- जन्मशताब्दी वर्ष पर मेहरबान सिंह पुरवा में लगा भाजपाइयों का “मेला”
- Dy.CM दिनेश शर्मा & UP (BJP) प्रेसीडेंट स्वतंत्र देव सिंह की मंच पर रही मौजूदगी
- विधान सभा सत्र की वजह से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे CM ने किया वर्चुअल संबोधन
- चौधरी साहब के बेटे सुखराम सिंह हैं समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद
Kanpur के मेहरबान सिंह पुरवा में स्वर्गीय हरमोहन सिंह के जन्मशताब्दी वर्ष पर पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह। |
Yogesh Tripathi
कहते हैं सियासत में लोगों की “आस्था” और “आवश्यकता” वक्त के हिसाब से बदलती रहती है। Samajwadi Party (SP) के “उदय” से पहले Kanpur के मेहरबान सिंह पुरवा का सपा संरक्षक और Uttar Pradesh के Ex. CM मुलायम सिंह से गहरा नाता रहा है। “नेताजी” जब मुख्यमंत्री होते थे तो पूरा प्रदेश और सपा जानती थी कि चौधरी हरमोहन सिंह ही “मिनी सीएम” हैं। जबकि सरकार में मंत्रीपद उनके पास नहीं होता था। Kanpur और उसके आसपास के जनपदों की राजनीति में भी चौधरी साहब का ही “सिक्का” चलता था। विधायक और सांसद के टिकट से लेकर नौकरशाही की नियुक्ति तक में मेहरबान सिंह पुरवा के चौधरी साहब की चलती थी। वह खुद कई बार राज्यसभा सदस्य बने। जनता दल के समय चौधरी साहब के बेटे जगराम सिंह MLA निर्वाचित हुए। इसके बाद उनके दूसरे बेटे सुखराम सिंह यादव ने सियासत में कदम रखा। MLC बनने के बाद सुखराम सिंह विधान परिषद के चेयरमैन भी बने। फिलहाल सुखराम सिंह राज्यसभा सदस्य हैं।
चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर खांटी के समाजवादियों के घर और गांव में भाजपाइयों का “मेला” लगा रहा। कार्यक्रम में UPCM किन्हीं वजहों से नहीं पहुंचे लेकिन वर्चुअल मीटिंग में वह मौजूद रहे और स्वर्गीय हरमोहन सिंह को याद कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम स्थल के मंच पर Dy.CM दिनेश शर्मा और UPBJP के प्रेसीडेंट स्वतंत्रदेव सिंह के साथ-साथ जिला भाजपा कार्यकारिणी की मौजूदगी ने भविष्य के राजनीति का साफ-साफ इशारा कर दिया।
www.redeyestimes.com (News Portal) के सूत्रों की मानें तो चौधरी साहब की “तीसरी पीढ़ी” अब अपनी संभावनाएं केंद्र और प्रदेश की सत्ताधारी BJP में “तलाश” रही है। ये “तलाश” पिछले कुछ महीने से जोरों पर है। जिस मेहरबान सिंह पुरवा में मुलायम सिंह, शिवपाल सिंह, प्रोफेसर रामगोपाल सिंह जैसे दिग्गज सपा नेता कभी आकर्षण का मुख्य केंद्र होते थे, अब उस मेहरबान सिंह पुरवा की “हवा” का रुख शायद उल्टा हो गया है और समय की गति के साथ अपने भी पराए हो चुके हैं।
चौधरी साहब के जिस गांव में बैठकर तीन दशक पहले मुलायम सिंह, शिवपाल सिंह जैसे दिग्गज बड़े-बड़े फैसले लेते थे उसी गांव में स्वर्गीय हरमोहन सिंह के जन्मशताब्दी वर्ष पर भाजापइयों का “मेला” लगा। इस “मेले” में शरीक हुए हर भाजपाई ने नाम लिए बगैर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव को जमकर कोसा। डिप्टी सीएम ने तो यहां तक कह दिया कि (चौधरी साहब) के परिवार में बुजुर्गों की इज्जत की जाती है लेकिन एक वह परिवार (अखिलेश परिवार) जहां अपनों की इज्जत नहीं की जाती।
चौधरी हरमोहन सिंह को UPCM ने याद किया
चौधरी हरमोहन सिंह के जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन किन्ही वजहों से वह नहीं पहुंचे। उन्होंने वर्चुअल अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए हरमोहन सिंह को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र होने की वजह से वह नहीं आ सके।“चौधरी साहब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता”
चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चौधरी हरमोहन यादव के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह परिवार अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़ गया है। यह भाजपा के लिए बेहद खुशी की बात है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि चौधरी साहब जमीन से जुड़े नेता थे।
“उस परिवार” को चौधरी परिवार से सीख लेनी चाहिए”
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आना था, लेकिन किन्ही वजहों से वह नहीं आ सके। हालांकि वर्चुअल रुप से मुख्यमंत्री ने चौधरी हरमोहन को याद कर श्रद्धांजलि दी। डिप्टी सीएम ने कहा कि उस परिवार (सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव) के लोगों को इस परिवार (चौधरी परिवार) से सीख लेना चाहिये। इस परिवार में चौधरी सुखराम अपने पिता हरमोहन की इज्जत करते हैं और हरमोहन अपने पिता जी की इज्जत करते थे। सुखराम सिंह का बेटा मोहित भी अपने पिता की इज्जत करता है। लेकिन उस परिवार के लोग अपने बुजुर्गों की इज्जत करना ही नहीं जानता। इशारा साफ तौर पर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की तरफ ही था।
"बेटा स्वतंत्र है, मैं अंत तक सपा में रहूंगा" : सुखराम
चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्मशताब्दी वर्ष को सफल बनाने के लिए सुखराम सिंह और उनके बेटे ने पिछले करीब एक महीने से पूरी ताकत झोंककर एड़ी-चोटी का जोर लगा रक्खा था। कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में चौधरी परिवार का कोई सदस्य BJP ज्वाइन कर सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। मंच पर जब राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह पहुंचे तो उन्होंने कहा कि “मैं समाजवादी हूं और जीवित रहते तक समाजवादी रहूंगा लेकिन रही बात बेटे की तो वह स्वतंत्र है। वह बालिग है और उसका झुकाव भाजपा की तरफ है”। मतलब मंच से ही सुखराम सिंह ने बगैर कहे सारी बातें स्पष्ट कर दीं। सियासी तस्वीर साफ हो गई कि सुखराम सिंह के बेटे का अपरोक्ष तौर पर BJP में प्रवेश हो चुका है लेकिन औपचारिकताएं अभी शेष हैं। देर-सबेर चौधरी साहब की “तीसरी पीढ़ी” की भाजपा में इंट्री तय है।
Social Media पर Viral हो रहे “कागजात”
Samajwadi Party के संस्थापक सदस्य रहे चौधरी हरमोहन सिंह यादव के गांव में मंडे की शाम को जब भाजपाइयों का “मेला” खत्म हो गया तो सोशल मीडिया पर एक भूमि से जुड़े कुछ दस्तावेज Viral हुए। दावा किया जा रहा है कि Viral कागजात एक बेशकीमती भूमि का है। www.redeyestimes.com (News Portal) इन दस्तावेजों की पुष्टि नहीं करता है। Social Media Report’s की मानें तो उक्त भूमि पर सामुदायिक मिलन केंद्र बनना था, बगल की भूमि पर रामलीला मैदान था। जिसे KDA ने प्लाटिंग कर बिक्री कर दी है। चूंकि सामुदायिक मिलन केंद्र का लैंज यूज नहीं बदला था। चर्चा है कि सपा सरकार के कार्यकाल में यह फाइल पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की टेबल पर पहुंची थी लेकिन नाराजगी की वजह से उन्होंने फाइल बैरंग कर दी। चर्चा ये भी है कि उक्त भूमि पर एक बड़ा संस्थान कई वर्ष पहले खोला जा चुका है। संस्थान पहले बना और लैंड यूज का प्रस्ताव बाद में गया।
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