-किराएदार के 13 साल की नाबालिग बेटी को बनाया हवस का शिकार
-बच्ची के चीखने-चिल्लाने पर पहुंचे परिजनों ने आरोपी को रंगे हाथ मौके पर पकड़ा
-बच्ची और उसके परिजनों पर दबाव बनाकर समझौते का असफल प्रयास
-Chakeri Police ने आरोपी के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड कर किया Arrest
-BSP की सरकार आरोपी रिटायर्ड इंस्पेक्टर की बोलती थी तूती
-Fake Good Work के चक्कर में Banda के कांग्रेसी नेता Sanjeev Awasthi को भेजा था जेल
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh की Kanpur Commissionerate Police ने करीब एक दशक पहले अपने कारनामों को लेकर चर्चित रहे UP Police के रिटायर्ड इंस्पेक्टर Dinesh Tripathi को 13 साल की नाबालिग लड़की से Rape के आरोप में Arrest कर लिया है। Chakeri Police ने पीड़िता को मेडिकल के लिए अस्पताल भेजा है। गिरफ्तार Dinesh Tripathi का विवादों से काफी पुराना नाता है। दिनेश त्रिपाठी के रसूख का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि BSP की मायावती सरकार में यह विवादित रिटायर्ड इंस्पेक्टर IPS Officer's की पोस्टिंग तक करवाता था।
DCP (East) Anoop Kumar Singh के मुताबिक आरोपी Dinesh Tripathi को कानपुर-प्रयागराज हाइवे के पास से Arrest किया गया है। आरोपी प्रयागराज जनपद का निवासी है। 2016 में रिटायरमेंट के दौरान Dinesh Tripathi झांसी जनपद में तैनात था।
अपने ही घर में की Rape की वारदात
Dinesh Tripathi करीब एक दशक पहले BSP सरकार के कार्यकाल में Kanpur के "मलाईदार" थानों में तैनात रहा था। इसमें एक थाना Chakeri भी शामिल था। चकेरी में भू-माफियाओं से इसकी सेटिंग जगजाहिर है। तैनाती के दौरान Dinesh Tripathi ने कई मकान और प्लाट खरीदे थे। इसमें एक मकान चकेरी फ्रेंड्स कॉलोनी में लिया। इस मकान में महाराजपुर निवासी एक हलवाई का परिवार किराए पर रहता है।
दिनेश कानपुर आने-जाने के दौरान मकान में ही अक्सर रुक जाता था। Police के मुताबिक तीन दिन पहले भी दिनेश घर आया था। 13 साल की पीड़िता और उसका 17 साल का भाई दिनेश के कमरे में TV देख रहे थे। नींद आने पर पीड़िता का भाई सोने चला गया। इस दौरान पीड़िता टीवी देखती रही। थोड़ी देर बाद उसके चीखने-चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी। मां कमरे में पहुंची तो दिनेश बच्ची को दबोचे हुए आपत्तिजनक हालत में मिला। परिजनों ने किसी तरह बच्ची को आरोपी के चंगुल से छुड़ाकर सूचना पुलिस को दी।
FIR रजिस्टर्ड कर Police ने किया Arrest
Monday को पीड़ित परिवार ने चकेरी थाने में आरोपी रिटायर्ड इंस्पेक्टर Dinesh Tripathi के खिलाफ तहरीर दी। देर शाम चकेरी पुलिस ने IPC की 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत FIR रजिस्टर्ड कर दिनेश त्रिपाठी को गिरफ़्तार कर लिया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अपने रसूख की धौंस देकर आरोपी मुकदमा नहीं लिखाने का दबाव लड़की और उसके परिवार पर बनाता रहा। इसके लिए उसने कुछ घंटे में ही एड़ी से चोटी का जोर लगा डाला लेकिन पीड़ित परिवार ने हिम्मत दिखाते हुए अंततः मुकदमा दर्ज कराया। जिसके बाद Chakeri Police Action में आई। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने किराएदार को घर की देखरेख के लिए रखा था। पीड़िता की मां टिफिन सर्विस का काम करती है।
"आदेश CM House से आ रहा होगा...."
