• Congress & BJP में रह चुके हैं छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष
  • BSP में निचले पायदान पर सबकुछ हो चुका है "OK" 
  • 27 जुलाई के बाद कभी भी हो सकती है उम्मींदवारी की घोषणा


Yogesh Tripathi

DBS College के Ex. President जल्द ही BSP के "हाथी" की "सवारी" कर सकते हैं। खबर है कि उन्होंने गोविंदनगर विधान सभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की शर्त BSP कैडर के नेताओं के सामने रखी है। निचले पायदान पर करीब-करीब सब "OK" भी हो चुका है। बड़े सूत्रों की मानें तो "टोकन" सिस्टम के बाद उनके उम्मींदवारी की घोषणा 27 जुलाई के बाद हो सकती है। "नेताजी" ने अपने करीबी लोगों को उन्होंने चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं। www.redeyestimes.com (News Portal) से BSP के एक लोकल पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि संभव है कि अगले कुछ दिन में उनके प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा कर दी जाए। यदि वह BSP में शामिल हुए तो निश्चित तौर पर गोविंदनगर विधान सभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी होंगे। चूंकि बसपा भी चाहती है कि यदि चेहरा चर्चित होगा तो चुनाव में लड़ाई दिलचस्प होगी। 

South City एरिया के अंतर्गत रहने वाली "नेताजी" लंबे समय तक Congress की सरकार में सक्रिय रहे थे। एक कबीना मंत्री के साथ-साथ पूर्व सांसद के भी वह करीबी रहे लेकिन कहते हैं कि राजनीति में ऊंट कब किस करवट बैठ जाए यह कोई नहीं जानता है। 

केंद्र और यूपी में भगवा लहर देख "नेताजी" का Congress से मोह भंग हो गया और वह BJP में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने खुद को गोविंदनगर विधान सभा से प्रत्याशी बनाए जाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था लेकिन सफलता नहीं मिली। लंबे समय तक बीजेपी में रहने के बाद "भविष्य" को देखते हुए "नेताजी" ने BSP का "महावत" बनने की ठान ली। लेकिन कहते हैं कि बसपा में हाथी का "महावत" बनाने से पहले सवारी (टोकन) सिस्टम आवश्यक होता है। जो अभी तक नहीं हो सका है। 

सूत्रों की मानें तो जल्द ही "नेताजी" के उम्मींदवारी की घोषणा हो सकती है। राजनीति के जानकारों की मानें तो यदि "नेताजी" को गोविंदनगर विधान सभा सीट से बसपा प्रत्याशी बनाती है तो चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प होगी। क्यों कि साउथ सिटी में "नेताजी" का सिस्टम टाइट है। ऐसे में BJP & Congress के प्रत्याशियों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। खासतौर पर कांग्रेस प्रत्याशी को, क्यों कि "नेताजी" और गोविंदनगर विधान सभा उपचुनाव में रनर अप रहीं करिश्मा ठाकुर और "नेताजी" प्रत्याशी सजातीय हैं। इससे बिल्कुल साफ है कि दिक्कत कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी के मुकाबले कहीं अधिक होगी।

 

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