- Congress के Ex. President राहुल गांधी के करीबी लोगों में होती है गिनती
- BSP के टिकट पर रनिया विधानसभा से चुनाव लड़ने का मूड बना रहे हैं पूर्व सांसद
- जोनल स्तर पर अपने पुराने करीबी बसपा नेताओं के टच में बने हैं कांग्रेसी नेता
- BSP सुप्रीमों के "ग्रीन सिग्नल" पर ही Final होगी कांग्रेस दिग्गज की टिकट
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh Election (2022) के “शंखनाद” में अभी कुछ महीने का समय बाकी है लेकिन विधायकी का चुनाव लड़ने के इच्छुक तमाम राजनीतिक दलों के नेता “सियासी चौसर” पर अपनी “गोटियां” बिछाने में व्यस्त हो गए हैं। Kanpur प्रदेश की राजनीति का सेंटर प्वाइंट है। ऐसे में यहां पर सियासी हलचल होना स्वाभाविक है। चर्चाओं और खबरों की मानें तो Kanpur के एक दिग्गज कांग्रेसी नेता विधायकी का चुनाव लड़ने के लिए पाला बदलने की तैयारी में हैं। कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़कर वह अब BSP के हाथी का एक बार फिर “महावत” बनने के लिए बेताब दिखाई दे रहे हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो दिग्गज की गिनती Congress के Ex.President राहुल गांधी के करीबी लोगों में होती रही है। UPA की सरकार में दिग्गज को CRPF की सुरक्षा के साथ एस्कार्ट भी मुहैया राहुल गांधी ने करवाई थी लेकिन इस बीच “माननीय” बनने की लालसा में वह फिर पुराने घर में वापसी करने के लिए ताना-बाना बुन रहे हैं।
www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में BSP के एक नेता ने इस बात के संकेत देते हुए बताया कि जोनल स्तर पर कांग्रेस के दिग्गज ने अपने पुराने करीबी लोगों से कई बार संपर्क साधा है। कांग्रेसी नेता Kanpur Dehat की रनिया विधान सभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। यदि बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने “ग्रीन सिग्नल” दे दिया तो चुनाव में वह हाथी के “महावत” बन सकते हैं। जानकार सूत्रों की मानें तो हाल के कुछ महीनों में कांग्रेसी दिग्गज का पार्टी के अंदर ग्राफ भी काफी गिरा है। दिग्गज को पता है कि लोकसभा चुनाव में अभी तीन साल का वक्त है, विधान सभा चुनाव के बाद पांच साल फिर निकल जाएंगे। ऐसे में विधायक बनने की महत्वकांक्षा ही उनको फिर से बसपा में जाने के लिए बाध्य किए हुए है। ये कांग्रेसी दिग्गज पूर्व में बसपा के हाथी का “महावत” बनकर संसद भवन पहुंचे थे।
फिलहाल लंबे समय से नेताजी कांग्रेस पार्टी में बने हुए थे। कांग्रेस के टिकट पर 2009 में वह लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे। इस दौरान वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी लोगों की लिस्ट में शामिल हुए। नेता जी यूपीए सरकार में राज्यमंत्री तक बनने के करीब पहुंच गए थे लेकिन ऐन वक्त पर “समीकरण” बिगड़ गया था। हालांकि बाद में राहुल गांधी की “कृपा” से पूर्व सांसद की सुरक्षा में CRPF लगाई गई थी। साथ ही उनको एस्कार्ट भी मुहैया हो गई थी। BSP सूत्रों की मानें तो अभी कई और राजनीतिक दलों के नेता बसपा के संपर्क में बने हुए हैं। संभव है कि चुनाव की घोषणा से पहले इन सभी को पार्टी ज्वाइन करा दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की पकड़ अपनी बिरादरी में तगड़ी है। सिर्फ रनिया विधान सभा ही नहीं कानपुर की बिठूर, घाटमपुर और महाराजपुर विधान सभा में दिग्गज की पकड़ अपनी बिरादरी पर काफी तगड़ी है। रनिया में उनकी पकड़ तगड़ी है साथ ही यहां उनकी बिरादरी के वोटर्स की संख्या भी ठीक-ठाक है।
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