-Uttar Prdesh (Election 2022) के मद्देनजर UP से Start होगा अभियान
-Covid-19 से हजारों मौतों के बाद Modi पर भी उठ रही अंगुलियां
-यूपी सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी कोस रहे हैं लोग
-जनता के बीच जाएंगे RSS के पदाधिकारी, सांसद और विधायक
Yogesh Tripathi
Narendra Modi करीब 7 साल से देश के प्रधानमंत्री हैं। पहली बार ऐसा मौका आया है जब जनता अब उन पर ही सीधे सवाल दाग रही है। देश में Covid-19 से अब तक लाखों मौतें हो चुकी हैं। Uttar Pradesh कोरोना से मरने वालों की संख्या काफी अधिक रही। लोगों को दाह संस्कार के लिए टोकन लेकर घाटों पर लाइन तक लगानी पड़ी। केंद्र और राज्य सरकार का पूरा “सिस्टम” हर मोर्चे पर फेल नजर आया। ऐसे में जनता के बीच नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी खूब हुआ। RSS & BJP का शीर्ष नेतृत्व जानता है कि जनता के बीच जो निगेटिविटी फैली है उसे हर कीमत पर रोकना आवश्यक है। क्यों कि Delhi की सत्ता का रास्ता सीधे यूपी से ही होकर जाता है। लोकसभा की 80 सीटे Uttar Pradesh में हैं। ऐसे में RSS और BJP के शीर्ष नेतृत्व का चिंतित होना स्वाभाविक है। सूत्रों की मानें तो RSS डैमेज को कंट्रोल करने में जुट गया है।
Sunday को दिल्ली में कई दौर की Meeting के बाद दत्तात्रेय होसबोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जमीनी हकीकत से अवगत करा दिया। जिसके बाद BJP शीर्ष नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आने लगीं। देर रात तक चली मीटिंग में निर्णय लिया गया कि जनता के बीच मोदी और योगी सरकार को लेकर जो नकारात्मकता फैली है। उसे हर कीमत पर रोकना आवश्यक है। फैसला लिया गया है कि Modi & Yogi की छवि सुधारने के लिए जल्द ही “महाअभियान” चलाया जाएगा।
इस “महाअभियान” में बीजेपी संगठन के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और सांसद व विधायक जनता के बीच पहुंचेंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पदाधिकारी और स्वयंसेवी भी इस अभियान में अहम भूमिका अदा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि रविवार को दत्तात्रेय होसबोले ने यूपी (बीजेपी) के संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ काफी देर तक बातचीत कर फीडबैक लिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ भी मीटिंग की गई।
Uttar Pradesh से Start होगा “महाअभियान”
योगी और मोदी की छवि को सुधारने के लिए “महाअभियान” की शुरुआत Uttar Pradesh से की जाएगी। सूत्रों की मानें तो कोरोना महामारी के थमते ही इस अभियान को Start कर दिया जाएगा। यूपी में महाअभियान को शुरु करने के पीछे मंशा यही है कि यहां पर 7 महीने बाद विधान सभा के चुनाव होनें है। जो BJP के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। चर्चा इस बात पर भी हुई कि कोरोना महामारी में हजारों मौतों के बाद यदि पार्टी सीधे चुनावी “रणभूमि” में उतरती है तो उसे बड़ा नुकसान हो सकता है। इस लिए चुनाव से पहले होमवर्क पूरा करना होगा ताकि चुनाव में मुंह की न खानी पड़े।
सूत्रों की मानें तो कल तो जो जनता Modi & Yogi पर आंख बंद कर विश्वास कर रही थी वह अब उनसे सीधे सवाल पूछ रही है। सिर्फ जनता ही नहीं संगठन के तमाम पदाधिकारी, सांसद, मंत्री और विधायक भी नाराज हैं। मंत्री ब्रजेश पाठक, संतोष गंगवार समेत कई विधायकों और मंत्रियों ने पत्र लिखकर फेल सिस्टम और मैनेजमेंट पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं। विधायकों और मंत्रियों को पता है कि अब उन्हें भी क्षेत्र में जाना है तो स्वाभाविक है कि उन्हें चिंता होगी। RSS बेहतर ढंग से जान रहा है कि बदले हालात में Modi & Yogi की कट्टर हिन्दूवादी छवि भी सत्ता की वापसी में बड़ा कारण अब नहीं बन पाएगी। यही वजह है कि बैठक में दोनों हिन्दूवादी नेताओं की छवि सुधारने के लिए “महाअभियान” चलाने का फैसला लिया गया है।
“महाअभियान” के ये होंगे “मूलमंत्र”
1-“महाअभियान” काफी बड़े स्तर से शुरु किया जाएगा। जनता के बीच जाकर उसे यह समझाने की कोशिश होगी कि Modi & Yogi की वजह से आप सुरक्षित हैं। विधायक, सांसद, संगठन के पदाधिकारी और स्वयंसेवी जनता को यह समझाएंगे कि देश में मोदी और प्रदेश में योगी न होते तो हालात और भी अधिक भयावह हो जाते।
2. BJP Worker’s जनता को Modi के नेतृत्व में कोरोनाकाल में मिली सफलता के बारे में बताएंगे। आत्मनिर्भर भारत नीति के तहत देश में कैसे कम समय मे कोरोना की दो वैक्सीन बनाई गई। DRDO ने कोरोना की दवा खोज ली। भारत ने अपने दम पर कोरोना टेस्टिंग किट बना ली। पूर्ण लॉकडाउन न करके कैसे गरीबों का ध्यान रखा गया और साथ ही अर्थव्यवस्था को कैसे बचाया गया। जनता को ये संदेश दिए जाएंगे। इसके अलावा केस बढ़ने पर सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाई, कम समय में हॉस्पिटल खोले गए।
3. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कोरोनाकाल में Covid-19 संक्रमण से अपनों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। ऐसे में जो भी नेता जनता के बीच जाएगा, वह सिर्फ उनसे संवेदना जताएगा। सरकार की बातों को उनके सामने रखेगा। यदि जनता कोई आरोप या कुछ उल्टा सीधा बोले तो उस पर पलटवार बिल्कुल न करें। साथ ही नेता बयानबाजी से दूर रहें। ऐसा कोई बयान न दें, जिससे सरकार की छवि खराब हो। साथ ही विपक्ष के उकसावे में न आएं।
Post A Comment:
0 comments: