-Gorakhpur Police ने दरोगा समेत पांच को किया Arrest
-Basti जनपद में तैनात है पकड़ा गया लुटेरा दरोगा धर्मेंद्र यादव
-महाराजगंज के दो सर्राफा कारोबारियों से बुधवार को थी 30 लाख रुपए की लूट
-पुलिस सूत्रों की मानें तो कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है शातिर गिरोह
-लूट में प्रयुक्त बोलेरो गाड़ी भी पुलिस ने की बरामद
Yogesh Tripathi
इस खबर को पढ़ने से पहले Allahabad High Court के जस्टिस रहे Anand Narayan Mulla की की तरफ से करीब 6 दशक पहले UP के एक मामले में की गई तल्ख टिप्पणी को भी पढ़िए। उन्होंने कहा था, "यूपी पुलिस एक संगठित गिरोह है..."। यह खबर पूर्व जस्टिस की उस टिप्पणी को यकीन में बदल देती है। 20/1/2021 को गोरखपुर जनपद में लूट की बड़ी वारदात में "खाकी" पर धब्बा लगा है। Basti जनपद में तैनात दरोगा (SI) धर्मेंद्र यादव लुटेरों के गिरोह का "सरदार" निकला। वारदात में दो सिपाही भी शामिल रहे थे। उनको भी Arrest कर लिया गया है। सूबे के हुक्मरानों और सत्ताधारी दल को अब एक बात पर अवश्य सोचना चाहिए कि आखिर क्या वजह है कि मोटी पगार पाने के बाद भी UP Police के चंद मुट्ठी भर सिपाही और दरोगा अपराधिक गतिविधियों में क्यों संलिप्त हैं ? क्या ऐसे क्रमिनिल पुलिस वालों के शरीर पर वर्दी शोभा देती है। क्यों न अब त्वरित उनकी बर्खास्तगी कर वर्दी को छीन लिया जाए ताकि समाज में एक अच्छा मैसेज जाए।
Uttar Pradesh के बस्ती जनपद में तैनात UP Police का दरोगा धर्मेंद्र यादव लुटेरों के गिरोह का “सरदार” निकला। अपने कृत्य से UP Police को शर्मशार करने वाले लुटेरों के इस सरदार के साथ दो सिपाही संतोष यादव और महेंद्र यादव भी वारदात में शामिल थे। Gorakhpur Police ने लुटेरों के “सरदार” दरोगा समेत पांच बदमाशों को Arrest कर लिया है।
बुधवार को महाराजगंज के सर्राफा कारोबारी Deepak Verma और Ramu ज्वैलरी खरीदने के लिए Lucknow को रवाना हुए। दीपक के पास 11.10 लाख रुपये नकद व करीब पांच लाख रुपये का सोना और रामू के पास 6 लाख रुपये नकद व करीब 8 लाख रुपये सोना (जेवरात गलाकर तैयार किया गया सोना) था। दोनों एक ही बैग में रुपये और सोना लेकर जा रहे थे।
गोरखपुर में रेलवे बस स्टेशन के पास खाकी वर्दीधारी दरोगा और सिपाहियों ने दोनों को दबोच लिया। तस्करी का आरोप लगाते हुए दोनों सर्राफा कारोबारियों को खींचते हुए कार्मल स्कूल की तरफ ले गए। फिर पूछताछ के बहाने दोनों को टेम्पो से लेकर नौसढ़ लेकर पहुंचे। यहां पर पिटाई के बाद दोनों कारोबारियों से रुपए और सोने से भरा बैग लूट लिया। पीड़ित व्यापारियों की तहरीर पर कैंट पुलिस ने FIR रजिस्टर्ड की। खुलासे के लिए सर्विलांस सेल के साथ Crime Branch Team को भी Active किया गया।
रेलवे बस स्टेशन, कार्मल रोड, नौसढ़ व सहजनवां में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच में मिले फुटेज के आधार पर टीम बस्ती पहुंची। सर्विलांस सेल से लोकेशन ट्रेस होने के बाद पुरानी बस्ती थाने पहुंच घटना में प्रयुक्त बोलेरो के साथ वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरों के “सरदार” दरोगा धर्मेंद्र यादव और सिपाहियों को भी पुलिस टीम ने दबोच लिया।
दरोगा और सिपाहियों को पीड़ित व्यापारियों ने पहचाना
सर्राफ दीपक और रामू ने फोटो देखकर वारदात को अंजाम देने वाले दारोगा, सिपाहियों को पहचानने में तनिक भी देर नहीं लगाई। पकड़े गए दरोगा और सिपाहियों ने अब तक की पूछताछ में बताया कि सभी ने अब तक कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। पकड़ा गया दरोगा धर्मेंद्र यादव गोरखपुर, सिपाही महेंद्र गाजीपुर और कांस्टेबल संतोष यादव जनपद मऊ के निवासी है।
मुखबिरी करने वाले दो युवकों को पुलिस ने टांगा
महराजगंज के निचलौल के दो सर्राफा कारोबारियों से बुधवार को गोरखपुर में सनसनीखेज लूट की वारदात में पुलिस ने लोकल के दो युवकों को भी टांगा है। निचलौल कस्बा और इटहिया गांव के इन दोनों युवकों पर लूट के शिकार दोनों कारोबारियों का सटीक लोकेशन की सूचना देने का आरोप है। गोरखपुर में लूटकांड का खुलासा होने के बाद वहां से आई पुलिस टीम दोनों को हिरासत में लेकर अपने साथ गई है। उधर, लूट की वारदात के बाद दोनों सर्राफा कारोबारियों के परिजन दहशत में थे। गुरुवार को पुलिस टीम ने लूट की घटना का अनावरण किया तो परिवारीजनों ने राहत की सांस ली।
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