-कांग्रेस कार्यकर्ताओं की Police से तीखी झड़प
-Ex. Minister समेत कई कांग्रेसी नेता Arrest
Yogesh Tripathi
गणतंत्र दिवस पर्व पर Kanpur में Tilak Hall से जुलूस निकाल रहे Congress कार्यकर्ताओं के कदम Kanpur Police ने रोक दिए। मंगलवार सुबह Tilak Hall में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता जब पहुंचने लगे तो वहां कोतवाली फोर्स पहुंच गई। पुलिस ने जुलूस निकालने से मना किया तो कांग्रेसी अड़ गए और नारेबाजी शुरु कर दी। पुलिस ने चारो तरफ से घेराबंदी कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वाहन, ट्रैक्टर समेत तमाम झंडा और बैनर भी कब्जे में ले लिया। इसके बाद Ex. Minister श्रीप्रकाश जायसवाल समेत कई कांग्रेसियों को पुलिस ने Arrest कर लिया। सभी को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां से देर शाम सभी को रिहा कर दिया गया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गणतंत्र दिवस पर बैंड-बाजा की धुन पर हर वर्ष की भांति इस बार भी जुलूस निकालने की पूरी तैयारी कर रखी थी। ये परंपरा आजादी के बाद से चली आ रही है। मंगलवार सुबह जब कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता Tilak Hall में पहुंचना शुरु हुए तो कोतवाली पुलिस पहुंच गई। मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को Covid प्रोटोकॉल का “पाठ” पढ़ाते हुए उल्लंघन की बात कही।
प्रशासनिक अफसरों ने जब कोविड के नियमों का तर्क दिया तो कांग्रेसी बौखला गए। उन्होंने अफसरों से सवाल पूछा कि राममंदिर बनवाने के लिए भाजपा के नेता और कार्यकर्ता शहर भर में जो यात्राएं निकालकर चंदा वसूली कर रहे हैं वह क्या है ? इस पर अफसर खामोश हो गए, और बगैर कोई जवाब देते हुए जुलूस नहीं निकालने की बात कहते रहे। इस पर कांग्रेसियों ने नारेबाजी शुरु कर दी। पीसीसी सदस्य संदीप शुक्ला और कृपेश त्रिपाठी ट्रैक्टर पर बैठकर जुलूस निकालने लगे तो फोर्स ने सभी को घेर लिया।
बवाल बढ़ने से पहले पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को Arrest कर लिया। बस के जरिए सभी को पुलिस लाइन भेजा गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए केंद्र और यूपी की सरकार को कोसते नजर आए।
Arrest किए गए कांग्रेसी नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, पूर्व सांसद राजाराम पाल, पूर्व शहर प्रेसीडेंट हरप्रकाश अग्निहोत्री, संदीप शुक्ला, कृपेश त्रिपाठी, कैंट विधायक सोहैल अंसारी, पूर्व विधायक संजीब दरियाबादी, इकबाल अहमद और शहर के दोनों अध्यक्ष भी शामिल रहे।
खास बात ये रही कि कांग्रेस में सबकुछ पुराना ही दिखा। हाईकमान की तरफ से South & North दो अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सिर्फ पुराने ही चेहरे आज दिखाई दिए। दक्षिण के प्रेसीडेंट मौजूद रहे लेकिन समर्थकों का अभाव ही दिखाई दिया। ऐसे में पुराने कांग्रेसी अब यह कहते फिर रहे हैं कि दो अध्यक्ष बनाने का फायदा क्या रहा ? चेहरे तो सब वही पुराने ही मौजूद रहे।
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