- बुलंदशहर के SSP ने रिटायर्ड DSP पर 25 हजार का इनाम घोषित किया
- लंबे समय से फरार चल रहे हैं रिटायर्ड डीएसपी रणधीर सिंह
- 2002 में Fake Encounter कर बीटेक के छात्र को मार डाला था
रिटायर्ड डीएसपी रणधीर सिंह पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सख्त टिप्पणी कर चुका है।
Yogesh Tripathi
करीब 19 साल पहले Fake Encounter में B.Tech छात्र को मार डालने वाले रिटायर्ड DSP रणधीर सिंह पर बुलंदशहर के SSP संतोष कुमार सिंह ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। रणधीर सिंह लंबे समय से फरार चल रहे हैं। वर्ष 2002 में इंस्पेक्टर के पद पर रहते हुए सिकंदराबाद में रणधीर सिंह ने किया था Fake Encounter ।
खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट इस Fake Encounter के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए Uttar Pradesh Government पर 7 लाख रुपए जुर्माना अदा करने का आदेश जारी किया था। रिटायर्ड डीएसपी रणधीर सिंह इस मामले में फरार चल रहे हैं।
रणधीर सिंह वर्ष 2018 से इस मामले में फरार चल रहे हैं। कोर्ट ने कई बार नोटिस, जमानती वारंट और उसके बाद गैर जमानती वारंट जारी किया। रणधीर सिंह फिर भी कोर्ट में पेश नहीं हुए तो अदालत ने उनकी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया। सिकंदराबाद की क्षेत्राधिकारी नम्रता श्रीवास्तव का कहना है कि अदालत से मिले कुर्की नोटिस को आगरा में रणधीर सिंह के पैतृक आवास और गाजियाबाद में उनके वर्तमान पतो पर चस्पा किया जा चुका है। इस मामले में सात अन्य पुलिस कर्मी कोर्ट में पेश हो चुके हैं।
Fake Encounter के बारे में बताया जा रहा है कि तीन अगस्त 2002 को सिकंदराबाद-बुलंदशहर मार्ग पर बिलुसरी के पास बदमाशों ने बस के कंडक्टर को गोली मारकर घायल करने के बाद लूटपाट की थी। इसके बाद पुलिस ने एक कथित मुठभेड़ में एक बदमाश को एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था। पुलिस के मुताबिक बदमाश का नाम प्रदीप था। जो कि सिकंदराबाद के सहपानी गांव का निवासी था। प्रदीप के परिजनों ने इस Fake Encounter को कोर्ट में चुनौती दी थी। परिजनों का दावा है कि प्रदीप बीटेक का स्टूडेंट था। उस दिन वह फीस जमाकर घर आ रहा था। रास्ते में पुलिस ने उसे दबोचकर Fake Encounter कर दिया।
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