-BJP की फजीहत कराने के बाद “गहरी नींद” से जागा हाईकमान
-गुरुवार को जिला मंत्री पद से हटाया गया था नारायण भदौरिया
-नोएडा में गिरफ्तारी के बाद BJP ने किया “नारायण” निष्कासित
Yogesh Tripathi
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अंतत: अपने “नारायण” से मुंह मोड़ना ही पड़ गया। BJP संगठन पर धब्बा लगाने वाला नारायण सिंह भदौरिया अब पुलिस के शिकंजे में है। फ्राइ-डे की दोपहर पुलिस ने उसे नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। उसके गिरफ्तारी की खबर मिलते ही भाजपा ने भी अपने “नारायण” से हाथ छुड़ा लिया। हाईकमान का फरमान आया और दक्षिण जिलाध्यक्ष ने लैटर पैड पर पेन से निष्कासन की चार लाइनें लिखकर सोशल मीडिया में वॉयरल कर दीं। निष्कासन का यह पत्र Viral होते ही थेथरई और बेशर्मी के साथ कल तक नारायण भदौरिया के साथ खड़े रहने वाले उसके समर्थकों के खेमें में मानों “वज्रपात” गिर गया। लेकिन BJP के अंदर एक खेमे में खुशी की लहर भी दौड़ गई।
आरोपितों के खिलाफ विरोधी खेमे ने की जोरदार "बैटिंग"
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो दरअसल यह खेमा घटना वाले दिन से नारायण भदौरिया समेत सभी आरोपितों की घेराबंदी कर उनका “शिकार” करने में जुट गया था। काफी हद तक भाजपा का यह खेमा सफल भी रहा। उसके पीछे की वजह ये है कि इस कांड में शहर पुलिस की काफी फजीहत हो रही थी, लिहाजा गिरफ्तारी तो बनती थी। वो एक अलग बात है कि धाराओं में “बाजीगरी” पहले ही दिन हो गई थी। घटना के 24 घंटे बाद भी बीजेपी और उसके तमाम नेता व कार्यकर्ता मजबूती के साथ नारायण सिंह भदौरिया के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। घटना के बाद यह बताया गया कि नारायण भदौरिया मौजूद ही नहीं था लेकिन जब वीडियो में वह दिखा तो कहानी में तमाम तरह के ट्विस्ट आए। सोशल मीडिया की वजह से यह कांड नेशनल टीवी चैनलों पर भी छाया रहा। राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने मामले को संज्ञान में लिया। तल्ख तेवरों में नाराजगी जाहिर की गई तो निष्कासन कर दिया गया।
हाईकमान के "सिग्नल" पर जिलाध्यक्ष ने किया निष्कासित
चर्चाओं और खबरों की माने तो UPBJP के कई नेता दिल्ली हाईकमान को तर्क-कुतर्क के साथ पिछले 24 घंटे से बचाव में “कहानी” गढ़ते नजर आए। हालांकि प्रदेश नेतृत्व अपनी गढ़ी “कहानी” से दिल्ली हाईकमान को संतुष्ट नहीं कर पाया। नतीजा अब सबके सामने है। इस बीच कई Video सोशल मीडिया में Viral हुए। जिसकी वजह से गढ़ी “कहानी” में छेद साफ नजर आने लगा। हाईकमान की फटकार के बाद लोकल संगठन बैकफुट पर आ गया। यही वजह रही कि पुलिस ने नारायण सिंह भदौरिया समेत अब तक पांच लोगों को Arrest कर लिया। अभी तक पुलिस की दबिशों का दौर जारी है। माना जा रहा है कि अगले 48 घंटों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। उसके गिरफ्तारी की भनक लगते ही तुरंत BJP (South) की प्रेसीडेंट डॉक्टर बीना आर्या ने नारायण के निष्कासन का पत्र जारी कर दिया।
