- नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन कर परोसी जा रही थी शराब
- कोतवाली और छावनी पुलिस ने दर्ज दर्ज की FIR
- डैमेज को कंट्रोल करने में जुटे रहे शहर के कई "सफेदपोश"
Yogesh Tripathi
शासन और प्रशासन को अपने अंगुलियों के इशारों पर नचाने वाले रसूखदार Vikas Malhotra के खिलाफ Kanpur Commissionerate Police ने शहर के कोतवाली और छावनी एरिया में FIR रजिस्टर्ड की है। करीब दो दशक से सत्ता के गलियारों में मजबूत पकड़ बना चुके Vikas Malhotra और उनके मैनेजरों पर आरोप है कि सभी के इशारे पर नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन कर देर रात होटल और क्लब में शराब परोसी जा रही थी। सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि यहां सैकड़ों की भीड़ भी जमा थी और नाच-गाना भी बदस्तूर जारी था। पुलिस की FIR में इन बातों का जिक्र है।
www.redeyestimes.com (News Portal) के पास जो जानकारियां है उसके मुताबिक FIR रजिस्टर्ड हो गई है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होगा। जल्द ही डैमेज को कंट्रोल कर लिया जाएगा। उसकी कवायद शनिवार से जारी है।
Mid-Night में परोसी जा रही थी शराब
Uttar Pradesh Government ने यूं तो Lockdown की बंदिशों से पहरा उठा दिया है लेकिन रात्रि के समय नाइट कर्फ्यू अब भी जारी है। Kanpur Commissionerate Police इसका पालन भी करवा रही है। शुक्रवार/शनिवार की देर रात्रि होटल लैंडमार्क के 10वीं मंजिल और 16वीं मंजिल पर बने Club में शराब पार्टी चल रही थी। संपन्न घरों के दर्जनों युवक-युवतियां डांस कर रहे थे। सूचनातंत्र पर विश्वास कर कोतवाली पुलिस ने छापे की कार्रवाई की तो हड़कंप मच गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पार्टी को बंद करवा दिया। कोतवाली में लैंडमार्क के मैनेजर आशीष और मालिक Vikas Malhotra के खिलाफ महामारी एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
कैंट पुलिस की Status Club में छापे की कार्रवाई
कोतवाली के बाद कैंट पुलिस ने भी Status Club के बंगला नंबर 58 में पहुंचकर छापे की कार्रवाई की। यहां पर भी पार्टी में न सिर्फ लोग डांस कर रहे थे बल्कि उन्हें खुलेआम शराब परोसी जा रही थी। कैंट पुलिस ने Status Club के मालिक विकास मल्होत्रा के साथ शैलेंद्र और उमेश पांडेय के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन की धाराओं में FIR रजिस्टर्ड की।
Social Media में Video Viral होने पर नींद से जागी Police
होटल लैंडमार्क और स्टेटस क्लब में पार्टी के दौरान देर रात्रि शराब परोसे जाने का Video सोशल मीडिया पर Viral होने के बाद कोतवाली और कैंट थाने की पुलिस नींद से जागी। दोनों ही थानेदारों ने पूरे मामले में डैमेज को कंट्रोल करने की भरपूर कोशिश की लेकिन तब तक मामला सीनियर अफसरों तक जा पहुंचा। पुलिस कमिश्नर (CP) असीम अरुण के निर्देश पर अंततः दोनों ही थानों की पुलिस को FIR रजिस्टर्ड करनी पड़ी। सूत्रों की मानें तो जो वीडियो वायरल हुए हैं वह होटल लैंडमार्क और स्टेटस क्लब के ही बताए जा रहे हैं।
थानेदारों की “ना”, ADCP “हां”
मामला जब Kanpur के सबसे बड़े रसूखदार व्यक्ति से जुड़ा हो तो थानेदार क्या ? अच्छे-अच्छे अधिकारी सरेंडर कर देते हैं। कुछ ऐसी ही हनक Vikas Malhotra ने भी पिछले करीब दो दशक से बना रखी है। छोटे-मोटे पुलिस अधिकारियों की हिम्मत भी नहीं है कि विकास मल्होत्रा की गर्दन पर हाथ डाल सकें। यही वजह रही कि Video Viral होने के बाद दोनों थानों के थानेदार मीडिया से दूरी बनाए रखते हुए कोई भी जानकारी देने से साफ इनकार करते रहे। हालांकि इन थानेदारों का भी दोष नहीं है। उन्हें सब पता है कि देर रात्रि तक कौन-कौन हस्तियां लैंडमार्क और स्टेटस क्लब में आयोजित होने वाली पार्टी के दौरान शामिल होती हैं ? यही वजह है कि सभी ने मुंह बंद रखने में भलाई समझी। लेकिन जब FIR रजिस्टर्ड हो गई तो ADCP (East) सोमेंद्र ने इसकी पुष्टि की।
स्टोरी ब्रेक होने पर विकास मल्होत्रा को करीब एक करोड़ रुपए से अधिक की स्टाम्प ड्यूटी भरनी पड़ी थी। |
कौन है Vikas Malhotra ?
