- South City एरिया स्थित सीटीआई नहर के किनारे कार के अंदर मिला शव

- रेलबाजार SHO बोले, मृतक आशू यादव पर दर्ज थे करीब 10 मुकदमें

- SHO के मुताबिक आशू यादव की खुली थी हिस्ट्रीशीट

- मौका-ए-वारदात पर कई थानों की फोर्स के साथ पहुंचे आला अफसर

- कार पर प्रेस, पुलिस के साथ-साथ लिखा मिला एक मीडिया संस्थान का नाम

मौका-ए-वारदात पर छानबीन करते Kanpur Police के Officer's

Yogesh Tripathi


Kanpur के South City एरिया स्थित सीटीआइ नहर के पास दो दिन से लावारिस कार के अंदर युवक का शव मिलने से शनिवार को सनसनी फैल गई। कार के अंदर शव मिलने की सूचना मिलते ही Kanpur Police के Officer's मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर तमाम साक्ष्यों का संकलन किया। शव की शिनाख्त रेलबाजार के खपरा मोहाल निवासी आशू यादव के रूप में हुई। www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में रेलबाजार SHO ने कहा कि आशू यादव के खिलाफ 10 मुकदमें संगीन धाराओं में पंजीकृत हैं।  

कार से बाहर निकाला गया आशू यादव का शव


क्षेत्रीय लोगों ने Police को बताया कि कार एक जनवरी की सुबह से खड़ी है। आशंका होने पर जब लोगों ने पास जाकर देखा तो कार के अंदर युवक की लाश पड़ी थी। कार पर पुलिस, प्रेस के साथ एक मीडिया संस्थान भी लिखा मिला। Murder Case का खुलासा करने के लिए पुलिस तीन प्रमुख बिन्दुों पर  Home Work कर रही है। SSP/DIG डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने "मर्डर मिस्ट्री" से पर्दा उठाने के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई हैं। 

पूछताछ में आशू यादव के परिजनों ने पुलिस को बताया कि 31 दिसंबर की Mid-Night किसी व्यक्ति की कॉल आने पर आशू घर से निकला था। सुबह जब आशू वापस घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।  मौके पर पहुंचे परिजनों ने एक चर्चित पूर्व पार्षद पर आरोप मढ़े हैं। परिजनों का कहना है कि आशू का इस पूर्व पार्षद से विवाद चल रहा था। हालांकि पुलिस परिजनों के आरोप के साथ तीन प्रमुख बिन्दुओं पर गहराई से छानबीन कर रही है। 

इसी कार के अंदर मिली आशू यादव की लाश

 

पुलिस की सर्विलांस सेल को Alert करने के साथ SSP/DIG ने मातहतों को वारदातस्थल के आसपास के रास्तों में लगे CCTV फुटेज को भी खंगालने की ताकीद दी है। साथ ही साथ आशू यादव के मोबाइल नंबर की CDR भी तुरंत जुटाने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों की मानें तो आशू के मोबाइल नंबर से पिछले कई महीने का "इतिहास-भूगोल" पुलिस खंगालने में जुट गई है। सूत्रों की मानें तो देर रात्रि तक कुछ लोगों को पुलिस टांग सकती है।

 

10 साल पहले हुई थी ब्रजेश गुप्ता की हत्या

बात 14 जून 2010 के दुपहरी की है। एक निजी चैनल का साउथ के कुछ हिस्सो में संचालन करने वाले ब्रजेश गुप्ता नाम के युवक की काफी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। ब्रजेश की लाश भी कार के अंदर पड़ी मिली थी। पुलिस ने महज कुछ दिनों के अंदर "मर्डर मिस्ट्री" से "पर्दा" उठाते हुए एक युवती, उसकी मंगेतर समेत पूरे परिवार को Arrest कर जेल भेजा था। ब्रजेश की हत्या के पीछे बड़ी वीभत्स कहानी पुलिस के सामने आई थी। शनिवार दोपहर को जब आशू यादव की लाश कार के अंदर पड़ी मिली तो लोगों के जेहन में 10 साल पुराना मर्डर फिर से याद आ गया। दोनों ही मर्डर केस में महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी भी बताई जा रही है। ब्रजेश का शव रतनलाल एरिया में पड़ा मिला था।

Axact

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