-भाजपा संगठन के राष्ट्रीय महासचिव B.L Santosh का UP दौरा खत्म
-सरकार, संगठन और मातृ संगठन (RSS) के साथ कई राउंड Meeting की
-आज देर शाम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को B.L Santosh सौपेंगे रिपोर्ट
-बीजेपी संगठन को “सियासी भूकंप” के बड़े झटके लगना तय
Yogesh Tripathi
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव B.L Santosh और Uttar Pradesh (BJP) के प्रभारी राधामोहन सिंह का दौरा खत्म हो चुका है। 48 घंटे के इस तूफानी दौरे में दोनों दिग्गजों ने आधा दर्जन से अधिक Meeting कर Uttar Pradesh सरकार, संगठन और मातृ संगठन (RSS) के बड़े सूरमाओं से लंबी बातचीत की। Lucknow स्थित BJP (Office) में चली पांच घंटे की बैठक में UPBJP के प्रेसीडेंट स्वतंत्र देव सिंह Out रहे। वह बैठक के खत्म होने के बाद पहुंचे। देर रात्रि आखिरी बैठक में UPCM Yogi Adityanath ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर अभिषेक कौशिक (OSD) को भेजा। B.L Santosh बुधवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे। खबर है कि देर शाम उनकी अहम बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ होगी। जिसमें वह Uttar Pradesh की सरकार, संगठन का रिपोर्ट कार्ड सौंपेगे। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट कार्ड के बाद “दिल्ली दरबार” सरकार और संगठन पर अहम फैसला लेगा। RSS के बड़े पदाधिकारियों की मानें तो संगठन की “सर्जरी” होना तय है। इस सर्जरी के बाद UPBJP “सियासी भूकंप” के झटके कई बड़े नेताओं को लग सकते हैं।
क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ Meeting
BJP के राष्ट्रीय संगठन महासचिव B.LSantosh ने Uttar Pradesh के सभी 6 क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ अहम मीटिंग की। मीटिंग के दौरान गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह सैंथवार, अवध के क्षेत्रीय अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा, कानपुर के मानवेंद्र सिंह, ब्रज क्षेत्र के रजनीकांत महेश्वरी, पश्चिमी क्षेत्र के मोहित बेनीवाल, काशी क्षेत्र से महेश श्रीवास्तव मौजूद रहे। सभी से संगठन और सरकार के आपसी समन्वय के साथ-साथ कई बिन्दुओं पर बातचीत कर जानकारी ली गई। सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों ने बेलगाम हो चुकी नौकरशाही की कार्यशैली में खासी नाराजगी जताई। खास बात ये रही कि इस महत्वपूर्ण Meeting में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को शामिल नहीं किया गया। स्वतंत्र देव सिंह मीटिंग खत्म होने के बाद BJP (Office) पहुंचे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के दोनों डिप्टी सीएम, केशव प्रसाद मौर्य, डॉक्टर दिनेश शर्मा, सतीश महाना, सतीश दिवेदी, स्वामी प्रसाद मौर्य, महेंद्र सिंह समेत करीब एक दर्जन मंत्रियों के साथ एक पर एक बातचीत कर फीडबैक दोनों दिग्गज नेताओं ने लिया।
भारती भवन में RSS के सूरमाओं संग पांच घंटे Meeting
बीजेपी कार्यालय में क्षेत्रीय अध्यक्षों और सरकार के करीब एक दर्जन से अधिक मंत्रियों संग मीटिंग करने के बाद B.L Santosh राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के लखनऊ स्थित कार्यालय भारती भवन पहुंचे। उनके साथ UPBJP के महामंत्री गोविंद शुक्ला मौजूद रहे। भारती भवन में B.L Santosh ने RSS के तीन बड़े सूरमाओं क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, प्रांत प्रचारक कौशल जी, कानपुर क्षेत्र के प्रांत प्रचारक श्रीराम जी के साथ करीब पांच घंटे से अधिक समय तक मैराथन मीटिंग की। यहां पर भी संगठन और सरकार के समन्वय के बाबत जानकारी ली गई। नौकरशाही पर संघ के तीनों बड़े दिग्गजों ने भारी नाराजगी जताते हुए तमाम जानकारियां साझा की। इसमें पिछले दिनों कानपुर के कल्याणपुर में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए बेलगाम नौकरशाही और प्रशासन के बाबत बताया गया। कुल मिलाकर नौकरशाही को लेकर फीडबैक बेहद खराब मिला।
