-BJP (संगठन) और Yogi Govet में बड़े फेरबदल के संकेत
-Sunday को Delhi में भी हुई थी हाईप्रोफाइल बैठक
-Lucknow में Monday की Night एक नेता के घर पर लंबी मंत्रणा
-जियामऊ विश्व संवाद केंद्र में RSS पदाधिकारियों से फीड बैक ले रहे हैं दत्तात्रेय
दत्तात्रेय होसबोले (सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) । Photo साभार गूगल
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh में 2022 की शुरुआत में विधान सभा के Election होने हैं। Covid-19 के संक्रमण काल में हजारों लोगों की मौत सूबे में हो चुकी है। वैश्विक महामारी के आपदा प्रबंधन में सरकार औधें मुंह गिरी। रही सही कसर गंगा में उतराती सैकड़ों लाशों ने पूरी कर दी। विश्व स्तर पर इसकी निंदा हो रही है। “सरकार” और नौकरशाह सरकारी अभिलेखों में आंकड़ों की “बाजीगरी” करने में व्यस्त हैं। विपक्षी दल इसी को “हथियार” बनाकर प्रदेश और केंद्र की सरकारों पर तीखे हमले कर रहे हैं। चूंकि RRS-BJP का शीर्ष नेतृत्व भली भांति जानता है कि केंद्र की राजनीति में यदि रहना है तो Uttar Pradesh की सत्ता हर कीमत पर चाहिए। ऐसे में RSS ने डैमेज को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है।
पिछले चार दिन से RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले लगातार संगठन और BJP के शीर्ष नेतृत्व से अलग-अलग Meeting कर रहे हैं। बड़े सूत्रों की मानें तो Sunday को राजधानी Delhi में दत्तात्रेय होसबेल ने सबसे पहले UP (BJP) के संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ एक पर एक बैठक कर फीडबैक लिया। इसके बाद सुनील बंसल ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। इन दो बैठकों के बाद दत्तात्रेय होसबोले, अमित शाह और जेपी नड्डा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत हुई। सबसे आखिरी में अमित शाह, जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक हुई। यह बैठक रविवार की देर रात तक चली थी।
Delhi के बाद Lucknow पहुंचे दत्तात्रेय होसबोले
दिल्ली में कई दौर की Meeting में फीडबैक लेने के बाद दत्तात्रेय होसबोले Monday को Uttar Pradesh की राजधानी Lucknow पहुंच गए। कुछ देर पहले तक जियामऊ विश्व संवाद केंद्र पर वह RSS के दिग्गज पदाधिकारियों (प्रचारकों) के साथ Meeting कर उनसे फीडबैक ले रहे हैं। इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। अंदरखाने की मानें तो RSS के Alert होने की वजह BJP के परंपरागत वोट बैंक लोवर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास का बेहद नाराज होना बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के प्रबंधन में सरकार तो फेल हुई ही साथ ही साथ छोटे व्यापारी और नौकरीपेशा लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी नाराजगी हर दिन सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है। RSS के एक पदाधिकारी की मानें तो शीर्ष नेतृत्व ने पिछले दिनों पंचायत चुनाव में मिली हार को भी काफी गंभीरता से लिया है।
Uttar Pradesh में सियासी सरगर्मी काफी तेज
RSS और BJP शीर्ष नेताओं की Meeting के बाद Uttar Pradesh की सियासी सरगर्मी काफी तेज हो गई है। लखनऊ में बैठकों का दौर शुरु हो चुका है। माना जा रहा है कि दत्तात्रेय होसबोले अभी कई और बैठकें करेंगे। RSS के बड़े पदाधिकारी BJP (संगठन) से लेकर सूबे की सरकार तक में बदलाव के संकेत की बात कह रहे हैं। सरकार के कई मंत्रियों के दिल की धड़कन तेज हैं।
A.K Sharma का बढ़ेगा कद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी रिटायर्ड IAS Officer’s अरविंद कुमार शर्मा का कद बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। VRS लेने के कुछ दिन बाद ही बीजेपी नेतृत्व उन्हें विधान परिषद भेज चुका है। कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के साथ-साथ पूर्वांचल के करीब 20 जिलों में अरविंद शर्मा की तरफ से आपदा प्रबंध के बेहतर मैनेजमेंट को देखते हुए उनको बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत हैं। खास बात ये भी है कि Monday की रात्रि को करीब आधा दर्जन गाड़ियों के काफिलों के साथ RSS के तमाम दिग्गज A.K Sharma के घर पर पहुंचे थे। यहां देर रात्रि तक लंबी मंत्रणा चली है।30 May को राधामोहन भी पहुंचेगे Lucknow
संकेत इस बात के भी मिल रहे हैं कि 2022 में विधान सभा Election को जीतने के लिए कुछ बड़े फैसले हर हाल में लिए जाएंगे। इसके लिए शीर्ष नेतृत्व ने अपना “ग्रीन सिग्नल” जारी कर दिया है। एक डिप्टी सीएम को कल ही दिल्ली पहुंचने का निर्देश हाईकमान ने जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि इनकी सूबे की सियासत से विदाई कर केंद्र में या फिर राष्ट्रीय संगठन में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, उत्तर प्रदेश (बीजेपी) के प्रदेश प्रभारी राधामोहन भी 30 May को लखनऊ पहुंच रहे हैं।
योगी कैबिनेट में रिक्त पड़े हैं 6 मंत्री पद
योगी सरकार में फिलहाल 6 मंत्रियों के पद अभी तक रिक्त पड़े हैं। लंबे समय से इनको भरा नहीं जा सका है। कुछ मंत्रियों का निधन हुआ है तो कुछ सांसद बन चुके हैं। चर्चा है कि करीब आधा दर्जन मंत्रियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें PMO के पास प्रमाण के साथ मौजूद हैं। ऐसे में इनकी विदाई पक्की मानी जा रही है। नए मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को शीर्ष नेतृत्व जगह दे सकता है।
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