-चीफ मेट्रोपोलिटेन मजिस्ट्रेट (CMM) Court ने खारिज की जमानत अर्जी

-अपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता देखते हुए कोर्ट ने दिया आदेश

-CMM Court के बाहर मौजूद रही कई दर्जन अधिवक्ताओं की भीड़ 

Yogesh Tripathi

Kanpur के South City स्थित नौबस्ता थाना एरिया में बुधवार को पुलिस कस्टडी से 25 हजार के इनामी हिस्ट्रीशीटर Manoj Singh को धक्का-मुक्की कर पुलिस कस्टडी से छुड़ाने वाले BJP से निष्कासित नेता नारायण सिंह भदौरिया, और सिपाही पुत्र रॉकी यादव समेत तीन आरोपितों की जमानत अर्जी चीफ मेट्रोपोलिटेन मजिस्ट्रेट (CMM) की Court ने खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट के अंदर और बाहर अधिवक्ताओं की भारी भीड़ जमा रही। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने CMM Court में तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी पर पक्ष रखा। मजिस्ट्रेट शैलेंद्र यादव ने आरोपितों के आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते जमानत खारिज कर दी। Court से जमानत खारिज होने के बाद अब मुल्जिमों की जेल से रिहाई नहीं हो सकी। 


 

विधि विशेषज्ञों की मानें तो अब खारजा आदेश लेने के बाद मुल्जिमों के वकील जिला जज की अदालत में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र देंगे। जिसके बाद जिला जज तारीख मुकर्रर कर सुनवाई करेंगे। जमानत खारिज होने के बाद नारायण सिंह भदौरिया और अन्य आरोपितों के समर्थकों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। 


 

Naubasta Police ने नारायण सिंह भदौरिया, राकी यादव समेत तीन आरोपितों को शुक्रवार सुबह नोएडा में अलग-अलग जगहों पर छापे की कार्रवाई करते हुए Arrest किया था। शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सभी आरोपितों को रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में देर रात्रि पेश किया गया। तीनों अभियुक्तों की जमानत के लिए अर्जी भी दी गई थी लेकिन रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में अभियोजन ने अपराधिक इतिहास का ब्यौरा मांगा लिया। जिसकी वजह से समय मिल गया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में शनिवार रात चौबेपुर स्थित अस्थाई जेल के अंदर दाखिल करा दिया।कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 7 जून की तारीख मुकर्रर की थी।

सोमवार सुबह से ही CMM Court के बाहर अधिवक्ताओं की भीड़ जमा होने लगी। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी पर अपना पक्ष रखा। मुख्य महानगरीय मजिस्ट्रेट शैलेंद्र यादव ने तीनों मुल्जिमों के आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसमें पार्टी नेताओं के साथ कई अधिवक्ता मौजूद थे। पार्टी में बर्रा थाने का हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह भी पहुंचा था। जिसकी खबर पुलिस को लग गई। नौबस्ता पुलिस ने दबिश देकर मनोज को गिरफ्तार कर लिया और जीप में बैठाकर थाने ले जाने लगी।

क्या है हिस्ट्रीशीटर Manoj Singh को भगाने का मामला ?

घटना 2 जून 2021 की है। नौबस्ता हमीरपुर रोड स्थित आकर्षण गेस्ट के बाहर पुलिस ने 25 हजार के इनामी हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को पकड़ लिया। मनोज सिंह गेस्ट में चल रही बीजेपी के तत्कालीन जिला मंत्री नारायण सिंह भदौरिया की पार्टी में शामिल होने के लिए आया था। पुलिस की जीप में बैठते ही मनोज ने शोर मचा दिया। जिसके बाद बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ गेस्ट हाउस से बाहर आ गई और पुलिस की सरकारी जीप को घेर लिया। धक्का-मुक्की और अभद्रता कर भाजपाइयों ने पुलिस को बंधक बना लिया। इस बीच कुछ लोग हिस्ट्रीशीटर को पुलिस की जीप से खींचकर भगा ले गए।

सोशल मीडिया पर वॉयरल वीडियो के आधार नौबस्ता पुलिस ने नारायाण सिंह भदौरिया, राजबल्लभ पांडेय, रॉकी यादव, बाबा ठाकुर समेत 9 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया। 48 घंटे बाद पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को बर्रा स्थित उसके घर से थोड़ी दूरी पर गिरफ्तार कर लिया। जबकि नारायण भदौरिया, राकी यादव समेत तीन लोगों को सर्विलांस सेल की मदद से पुलिस टीम ने नोएडा में गिरफ्तार किया था।

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