गिरफ्तारी की पुष्टि के लिए मीडिया के पास घनघनाए फोन
नारायण सिंह भदौरिया की समेत 4 लोगों के Arresting की खबर सोशल मीडिया में फ्राइ-डे की दोपहर ही वॉयरल होने लगी। पुष्टि के लिए बीजेपी नेता मीडिया के लोगों को फोन करते नजर आए। www.redeyestimes.com (News Portal) ने बीजेपी के खांटी कार्यकर्ताओं और नेताओ से बातचीत की। सबका सिर्फ एक ही जवाब था, “खांटी के कार्यकर्ताओं को पिछले कई साल से खूंटी पर टांग दिया गया है”। कार्यकर्ता निराश और हताश है। सपा, बसपा जैसे विपक्षी दलों से आए नेता और कार्यकर्ता वर्तमान समय में “मलाई” खा रहे हैं। 20-25 और 30 साल तक भाजपा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने के बाद भी भाजपा के मूल कैडर के कार्यकर्ताओं को अब तरजीह ही नहीं दी जाती है।
दबी जुबान से ही सही लेकिन कई नेताओं ने यह अवश्य कहा कि भाजपा में नारायण जैसे कई और भी हैं। जिनके पास पद तो नहीं है लेकिन वह नेताओं के ईर्द-गिर्द डेरा जमाए रहते हैं। उनकी हनक किसी बड़े नेता से कम नहीं दिखती। नारायण के बाबत कई नेताओं ने कहा कि एक “क्षत्रप” की “छतरी” के नीचे खूब फला और फूला नारायण। एक बड़े नेता ने कहा कि बर्रा, चकेरी और नौबस्ता समेत कई जगहों पर विवादित प्रापर्टी का कारोबार किसी से छिपा नहीं है। आखिर “छतरी” नहीं रही तो वह कैसे यह कारनामें लंबे समय से कर रहा था ? भाजपा में और भी नेता है लेकिन वो जहां पर थे वहीं पर हैं।
आखिर “नारायण” पर ही पिछले एक दशक से इतनी मेहरबानी क्यों और किसने दिखाई ? BJP में कोई तो होगा इस “नारायण” का “गुरु” ? शीर्ष नेतृत्व को इसकी भी जांच करानी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। खबरों और चर्चाओं की मानें तो घटना के तुरंत बाद से ही BJP का एक ताकतवर और मजबूत धड़ा प्रशासन के साथ खड़ा नजर आया। परोक्ष और अपरोक्ष तौर पर लामबंदी कर इस धड़े ने आरोपितों की करतूतों और उनके अपराधिक इतिहास के साथ कमजोर कड़ियों को उजागर किया।
कुल मिलाकर यूं कहें कि “क्षत्रप” के विरोधी खेमे ने बेहद ही शातिराना अंदाज में अंदर ही अंदर आरोपितों के खिलाफ शासन और प्रशासन स्तर पर जोरदार “बैटिंग” की। दिल्ली हाईकमान तक पूरे घटनाक्रम के बाबत न सिर्फ जानकारियां साझा की बल्कि कई कारगुजारियों के आडियो और वीडियो भी Send किए गए। कुछ वीडियो तो सोशल मीडिया पर तेजी से वॉयरल हो रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद से इस खेमें के अंदर काफी खुशी की लहर है। सूत्रों की मानें तो लंबे समय से यह खेमा “बैकफुट” पर था। लेकिन विधान सभा चुनाव से पहले इस खेमे को मानो “संजीवनी” मिल गई है।
कट्टरवादी हिन्दू छवि के एक दिग्गज नेता ने कहा इस घटना से पार्टी शर्मशार हुई है। जनता के पास खराब मैसेज चला गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में शीर्ष नेतृत्व को आत्ममंथन अवश्य करना चाहिए। ताकि भविष्य में कोई दूसरा नारायण पार्टी के अंदर रहकर इस तरह की शर्मनाक और अपराधिक वारदात को अंजाम न दे सके।
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