- 16 साल बाद पुलिस के “चक्रव्यूह” में फंसा शातिर अफजल
- 50 हजार रुपए का इनामी है कुलीबाजार निवासी अफजल
- दो साल पहले CAA हिंसा मामले में भी शामिल था अफजाल
- सर्विलांस सेल की मदद से राजस्थान के मुरलीपुरा थाना एरिया में STF ने पकड़ा
Yogesh Tripathi
STF की कस्टडी में अफजाल उर्फ जावेद उर्फ राजू
Kanpur के खूंखार D-2 गैंग के शूटर और वर्तमान में IS (273) गिरोह के सदस्य अफजाल उर्फ जावेद को UPSTF (Kanpur Unit) ने आखिर Arrest कर लिया। 50 हजार रुपए के इनामी इस Most Wanted को STF Team ने 16 साल बाद राजस्थान के मुरलीपुरा थाना एरिया में Sunday को दबोचा। गिरोह का सरगना और अफजल का भाई अतीक आगरा की जेल में बंद है। जबकि एक अन्य भाई बाले Kanpur Jail की सलाखों के पीछे कैद है। अफजाल के भाई तौफीक अहमद उर्फ बिल्लू का पुलिस ने 2004 में Encounter कर दिया था। उसके बाद गिरोह की कमान संभालने वाले रफीक की न्यायिक रिमांड में हत्या कर दी गई। पुलिस का कहना है कि विरोधी गुट ने पुलिस टीम पर हमला कर रफीक की हत्या कर दी। तीसरे भाई शफीक की दो साल पहले मुंबई में बीमारी से मौत हो चुकी है। Police Officer’s की मानें तो अफजल की Kanpur में चोरी छिपे आमदरफ्त रहती थी। वह अपने गिरोह को न सिर्फ मजबूत करने में जुटा था बल्कि हैदराबाद के एक बड़े कारोबारी से होने वाली फंडिग के जरिए जेल में बंद दोनों भाइयों को सलाखों के पीछे से “आजाद” कराने की जद्दोजहद भी कर रहा था लेकिन सटीक मुखबिरी और सर्विलांस सेल की मदद से STF ने उसे Arrest कर लिया।
Police और STF का दावा है कि Most Wanted अफजाल उर्फ जावेद उर्फ राजू दो साल पहले Kanpur के बाबूपुरवा थाना एरिया में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर विरोध के दौरान हुए उपद्रव, हिंसा, आगजनी समेत कई मामलों में आरोपी था। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई थी। अफजल की गिरफ्तारी के लिए तमाम प्रयास Kanpur Police ने किए लेकिन वह Arrest करने में असफल रही। STF (ADG) अमिताभ यश के निर्देश पर Kanpur (Unit) के CO डी.के शाही की अगुवाई में तेज तर्रार इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर की एक टीम STF ने गठित की। इस टीम ने जब अफजल की “कुंडली” बांचनी शुरु की तो तमाम चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। कानपुर से लेकर राजस्थान तक मुखबिरों का एक बड़ा संजाल बिछाया गया। साथ ही सर्विलांस सेल की भी मदद STF लगातार लेती रही। सटीक मुखबिरी के बाद अंतत: Sunday को STF ने अफजल को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
ये है CAA हिंसा का पूरा मामला
20 दिसंबर 2019 को CAA को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान आतताइयों ने Police Team को निशाना बनाकर हमला किया था। पथराव और तेजाब से भरी बोतलें फेंकने के साथ उपद्रवियों ने फायरिंग भी की थी। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। अराजकता में तीन लोगों रईस, सैफ और अफताब की मौत हो गई थी।
हिंसा के बाद पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर बाबूपुरवा के परवेज आलम, शाहजाद आलम, आदिल और उसका भाई मुस्तकीम समेत करीब 500 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा(147), घातक आयुध के साथ उपद्रव करने(148), जन समूह में शामिल होकर अपराध करना(149), लोक सेवक के कार्य में बाधा डालने(332), हत्या(302), हत्या का प्रयास(307) लोक सेवक के आदेश का उलघंन (188), अपराध के लिए उकसाने (109), षडयंत्र करने (120 बी), सेवन सीएलए, 3/4 पीपीडी एक्ट, 27 आयुध अधिनियम के तहत FIR रजिस्टर्ड की। पुलिस अब तक करीब 27 27 लोगों को Arrest कर पुलिस जेल भेज चुकी है।
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40 साल पुराना है D-2 गैंग का अपराधिक इतिहास
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