- 88 साल के बुजुर्ग ने दिया सनसनीखेज वारदात को अंजाम
- .315 बोर के देशी तमंचे से सटाकर मारी अधिवक्ता को गोली
- वारदात के बाद तमंचा मौका-ए-वारदात पर छोड़कर हुआ फरार
- CCTV फुटेज के जरिए पुलिस ने 6 घंटे में आरोपी को किया Arrest
- हत्यारोपी बोला, Murder नहीं करते तो हमें करना पड़ता Suicide
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh के Shahjhanpur में मंडे की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब कोर्ट परिसर के अंदर अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह (62) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के बाद कातिल तमंचा मौका-ए-वारदात पर छोड़कर फरार हो गया। दुस्साहसिक वारदात की खबर से सनसनी फैल गई। कांग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi ने Tweet कर सरकार पर तीखे प्रहार किए। Police Officer’s के निर्देश पर CCTV फुटेज को कई घंटे तक खंगाला गया। करीब 6 घंटे बाद पुलिस ने बैंक से सेवानिवृत बुजुर्ग सुरेश गुप्ता को शक के आधार पर हिरासत में ले लिया। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में वह टूट गया और हत्या का जुर्म स्वीकार कर बोला, “Murder नहीं करता तो मुझे करना पड़ता Suicide”.
पुलिस के मुताबिक सनसनीखेज वारदात मंडे की सुबह कचहरी परिसर के तीसरे मंजिल पर रिकार्ड रूम के ठीक सामने हुई। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट टीम के साथ पहुंचे Police Officer’s को छानबीन के दौरान .315 बोर का देशी तमंचा मिला। कोर्ट परिसर के अंदर अधिवक्ता की हत्या के बाद सूबे की “सियासत का पारा” चढ़ गया। प्रियंका गांधी, मायावती समेत कई विपक्षी दल के नेताओं ने सीधे Uttar Pradesh की सरकार पर तीखे प्रहार कर सवालों की बौंछार कर दी। अधिवक्ता की हत्या के बाद साथी अधिवक्ता भी सड़क पर उतर आए।
पुलिस की टीम ने CCTV फुटेज खंगाले। शक की सूई 88 साल के बुजुर्ग सुरेश गुप्ता पर जाकर ठहरी। शक के आधार पर पुलिस ने सुरेश गुप्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह टूट गए। सुरेश गुप्ता ने हत्या का जुर्म स्वीकार करते हुए Police Officer’s को बताया कि यदि वह भूपेंद्र प्रताप सिंह की हत्या न करते हुए उनको खुद Suicide करना पड़ता। सुरेश के मुताबिक वह जेब में तमंचा रखकर कोर्ट पहुंचे। रिकार्ड रूम के बाहर मौका पाकर उन्होंने भूपेंद्र के शरीर पर सटाकर गोली मार दी। जिसकी वजह से फायरिंग की आवाज बेहद कम हो गई। भूपेंद्र के जमीन पर गिरते ही उसने तमंचा भी मौके पर छोड़ दिया ताकि किसी को शक न हो सके। पुलिस के मुताबिक सुरेश गुप्ता बैंक से रिटायर्ड हैं। भूपेंद्र और सुरेश के बीच किराएदारी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था।
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