- महंत की गद्दी और चढ़ावे की रकम को लेकर चल रही खींचतान
- मारपीट का Video सोशल मीडिया पर हो रहा है Viral
- पनकी पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद दर्ज की FIR
- पहले भी मंदिर में दोनों महंतों के शिष्यों के बीच हो चुकी है मारपीट
- “राजनीतिक छतरी” मिलने से एक गुट है पूरी तरह से हावी
- मंदिर के महंत कृष्णदास और रमाकांत मिश्रा पर FIR
पनकी मंदिर परिसर में हुई मारपीट की घटना में घायल राजू और सुरेश शुक्ला। |
Yogesh Tripathi
Kanpur के पनकी थाना एरिया स्थित लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र प्राचीन हनुमान मंदिर (मंदिर) “अखाड़ा” बन चुका है। मंदिर की गद्दी और चढ़ावे के लाखों रुपए के बंदरबांट के लिए दो महंतों के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान अब “महाभारत” में तब्दील हो चुकी है। मंदिर परिसर में ही एक महंत के करीबी लोगों ने दूसरे गुट के लोगों की जमकर पिटाई कर दी। मारपीट में दो लोगों के सिर फूट गए। वारदात मंदिर में लगे CCTV के कैमरों में कैद हो गई। जिसका Video सोशल मीडिया पर Viral हो रहा है। मामले में पनकी पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया है।
सूत्रों की मानें तो मंदिर के एक महंत को सत्ताधारी दल की “राजनीतिक छतरी” (मंत्रियों और माननीयों) का संरक्षण मिला हुआ है। जिसकी वजह से हमेशा अशांति का माहौल बना रहता है। पिछले कुछ महीने के दौरान यहां कई घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन पुलिस की तरफ से अब तक कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है कि ऐसी वारदातों पर अंकुश लग सके। फिलहाल पुलिस ने मंदिर के एक महंत कृष्णदास और उनके करीबी रमाकांत मिश्रा समेत कई अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड की है।
Viral Video में साफ दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग मंदिर परिसर में ही जमकर मारपीट कर रहे हैं। मारपीट के दौरान दो युवकों का सिर फूट गया और काफी खून भी बहा। पीड़ित युवकों ने एक वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया पर Viral किया।
महंत कृष्णदास का कहना है कि वह वारदात के समय थे नहीं। वह अपने वकील के पास थे। घटनाक्रम के मुताबिक आरोपी रमाकांत मिश्रा मंदिर परिसर के ठीक बगल में रहता है। रमाकांत पर आरोप है कि उसने मंदिर के पुजारी सुरेश शुक्ला और उसके भाई राजू पर पर प्राणघातक हमला कर लहूलुहान कर दिया। कृष्णदास का कहना है कि मारपीट की घटना से उनका और मंदिर से कोई लेनादेना नहीं है। पीड़ित पक्ष के भाई का रमाकांत से पैसे का लेनदेन है। जिसकी वजह से मारपीट हुई है। कृष्णदास का कहना है कि मारपीट मंदिर परिसर के बाहर हुई। इस संबंध में पनकी थानेदार का कहना है कि तहरीर और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी मंदिर परिसर में मारपीट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। दोनों महंतों के बीच गद्दी और चढ़ावे की रकम को लेकर चल रही खींचतान अब खुलेआम दिखाई दे रही है। एक गुट सीधे तौर पर प्रदेश की सत्ताधारी दल से जुड़ा है। जिसकी वजह से कई मंत्रियों और माननीयों का खुलेआम संरक्षण मिला है। यही वजह है कि मंदिर परिसर में अब अशांति का माहौल हमेशा बना रहता है।
दूसरे पक्ष का आरोप है कि
मंदिर परिसर के बाहर साइकिल स्टैंड से लेकर प्रसाद की दुकानों तक पर कब्जा हो चुका
है। मंदिर में आने वाली चढ़ावे की रकम भी डकार ली जा रही है। पनकी मंदिर के मुख्य
पुजारी का कुछ महीना पहले निधन हो चुका है। जिसकी वजह से गद्दी की ताजपोशी के लिए
भी “नूराकुश्ती” दोनों महंतों के
बीच लंबे समय से चल रही है। कमोवेश कुछ यही हालात शहर के एक और बड़े मंदिर श्रीआनंदेश्वर (परमट) के भी हैं। यहां भी जूना अखाड़े और मंदिर के पुराने कर्मचारियों के बीच मंदिर की गद्दी को लेकर उठापटक जारी है। यहां पर भी सत्ता की "छतरी" जूना अखाड़े को मिली है।
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