- जयकांत बाजपेयी के करीबी प्रभात शुक्ला (डब्बू) पर भी लगा NSA
- पहले भी तीन आरोपितों पर हो चुकी है NSA की कार्रवाई
- DM की मंजूरी के बाद पुलिस ने जेल में नोटिस का तामीला करवाया
- Encounter में मारे जा चुके गैंगस्टर विकास दुबे का खजांची था जयकांत
Bikru Case का आरोपी जयकांत बाजपेयी (फोटो साभार---Google) |
Yogesh Tripathi
STF के हाथों Encounter में ढेर हो चुके Uttar Pradesh के सबसे बड़े इनामिया बदमाश Vikas Dubey के खजांची रहे जयकांत बाजपेयी पर Police ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने विकास दुबे और जयकांत बाजपेयी के करीबी प्रभात शुक्ला उर्फ डब्बू के खिलाफ भी NSA की कार्रवाई की है। DM की परमीशन के बाद पुलिस ने Kanpur Dehat जनपद के जिला कारागार में नोटिस का तामीला करवाया। उल्लेखनीय है कि Bikru Case में आरोपी जयकांत बाजपेयी और प्रभात शुक्ला जेल में बंद हैं। पुलिस इससे पहले बिकरू कांड से जुड़े तीन लोगों पर पहले ही NSA की कार्रवाई कर चुकी है।
जयकांत बाजपेयी (फोटो साभार----Google) |
जयकांत ने मुहैया कराए थे कारतूस और रुपए
गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची रहे जयकांत बाजपेयी ने Bikru Case से पहले कारतूस और रुपए मुहैया कराए थे। 2/3 जुलाई 2020 की रात्रि को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने दबिश के दौरान घेरकर अंधाधुंध गोलियों की बौंछार कर दी थी। जिसमें तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। देश और प्रदेश को झकझोर देने वाले इस बड़े कांड के बाद सक्रिय STF ने 10 दिन के अंदर विकास दुबे और उसके पांच गुर्गों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। Kanpur के काकादेव एरिया में एक ऑडी समेत दो लग्जरी कारों की लावारिस हालत में बरामदगी के बाद शक की सूई जयकांत बाजपेयी पर उठी तो STF ने उसे भी टांग लिया। Lucknow में पूछताछ के दौरान जयकांत बाजपेयी ने STF को कई चौंकाने वाली जानकारियां दीं। इसके बाद पुलिस ने उसे भी Arrest कर लिया।
क्या कहती है Police की Report ?
Police Report के मुताबिक जयकांत बाजपेयी ने वारदात से पहले विकास दुबे को .32 बोर के 25 कारतूस और दो लाख रुपए मुहैया कराए थे। उसे पता था कि विकास दुबे बड़े कांड को अंजाम देने जा रहा है फिर भी उसने पुलिस को सूचना देना मुनासिब नहीं समझा। जिसकी वजह से Bikru में बड़ा कांड हो गया। सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई। पुलिस रिपोर्ट की मानें तो जयकांत बाजपेयी की वजह से बिकरू कांड हो गया। Bikru Case के बाद दहशत फैल गई थी। तमाम लोगों को गांव से पलायन करना पड़ा। पुलिस का कहना है कि घटना में प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू भी शामिल रहा था। जिसकी वजह से उसके खिलाफ भी NSA की कार्रवाई की गई है।
पुलिस इससे पहले हीरू दुबे, बब्लू मुसलमान और शिवम उर्फ दलाल के खिलाफ NSA की कार्रवाई कर चुकी है। कानपुर आउटर पुलिस के चौबेपुर थानेदार ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी से NSA की कार्रवाई के लिए अनुमति मांगी थी। जिलाधिकारी का परमीशन मिलने के बाद पुलिस ने NSA की कार्रवाई की।
सौरभ भदौरिया (अधिवक्ता एंव RTI Activist) |
“पुलिस ने गंभीर धाराओं को हटाया” : सौरभ भदौरिया
अधिवक्ता और RTI Activist सौरभ भदौरिया का आरोप है कि Bikru Case की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग और SIT की संस्तुतियों के बाद भी पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस के मुकदमों 268/20 और 383/20 में फर्जी वोटर आइडी, कूटरचित और साक्ष्य मिटाने, फर्जी आधार कार्ड, शपथपत्र एवं अन्य दस्तावेज के प्रमाणित साक्ष्य की मौजूदगी के बाद भी मुकदमें की विवेचना कर रहे विवेचकों ने जयकांत बाजपेयी पर लगी गंभीर धाराओं में खेल करते हुए उसे हटा दिया है।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उसकी बिक्री तक की जा चुकी है। सारे साक्ष्य वह जांच एजेंसियों को सौंप चुके हैं लेकिन उसके बाद भी इन सरकारी जमीनों को बने भूखंडों को अभी तक ध्वस्त नहीं किया गया है। सौरभ भदौरिया का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक जयकांत बाजपेयी के भाइयों पर भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि लालबत्ती गिरोह के सरगना पियूष दिवेदी और जयकांत बाजपेयी का गठजोड़ किसी से छिपा नहीं है। आडियो रिकार्डिंग समेत कई प्रमाण वह जांच एजेंसिय़ों को दे चुके हैं लेकिन कार्रवाई अभी तक शून्य है। बकौल सौरभ भदौरिया Bikru Case के बाद काकादेव में जो लावारिस गाड़ियां पुलिस ने बरामद की थीं। उसमें एक गाड़ी का मालिक राहुल सिंह है। उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत है लेकिन अभी तक पुलिस राहुल को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सौरभ का ये भी आरोप है कि गैंगस्टर एक्ट मामले जयकांत बाजपेयी की तमाम संपत्तियों को अभी तक जब्त नहीं किया गया। इतना ही नहीं अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे जयकांत बाजपेयी और उसके तमाम गुर्गों के गिरोह को पुलिस ने अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया है।
सौरभ का कहना है कि वह Bikru Case के एक मात्र इकलौते गवाह हैं। सुरक्षा के नाम पर उनको एक गनर जिला प्रशासन ने मुहैया कराया था लेकिन बाद में उसे भी छीन लिया गया। जिसकी वजह से उनकी जान को खतरा बना हुआ है।
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