-Police Line में सलामी के बाद परिजन शव लेकर बुलंदशहर रवाना

-पुलिस की कार्रवाई से खौफजदा ग्रामीणों ने किया गांव से पलायन

-मुख्य हत्यारोपी दबंग विश्वनाथ अब तक पुलिस की पकड़ से दूर

 


Yogesh Tripathi

UP Police के सब इंस्पेक्टर (SI) Prashant Kaumar Yadav की हत्या को 20 घंटे से अधिक का समय हो चुका है लेकिन Agra Police के हाथ अब भी खाली है। दरोगा की हत्या का आरोपी दबंग विश्वनाथ पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस ने अब तक 20 लोगों को हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई से खौफजदा कई घरों के ग्रामीण पलायन कर चुके हैं।

गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद दरोगा Prashant Kumar Yadav के पार्थिव शरीर को Police Line लाया गया। यहां पर ADG (Zone) राजीव कृष्ण, IG (Range) ए. सतीश गणेश, SSP बबलू कुमार, SP City बोत्रे रोहन प्रमोद समेत कई प्रशासनिक अफसरों ने सलामी दी। राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेंश और विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने भी पार्थिव शरीर पर फूल-माला चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद दरोगा के परिजन पार्थिव शरीर को लेकर बुलंदशहर स्थित पैतृक गांव छतारी के लिए रवाना हो गए। 

 


 वहीं देर रात्रि खंदौली स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे दरोगा Prashant Kumar Yadav के परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हो रहे थे। सभी ने पंचनामा तक भरने नहीं दिया। परिजनों का आरोप है कि विवाद की सूचना के बाद अफसरों ने प्रशांत के साथ फोर्स क्यों नहीं भेजी ? शायद पुलिस बल मौजूद होता तो दरोगा को अपनी जान नहीं गवांनी पड़ती। काफी देर तक मान-मनौव्वल के बाद परिजन जारी हुए। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। 


20 घंटे बाद भी खाली है Agra Police के हाथ

दरोगा की हत्या के 20 घंटे बीत जाने के बाद Agra Police के हाथ अभी तक खाली हैं। पुलिस ने करीब 20 ग्रामीणों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। SI Prashant Yadav के साथ मौजूद रहे कांस्टेबल चंद्रसेन से देर रात्रि तक पुलिस अफसर पूछताछ करते रहे। चंद्रसेन ने पुलिस अफसरों को बताया कि दरोगा के सामने विश्वनाथ तमंचा लहराकर मजदूरों को भगा रहा था। यह देख दरोगा ने उसे Arrest कर थाने ले चलने की कोशिश की। विश्वनाथ के भागने पर दरोगा भी पीछे भागे। थोड़ी दूरी पर जाकर विश्वनाथ एक ऊंची मेड़ पर खड़ा हो गया और दरोगा को निशाना बनाकर सीधा फायर झोंक दिया। गर्दन पर गोली लगते ही दरोगा नीचे गिर गए। थोड़ी देर में उनकी मौत हो गई। इसके बाद हत्यारोपी तमंचा लहराता हुआ भाग निकला।

उल्लेखनीय है कि आलू खोदाई के बाद बंटवारे के विवाद में बुधवार शाम को निपटारा कराने पहुंचे दरोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दरोगा की हत्या पर दुःख जताते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया है। 

Prashant Yadav की चिता पर लेट गए जीजा

छतारी स्थित श्मशान घाट पर सलामी के बाद जब शहीद दरोगा Prashant Yadav के पार्थिव शरीर को चिता की तरफ ले जाया गया। तभी उनकी बुआ की बेटी सोनू के पति मथुरा निवासी हुकम सिंह चिता पर लेट गए। हुकुम ने मौजूद अफसरों से मामले की CBI जांच कराने की मांग की। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बुलाने की मांग की। हुकुम सिंह ने आरोप लगाया कि पूरे मामले में परिजनों को गुमराह किया जा रहा है। काफी देर तक चले हंगामें के बाद अफसर किसी तरह हुकुम सिंह को समझा सके।

मासूम ने दी पिता को मुखाग्नि

छतारी कस्बा निवासी शहीद दरोगा Prashant Yadav को राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से विदाई दी गई। गुरुवार दोपहर करीब दो बजे शहीद के 4 वर्षीय बेटे पार्थ यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी। चार वर्षीय बेटे को मुखाग्नि देते हुए यह भी नहीं पता था कि उसके सिर से पिता का साया हट चुका है।

 

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