-बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने केस डायरी की नकल के लिए दिया था प्रार्थना पत्र
-विशेष न्यायधीश एंटी डकैती कोर्ट ने खारिज किया था प्रार्थना पत्र
-अदालत ने केस की अगली सुनवाई 31 मार्च को मुकर्रर की
-ED की Team ने Kanpur में डाला डेरा, 15 से अधिक लोगों से पूछताछ
Yogesh Tripathi
बहुचर्चित Bikru Case के आरोपितों पर एक बार फिर Court में आरोप तय नहीं हो सके। मंगलवार को विशेष न्यायधीश एंटी डकैती कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता की तरफ से केस डायरी (CD) की नकल के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 31 मार्च को मुकर्रर की है।
मंगलवार को विकास दुबे के खजांची जयकांत बाजपेई, गुड्डन त्रिवेदी, निलंबित थानेदार विनय तिवारी, दरोगा के.के शर्मा, राम सिंह, शिव तिवारी, रामू बाजपेई, श्यामू बाजपे, हीरू दुबे, रेखा अग्निहोत्री समेत सभी आरोपितों को अदालत में पेश किया गया।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संतोष बाजपेई, शिवाकांत दीक्षित, पवनेश शुक्ला ने तमाम दलीलें पेश की। अधिवक्ताओं ने CRPC (207) के तहत केस डायरी (CD) की नकल के लिए दोबारा प्रार्थना पत्र दिया। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) आशीष तिवारी के मुताबिक कोर्ट ने सुनवाई के लिए 31 मार्च की तारीख तय की है।
आरोपित शिव तिवारी के अधिवक्ता संतोष बाजपेयी के साथ ही अधिवक्ता पवनेश शुक्ला ने बताया कि अदालत से केस डायरी की नकल के लिए लेकर पेन ड्राइव मुहैया कराई गई थी। पेन ड्राइव में केस डायरी से संबंधित कितना डेटा है, इसकी जानकारी न होने के साथ ही अन्य तकनीकी वजहों से केस डायरी की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराने की अपील कोर्ट से की गई थी।
गौरतलब है कि 2/3 जुलाई 2020 को चौबेपुर थाना एरिया के Bikru गांव में दबिश के दौरान विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलियां दागी थीं। हमले में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। पुलिस ने पांच दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर 6 लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस अब तक कांड से जुड़े करीब 42 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
ED की टीम ने Kanpur में डेरा डाला
RTI (Activist) और अधिवक्ता सौरभ भदौरिया के बयान ED ने दर्ज कर लिए। सौरभ भदौरिया ने विकास दुबे के खजांची रहे जयकांत बाजपेयी समेत कई लोगों के संपत्तियों का ब्यौर ईडी को सौंपा है। इसमें 27 रजिस्ट्रियां भी शामिल हैं।
ईडी की टीम अभी शहर में ही है। टीम ने एक भाजपा नेता समेत करीब 17 लोगों के बयान अभी तक दर्ज किए हैं। सौरभ भदौरिया को ईडी ने अगले सप्ताह फिर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। शहर में डेरा जमाए ईडी की टीम शिकायतों के आधार पर तमाम लोगों की संपत्तियों के बाबत छानबीन कर रही है।
सौरभ भदौरिया का कहना है कि जयकांत बाजपेयी और उसके तमाम लोगों के पास अभी भी अवैध तरीके से अर्जित की गई अकूत संपत्तियां मौजूद हैं। उन्होंने ईडी की टीम को तमाम सबूतों के साथ रजिस्ट्रियां सौंपी हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तमाम और लोगों से भी ईडी की टीम पूछताछ कर सकती है। ऐसा होने पर कुछ लोगों की परेशानियां बढ़ना संभव है।
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