-CM ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण

-प्रशासनिक अफसरों से काफी देर तक बातचीत की

-मातहतों को दिशा-निर्देश जारी कर देहरादून रवाना हुए CM

 


Yogesh Tripathi

 

Uttarakhand के Chamoli जनपद में ग्लेशियर फटने के बाद भारी तबाही मची है। ऋषिगंगा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है। धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध क्षतिग्रस्त हो गया। ग्लेशियर फटने के समय दोनों प्रोजेक्ट पर भारी संख्या में श्रमिक कार्य कर रहे थे। करीब 150 लापता हैं। सभी के मरने की आशंका जाहिर की जा रही है। अब तक 10 शव बरामद किए जा चुके हैं। 

 CM त्रिवेंद्र सिंह रावत दोपहर को चमोली पहुंचे। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण किया। प्रशासनिक अफसरों से बातचीत के बाद आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर मुख्यमंत्री देहरादून रवाना हो गए। दोनों टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। भारतीय सेना के साथ-साथ वायु सेना को भी Alert पर रखा गया है। तपोवन के पास एक सुरंग में फंसे श्रमिकों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन लगातार जारी है। देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस कर मुुख्यमंत्री ने बताया कि करीब डेढ़ दर्जन गांव ऐसे हैं जिनसे संपर्क टूट गया है। इन जगहों पर मोबाइल नेटवर्क भी नहीं काम कर रहा है। 


Delhi से Uttarakhand के लिए टीमें रवाना

Home Minister अमित शाह ने कहा कि NDRF की तीन टीमें उत्तराखंड पहुंच चुकी हैं। अभी कई टीमें दिल्ली से उत्तराखंड के लिए रवाना होने के लिए तैयार हैं। ITBP के जवान भी साथ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है

वहीं, दूसरी तरफ भारतीय सेना ने बाढ़ से निपटने के लिए हेलीकॉप्टर और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के निकट सैन्य स्टेशन सक्रिय रूप से स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों के समन्वय में शामिल है। सेना मुख्यालय स्थिति की निगरानी कर रहा है। 

आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। +911352410197, +9118001804375, +919456596190 इन नंबरों पर फोन कर मदद ली जा सकती है। 

उल्लेखनीय है कि Sunday की Morning ग्लेशियर फटने के बाद चमोली जनपद में ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट बह गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। Uttarakhand के साथ-साथ Uttar Pradesh में भी High Alert जारी करना पड़ा।

 

 

 

 

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