Dinesh Tripathi की मायावती के शासन काल में तूती बोलती थी। "सिस्टम" इतना टाइट था कि IPS Officer's पोस्टिंग के लिए उसके चक्कर काटते थे। किस्सा करीब 13 साल पुराना है। IPS Officer नीरा रावत Kanpur की SSP थीं। देर रात Dinesh Tripathi बाबूपुरवा थाने पहुंचे और तत्कालीन इंस्पेक्टर से चार्ज देने के लिए बोलने लगे। इंस्पेक्टर सकते में आए और बोले मेरा तबादला अब हुआ मुझे नहीं मालूम। कंन्फर्म करने के लिए उन्होंने SSP को पुलिस तत्कालीन CUG नंबर पर काल किया। SSP ने ट्रांसफर नहीं किए जाने की बात कही। इस पर जाने में बैठे Dinesh Tripathi ने तत्कालीन इंस्पेक्टर से मोबाइल लेकर खुद SSP से बात करते हुए कहा, "आदेश थोड़ी देर में CM House से आ रहा होगा"। कुछ देर बाद आदेश भी आ गया। चार्ज लेने के महज कुछ घंटे बाद ही दिनेश त्रिपाठी ने बॉलीवुड अभिनेता और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, तत्कालीन सपा नेता अमर सिंह के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड की। ये मामला तब मीडिया की सुर्खियों में रहा था।
दैनिक जागरण के मालिक और परिवार की धुनाई की
ये घटना भी करीब 12 साल पुरानी है। तब IPS Officer Prem Prakash Singh (SSP, Kanpur) थे। टाटमिल चौराहा स्थित गैंजेस मॉल पर देर रात्रि Party चल रही थी। दैनिक जागरण के महेंद्र मोहन गुप्ता समेत उनके परिवार के तमाम सदस्य भी मौजूद थे। Mid-Night में SSP शहर भ्रमण पर निकले। DJ की तेज ध्वनि कानों में पड़ी तो रेलबाजार थानेदार को निर्देश देकर निकल गए। रेलबाजार पुलिस पहुंची लेकिन मामला जागरण अखबार का देख ख़ामोश हो गई। SSP वापस लौटे तो DJ का शोर थमा नहीं मिला। उन्होंने तुरंत तत्तकालीन बाबू पुरवा (SHO) Dinesh Tripathi को निर्देश दिया। फोर्स लेकर दिनेश त्रिपाठी रेलबाजार थाने की सीमा में एंट्री कर गए। उसके बाद Party में जो कुछ हुआ उसे शायद दैनिक जागरण परिवार कभी भूल नहीं पाएगा। Dinesh Tripathi ने जो भी सामने पड़ा उसकी धुनाई कर दी। महेंद्र मोहन गुप्ता तक को अपमानित होना पड़ा। उस समय वह राज्यसभा सांसद भी थे। परिवार की महिलाओं से दिनेश त्रिपाठी ने न सिर्फ अभद्रता की बल्कि सभी को लादकर थाने ले गए। दिनेश त्रिपाठी को पता था कि मामला काफ़ी बढ़ेगा तो उन्होंने डिफेंस में पुलिस के हथियार (तस्करा) का प्रयोग किया।
Court से भगोड़ा घोषित होने पर जा चुका है जेल
आरोपी Dinesh Tripathi वर्ष 2011 में SHO कलेक्टरगंज के पद पर तैनात था। 2 फरवरी 2011 को उसने Banda के दिग्गज कांग्रेसी नेता संजीव अवस्थी को पांच लाख के नकली नोट के साथ Arrest किया। चूंकि मामला पूरी तरह से झूठा था। कांग्रेसी नेता ने पुलिस के गुडवर्क को सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में दिनेश के फर्जी गुडवर्क की पोल खुलने लगी। जिसमें कोर्ट ने पुलिस के वकील से पूछा कि जब केस फर्जी निकला तो फिर यह पांच लाख के नकली नोट हैं किसके...??? Supreme court ने रिटायर इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के आदेश दिए। उसके बाद Dinesh ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सारे हथकंडे अपनाए। Court ने भगोड़ा घोषित किया। लंबे समय तक वह भगोड़ा घोषित होने के बाद बेख़ौफ़ होकर घूमता-फिरता रहा। कांग्रेस नेता संजीव अवस्थी और मीडिया के दबाव में उसने सरेंडर किया। न्यायिक अभिरक्षा में अदालत ने उसे सलाखों के पीछे भेजा था।
ऐसे नीच और समाज के दुश्मन किया अदालत ऐसी सजा दे ताकि इसका बुढ़ापा तड़प तड़प कर जेल में ही गुजर जाए
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