•  राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को CBI जांच की संस्तुतित भेजी
  • CBI के जांच Start करने तक विवेचना सरकार की तरफ से गठित SIT करेगी
  • कारोबारी की पत्नी Meenakshi Gupta को 40 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली

Manish Gupta (File Photo)
Yogesh Tripathi

होटल के अंदर Gorakhpur Police के बर्बरता का शिकार बने Kanpur के कारोबारी Manish Gupta Murder Case की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की सिफारिश Uttar Pradesh की Yogi Aditya Nath सरकार ने की है। प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को इसकी संस्तुति भेजी गई है। हालांकि CBI के जांच स्टार्ट करने तक मामले की जांच गोरखपुर से ट्रांसफर कर विशेष रूप से गठित SIT की तरफ से कराए जाने का निर्देश भी जारी किया गया है। 

Meenakshi Gupta Wife Of Manish Gupta
 

अपर मुख्य सचिव गृह Avnish Kumar Awasthi ने बताया कि UPCM योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर Kanpur के कारोबारी Manish Gupta Murder Case  की जांच CBI से कराने की संस्तुति भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेजी गई है। साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी को कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) में बतौर (OSD) पद पर नियुक्ति का आदेश भी जारी किया गया है। पीड़ित मीनाक्षी को 40 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी गई है।

 


उल्लेखनीय है कि करीब पांच दिन पहले गुरुग्राम के दोस्तों संग कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता गोरखपुर में मुख्यमंत्री का विकास कार्य देखने के लिए पहुंचे थे। सभी रामगढ़ ताल थाना एरिया के होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे। सोमवार की मध्यरात्रि थानेदार जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और मातहतों के साथ होटल पहुंचे। तलाशी और चेकिंग के दौरान मनीष से विवाद होने पर पुलिस कर्मियों ने मनीष की पिटाई शुरु कर दी। बेरहमी और क्रूरता से पीटने की वजह से मनीष की मौत हो गई। 

 

मनीष की हत्या का आरोपी सस्पेंड इंस्पेक्टर J.N Singh  
पुलिस ने पहले मामले में लीपापोती करने की कोशिश की लेकिन मामला सोशल मीडिया में वॉयरल हुआ तो अधिकारी बैकफुट पर आए। पोस्टमार्टम में भी पुलिस के बर्बरता की पोल खुली तो मजबूरी में इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। मनीष की मौत के बाद सभी विपक्षी दलों ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सियासी और जुबानी हमला कर घेराबंदी शुरु कर दी। जिसकी वजह से सरकार भी बैकफुट पर आ गई। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव पीड़ित कारोबारी के घर पहुंचे तो सियासी माहौल और भी गर्म हो गया। अखिलेश यादव की मुलाकात के थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित की पत्नी को पुलिस लाइन बुलाकर हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए उनकी सभी मांगों को स्वीकर कर लिया। इसमें एक मांग CBI जांच कराने की भी थी।  

बयान के लिए SP (Crime) ने किया Meenakshi को फोन

मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि Case की जांच कर रहे Gorakhpur के SP (Crime) ने शुक्रवार सुबह उन्हें बयान देने के लिए फोन किया। एसपी ने कहा कि मनीष के दोनों साथियों प्रदीप व रिंकू के बयान दर्ज होने हैं। साथ ही उनके भी बयान लिए जाने हैं। इस पर मीनाक्षी ने एसपी से कहा कि जब केस कानपुर ट्रांसफर हो रहा है तो वहां बयान देने गोरखपुर क्यों जाएंगी ? उन्होंने गोरखपुर पुलिस को बयान देने से इनकार कर दिया। मीनाक्षी का आरोप है कि गोरखपुर पुलिस घटना वाले दिन से ही साक्ष्य और सबूत मिटाने पर आमादा है। हत्यारोपियों का वहां के अफसर पूरी तरह से बचाव कर उनके पक्ष में एक पैर से खड़े हैं। उनको गोरखपुर पुलिस पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है।

 

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