराजगी देखी जा रही है। जिसको फिलहाल वह पाटने में जुटी हैं।
Note ---- पोर्टल के अतिकरीबी विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कल्याणपुर सीट की "Picture" अभी बाकी है। उसकी वजह गायत्री का Voter List में नाम न होना है। वोटर लिस्ट में गायत्री का नाम 2017, 2012 के विधान सभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी नहीं था। (कल्याणपुर सीट पर मचे घमासान को लेकर स्पेशल स्टोरी देर रात्रि या फिर मंगलवार की अलसुबह) का इंतजार कीजिए। गायत्री नहीं तो फिर कौन होगा प्रत्याशी...????
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