- Congress प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और सलमान खुर्शीद पहुंचे अफसार के घर
- पीड़ित परिवार से घटनाक्रम की कांग्रेस नेताओं ने ली जानकारी
- सुप्रिया श्रीनेत ने मासूम बच्ची को गले लगाया, बोलीं डरना नहीं
पीड़ित परिवार से मुलाकात करती कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद। |
Yogesh Tripathi
Congress नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को Kanpur के बर्रा भाग-8 स्थित पीड़ित अफसार अहमद के घर पहुंचकर मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित परिवार से उनका दुःख-दर्द सुनने के बाद संकट की हर घड़ी में साथ देने का वादा किया। इस दौरान कांग्रेस की दिग्गज नेत्री और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बच्ची को गले लगा उसे काफी देर तक दुलराती रहीं। उन्होंने बच्ची से कहा कि कभी डरना नहीं। पीड़ित परिवार ने कांग्रेस नेताओं को अपने साथ हुई घटना के बाबत सिलसिलेवार ढंग से जानकारी दी। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद भी मौजूद रहे। इस दौरान Ex.MLA संजीव दरियाबादी भी मौजूद रहे।
अफसार अहमद की पीड़ित मासूम बच्ची को सीने से लगाए बगैर नहीं रह सकीं कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत। |
- पीड़ित परिवार से मुलाका के बाद Supriya Shrinate Tweet कर लिखा कि "कानपुर में उस बच्ची से मिले बिना रहा नहीं गया, उसने अपने पिता के साथ बदसलूकी देखी। यह बच्ची सहमी हुई है, इसकी खोज कौन लेगा ? किसने इन दंगाइयों को इस तरह से गुंडागर्दी करने का हौसला दिया ? मोदी जी कहां ले आए आप मेरे देश को..? "
गौरतलब है कि तीन दिन पहले बर्रा में पड़ोसियों के बीच हुए विवाद को बजरंग दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बेवजह तूल देते हुए मामले को धर्मांतरण से जोड़ने की न सिर्फ कोशिश की बल्कि पीड़ित को घर से खींचकर पीटते हुए रामगोपाल चौराहे तक लाए। घटनाक्रम पुलिस की मौजूदगी में हुआ। सोशल मीडिया पर वीडियो वॉयरल होने के बाद पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर तीन लोगों को Arrest किया लेकिन बाद में CRPC Notice (41-A) का प्रयोग करते हुए SHO ने आरोपितों को थाने से छोड़ दिया। पुलिस ने यहां पर IPC की धारा 153-A का प्रयोग नहीं किया।
Kanpur के बर्रा में हुए इस घटनाक्रम का वीडियो अब देश के बाहर भी वॉयरल हो रहा है। सभी विपक्षी दलों ने वीडियो को ट्वीट कर सूबे की सरकार की सरकार पर तीखे हमले कर UP Police की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान उठाए हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि गरीबों पर इस तरह की बर्बरता करने का का कथित लोगों को आखिर लाइसेंस किसने दे रखा है ? पुलिस ने इतनी बड़ी घटना की रिपोर्ट मामूली मारपीट की धाराओं में क्यों दर्ज की ? जबकि वीडियो में साफ स्पष्ट है कि पीड़ित को मारते हुए धार्मिक नारेबाजी कर पीड़ित से भी नारा बुलवाने का दबाव बनाया गया। इस तरह की घटनाएं सभ्य समाज को शर्मशार करने वाली है।
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