- Rahul Gandhi के करीबी Raja Ram Pal के सपा में शामिल होने की अटकले तेज
- BSP के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे राजाराम पाल
- सपा के साथ बसपा के दिग्गजों से भी संपर्क साध रहे थे पूर्व सांसद
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh Election 2022 से पहले Congress को Central UP में समाजवादी पार्टी (SP) ने बड़ा झटका दे दिया है। Ex.MP राजाराम पाल और सपा सुप्रीमों Akhilesh Yadav की मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के दिग्गज नेता के सपा ज्वाइन करने की खबरें पूरे दिन भर होती रहीं। हालांकि अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टि किसी ने नहीं की है। सपा ने अपने अधिकारिक Twitter Handle से सपा सुप्रीमों के संग मुलाकात वाली तस्वीर को Tweet करते हुए इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। लेकिन राजाराम पाल ने इसी फोटो को अपने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से शेयर कर “22 में बाइसकिल” लिखकर बड़ा संकेत दे दिया है।
www.redeyestimes.com (News Potal) को मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को Ex.CM अखिलेश यादव की कानपुर में मौजूदगी के दौरान Ex. MP (Raja Ram Pal) सपा ज्वाइन करेंगे। इस दौरान राजाराम पाल और उनके समर्थकों ने पूरी ज्वाइनिंग को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।
Congress को लगेगा 440 वोट का “करंट”
राजाराम पाल कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार होते रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी निकटता किसी से छिपी नहीं है। यूपीए सरकार में राहुल गांधी के कहने पर ही राजाराम पाल को Z श्रेणी की सुरक्षा केंद्र सरकार की तरफ से मुहैया कराई गई थी। कानपुर और आसपास के जिलों में राजाराम पाल की बिरादरी के वोटों में तगड़ी पकड़ है। कांग्रेस में वह लंबे समय से खुद को पिछड़े वर्ग का बड़ा नेता साबित करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पिछले दो-तीन साल से उनको संगठन में कोई खास तरजीह नहीं मिल रही थी। हालांकि कांग्रेस ने उनको हाल के चुनावों में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल जरूर किया था लेकिन संगठन में तरजीह न मिलने की वजह से राजाराम पाल खासे नाराज बताए जा रहे थे। राजनीति के जानकारों की मानें तो राजाराम पाल के सपा ज्वाइन करने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा। राजाराम पाल की कई विधान सभाओं में अपने बिरादरी के वोटरों पर तगड़ी पकड़ है।
BSP में नहीं बन पाई बात तो पकड़ी सपा की “राह”
राजनीति और सियासत को करीब से समझने वाले राजाराम पाल जमीन से जुड़े हुए नेता हैं। यह बात हर किसी को मालुम है। बसपा के टिकट पर वह पहली बार बिल्हौर लोकसभा सीट में भाजपा प्रत्याशी को हराकर संसद पहुंचे थे। स्टिंग ऑपरेशन में Video Viral होने के बाद कुछ समय के लिए उनके राजनीतिक ग्राफ पर “ग्रहण” लगा था लेकिन बहुत कम समय में उन्होंने इसकी भरपाई कर ली। कांग्रेस के टिकट पर वह लोकसभा में फिर से पहुंचे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी भी रहे। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पिछले कुछ महीने से राजाराम पाल अपने पुराने घर बसपा में वापसी के लिए सक्रिय थे। जोनल कोआर्डिनेटर समेत कई दिग्गजों से उनकी कई चक्र मीटिंग तक भी हुई। खबरों की मानें तो सरकार बनने पर मंत्री पद के साथ-साथ संगठन में भी वह बड़ा पद चाह रहे थे साथ ही साथ वह कुछ विधान सभाओं में अपने करीबी लोगों को टिकट भी दिलाना चाहते थे। सूत्रों की मानें तो यही वजह रही कि राजाराम पाल की बात बसपा में फाइनल नहीं हुई। इसके तुरंत बाद वह सपा से नजदीकियां बढ़ाने लगे। सिर्फ दो महीने में ही उनकी मेहनत रंग लाई और अब नतीजा सबके सामने है।
सपा की सरकार बनी तो बन सकते हैं Minister !
जानकारों की मानें तो राजाराम पाल अपनी कई शर्तों के साथ सपा ज्वाइन करने जा रहे हैं। सबसे बड़ी शर्त सपा की सरकार बनने पर मंत्री पद है। साथ ही अकबरपुर-रनिया विधान सभा से खुद की टिकट के साथ-साथ दो अन्य विधान सभाओं से दो करीबी लोगों को टिकट पक्का कराने की भी चर्चा है। सूत्रों की मानें तो सपा सुप्रीमों चूंकि लंबे समय से पिछड़ा वर्ग (OBC) वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। ऐसे में राजाराम पाल की तरफ से मिले ऑफर को उन्होंने बगैर देर लगाए तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद राजाराम पाल ने लखनऊ में सपा सुप्रीमों से मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि राजराम पाल के शामिल होने से पाल बिरादरी का वोट सपा की तरफ से एकतरफा जाएगा। साथ ही राजाराम पाल खुद को उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग का बड़ा नेता भी साबित करेंगे। जो अभी तक वह कांग्रेस में नहीं कर पाए या फिर यूं कहें कि कांग्रेस उनसे इसका सीधा लाभ नहीं ले पाई।
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