-Police Encounter में हत्यारा Anshu Dixit भी जेल के अंदर ढेर

-वर्ष 2014 में UPSTF ने गोरखनाथ थाना एरिया में Anshu को किया था Arrest

-पूर्वांचल का बड़ा गैंगस्टर था Encounter में मारा गया Anshu Dixit

 


Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Bundelkhand स्थित Chitrakoot की जिला कारागार फ्राइ-डे की सुबह Gang War की बड़ी वारदात से दहल गई। कुछ दिन पहले चित्रकूट जेल में शिफ्ट किए गए पूर्वांचल के शार्प शूटर Anshu Dixit ने West UP के दो बड़े गैंगस्टर्स मुकीम काला और मेराजुद्दीन पर अंधाधुंध गोलियों की बौंछार कर उनकी हत्या कर दी। खबर है कि मुकीम काला और मेराजुद्दीन की हत्या करने के बाद अंशुल ने कई बंदियों को असलहे के बल पर बंधक भी बना लिया। जेल के अंदर पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अंशुल को Encounter में मार गिराया। 

खूनी गैंगवार के बाद Chitrakoot Jail को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक Police के सभी बड़े Officer’s जेल पहुंच चुके थे। पूर्वांचल के बड़े और खतरनाक शार्प शूटरों में एक Anshu Dixit को वर्ष 2014 में UPSTF ने गोरखपुर के गोरखनाथ थाना एरिया से Arrest कर जेल भेजा था। करीब ढाई साल पहले अंशुल को चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था। बड़े और जानकार सूत्रों के मुताबिक मेराजुद्दीन हाल में ही पंजाब की जेल से बांदा लाए गए BSP MLA और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी था। उसे भी दो साल पहले बनारस की जेल से शिफ्ट किया गया था।

Chitrakoot Jail पहुंचे Police Officer’s

IG (Zone) K.Satyanarayan, DM Subhrant Kumar Shukla, SP Ankit Mittal के साथ जेल अधीक्षक Shri Prakash Tripathi कारागार के अंदर ही मौजूद हैं। सभी बैरकों की सघन तलाशी ली जा रही है। प्रशासन का कहना है कि मुकीम काला पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण, फिरौती जैसे 35 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे।

चित्रकूट कांड के बाद UP के जेलों की बढ़ाई गई चौकसी

Chitrakoot Jail में गैंगवार की बड़ी वारदात से Lucknow में बैठे आला अफसर भी सन्न हैं। शासन की तरफ से मातहतों से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। उल्लेखीय है कि करीब दो साल पहले पूर्वांचल के बड़े माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत की जेल में गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। चित्रकूट में गैंगवार की बड़ी वारदात से बंदियों में खासी दहशत है। प्रदेश की सभी जेलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का निर्देश हालांकि शासन की तरफ दिया गया है।

झड़प के बाद गोलियों की बौंछार की

Anshu Dixit को हाल में ही पूर्वांचल की Sultanpur Jail से Chtrakoot की जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। चर्चा है कि झड़प के बाद अंशुल दीक्षित ने मेराजुद्दीन और मुकीम काला को निशाना बनाकर असलहों से कई राउंड गोलियां दागीं। मुकीम काला और मेराजुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई। गैंगवार की खबर मिलते ही चित्रकूट जनपद के सभी थानेदारों को फोर्स के साथ तुरंत जिला कारागार बुला लिया गया। अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि मुकीम काला और मेराजुद्दीन की हत्या के बाद अंशुल ने असलहे के बल पर कुछ बंदियों को बंधक बनाने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने Encounter में अंशुल को भी ढेर कर दिया।

मुख्तार अंसारी का करीबी था मेराजुद्दीन

पूर्वांचल के शार्प शूटर Anshu Dixit की गोलियों का शिकार बना मेराजुद्दीन West UP के बड़े अपराधियों में एक था। जानकार पुलिस सूत्रों की मानें तो मेराजुद्दीन कुछ दिन पहले पंजाब से बांदा की जेल में शिफ्ट किए गए BSP MLA मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी था। चर्चा है कि दो साल पहले माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से मेराजुद्दीन ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के लिए काम कर रहा था। मारा गया मुकीम काला भी मेराजुद्दीन का बड़ा मददगार था। मुकीम काला सूबे का बड़ा इनामी गैंगस्टर था। उल्लेखनीय है कि बागपत जिला कारागार में गैंगस्टर सुनील राठी ने .9MM की पिस्टल से मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। मुन्ना बजरंगी को तब शासन ने बागपत की जेल में शिफ्ट किया था। उसी समय उत्तराखंड की जेल से सुनील राठी को शिफ्ट कर बागपत लाया गया था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से सुनील राठी इन दिनों UP के फतेहगढ़ की सेंट्रल जेल में कैद है। 

"यक्ष प्रश्न" जेल में कैसे पहुंची .9MM की बुलेट

चित्रकूट जेल में खूनी गैंगवार के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर हाई सिक्योरिटी के बीच जेल के अंदर .9MM जैसे प्रतिबंधित बोर की गोलियां और असलहा कैसे पहुंच गया। 2018 में बागपत जेल के अंदर पूर्वांचल के शार्प शूटर और मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी रहे मुन्ना बजरंगी की हत्या में भी .9MM की पिस्टल का प्रयोग हत्यारे ने किया था। तब भी तमाम सवाल उठे थे। शुक्रवार सुबह मुख्तार के एक और करीबी मेराजुद्दीन और मुकीम काला की चित्रकूट जेल में .9MM की गोलियां मारकर हत्यारे गैंगस्टर अंशुल ने हत्या कर दी। उल्लेखनीय है कि इस प्रतिबंधित बोर का प्रयोग पुलिस और सेना ही करती है।

 

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