मीटिंग खत्म करने के बाद B.L Santosh और गोविंद शुक्ला एक बार फिर बीजेपी कार्यालय पहुंचे। यहां पर सुनील बंसल, राधामोहन सिंह, स्वतंत्र देव सिंह के साथ एक बार फिर मीटिंग की गई। इस मीटिंग में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने अभिषेक कौशिक (OSD) को अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा।
हर तरफ से नौकरशाही के खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट
सरकार, संगठन और मातृ संगठन (RSS) के साथ कई दौर की मीटिंग के बाद जो बात खुलकर सामने आई वो बेहद चौंकाने वाली है। सरकार के मंत्रियों, संगठन के बड़े पदाधिकारियों और RSS के सूरमाओं ने बेलगाम हो चुकी नौकरशाही पर खासी नाराजगी जताते हुए कई घटनाओं का ब्यौरा भी दिया। सभी की तरफ से कहा गया कि बेलगाम अफसरों की वजह से सरकार की छवि बेहद खराब हो रही है। सांसद, मंत्री, विधायक और संगठन के पदाधिकारियों की बातों को बेलगाम अफसर बिल्कुल भी नहीं सुनते हैं। सरकार की छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका खामियाजा 2022 के चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। इसके साथ ही सूबे के जातिगत और क्षेत्रीय “समीकरण” भी बीजेपी के दोनों दिग्गजों ने फीडबैक लिया।
दिल्ली और लखनऊ “दरबार” के बीच खिंची हैं “तलवार”
खबरों और चर्चाओं की मानें तो दिल्ली और लखनऊ “दरबार” के बीच पिछले छह महीने से दो “शीतयुद्ध” चल रहा था वह अब खुलकर सामने आने लगा है। सरकार, संगठन और मातृ संगठन (RSS) के दिग्गज भले ही कुछ न कहें लेकिन पार्टी के अंदरखाने में चल रहे सियासी उठापटक अब दिखाई देने लगी है। चर्चा है कि दिल्ली और लखनऊ “दरबार” के बीच “तलवार” खिंची हुई है। लखनऊ दरबार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। शायद यही वजह रही कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम मीटिंग में अपने OSD अभिषेक कौशिक को प्रतिनिधि के तौर पर भेजा। भाजपा कार्यालय में पांच घंटे तक चली मैराथन मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह क्यों नहीं शामिल हुए ? इसको लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं हैं। चर्चा तो इस बात की भी है कि “सरकार” का संदेश लेकर योगी आदित्यनाथ के एक कद्दावर मंत्री मंगलवार की शाम तक दिल्ली स्थित यूपी भवन में मौजूद रहे। शाम तक उनकी मीटिंग “दिल्ली दरबार” के साथ तय नहीं हो पाई थी।
संगठन की “सर्जरी” और मंत्रिमंडल का विस्तार पक्का
पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन में बड़े बदलाव को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। खबरों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी तल्ख हैं। उन्होंने गवर्नर से लेकर तमाम दिग्गजों को बातचीत के दौरान ताकीद भी दे दी है। खबर है कि हिन्दुत्व का एजेंडा कमजोर पड़ता देख “दिल्ली दरबार”ने जो कदम बढ़ाए थे उसे वापस खींच लिए हैं। अब सिर्फ मंत्रिमंडल के विस्तार और संगठन की “सर्जरी” पर फोकस किया जा रहा है। मंत्रीमंडल विस्तार में अरविंद शर्मा को कैबिनेट में क्या डिप्टी सीएम बनाया जाएगा ? यह देखना अब दिलचस्प होगा। क्यों कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी सबसे अधिक बताई जा रही है। इसके संकेत भी देर रात्रि को मिल गए। जब BJP के राष्ट्रीय संगठन महासचिव ने Tweet कर मुख्यमंत्री कोरोना प्रबंधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की।
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