Uttar Pradesh की हर सरकार में अपना “सिस्टम” मजबूत रखने वाले Vikas Malhotra की गर्दन पर पुलिस जल्दी हाथ नहीं डालती है। तमाम ऐसे मौके आए जब विकास के खिलाफ IPC की संगीन धाराओं में मुकदमें पंजीकृत हुए लेकिन पुलिसिया कार्रवाई “शून्य” रही। कैंट के बंगला नंबर 58 में खुले स्टेटस क्लब के मालिक विकास मल्होत्रा ने होटल लैंडमार्क में भी बड़ी रकम लगा रखी है। कुल मिलाकर यूं कहें कि मोटी पत्ती है। साथ ही नवीन मार्केट के पास होटल ट्रीट भी विकास मल्होत्रा का ही है। विकास मल्होत्रा के होटल और क्लब जहां-जहां पर हैं वहां शराब परोसी ही जाती है। विकास मल्होत्रा के इन होटल और क्लब में सामान्य व्यक्ति के प्रवेश पर पूरी तरह से बैन रहता है। Portal के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो Status Club में तो नीली बत्ती वाली गाड़ियों की लाइन शाम से ही लगनी स्टार्ट हो जाती है। तमाम शासनिक और प्रशासनिक अफसर यहां पर शाम होते ही पहुंचने लगते हैं। आसपास के जनपदों से कई अफसर तो ऐसे हैं कि जिनकी सप्ताह में आमदरफ्त दो से चार बार हो जाती है।
बंगला नंबर 57 के विवाद को हाईकोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान
विकास मल्होत्रा का विवादों से पुराना नाता रहा है। बंगला नंबर 57 पर कब्जे को लेकर काफी पुराना विवाद चल रहा है। यह बंगला Status Club के ठीक बगल में है। Portal के सूत्रों के मुताबिक तमाम नियमों को ताक पर रखकर विकास मल्होत्रा ने इस बंगले की सेल डीड बनवा ली थी। नियमतः सील डीड नहीं होनी चाहिए थी। इस बंगले की सेल डीड बनने के मामले ने करीब 13 साल पहले काफी तूल पकड़ा था। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर स्वतः संज्ञान में लिया था। लेकिन विकास मल्होत्रा का रसूख ऐसा था कि सेना के तमाम बड़े अफसर भी उसके आगे “हथियार” डाल देते हैं। सत्ता में कोई भी राजनीतिक दल हो लेकिन विकास मल्होत्रा का “सिक्का” ही चलता है।
DM, SSP और बिग्रेडियर तक को हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
रक्षा मंत्रालय की भूमि पर लिखापढ़ी में परमीशन का उल्लेख न कर सिर्फ 1836 की नोटिस का हवाला देकर बंगला नंबर 57 की सेल डीड बनवाने वाले विकास मल्होत्रा के इस प्रकरण को हाइकोर्ट ने करीब एक दशक पहले स्वतः संज्ञान लिया था। तब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहर के तत्कालीन जिलाधिकारी, एसएसपी और बिग्रेडियर को कड़ी फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ काफी तल्ख टिप्पणी भी की थी। कुछ साल बाद हाईकोर्ट ने बंगला नंबर 57 से संबंधित एक जजमेंट भी विकास मल्होत्रा के खिलाफ दिया। लेकिन इसे विकास मल्होत्रा का रसूख कहा जाए या फिर संयोग ? आदेश की फाइल ही हाईकोर्ट से “लापता” हो गई। लंबे समय तक सरकारी फाइल को खोजा गया लेकिन जब यह फाइल नहीं मिली तो निचले स्तर के करीब आधा दर्जन कर्मचारियों की नौकरी पर बन आई। ये सभी अभी भी नौकरी की सेवा से बाहर हैं। उल्लेखनीय है कि छावनी बोर्ड की भूमि का स्वामी यूनियन ऑफ इंडिया है। विकास मल्होत्रा ने बंगला नंबर 57 को लेकर जो सेल डीड बनवाई है उसके विक्रय और नक्शे में काफी अंतर है।
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