-AICC ने UP के 13 जनपदों के नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी की
-BJP की तर्ज पर Kanpur में दो जिलाध्यक्ष Congress ने बनाए
-जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर बनाए गए दोनों जिलाध्यक्ष
Yogesh Tripathi
पूर्वांचल में एक कहावत है। "मेरा पड़ोसी चना चबाए, मुझसे देखकर रहा न जाए"। इस कहावत को चरित्रार्थ करते हुए Congress हाईकमान ने भी Kanpur को दो हिस्सों (South & North) में बांटते हुए दो अध्यक्ष बना दिए। निवर्तमान कमेटी में महामंत्री का दायित्व निभा रहे नौशाद आलम (Kanpur North) और शैलेंद्र दीक्षित (Kanpur South) के प्रेसीडेंट बनाए गए हैं। फ्राइ-डे की रात को AICC के जनरल सेकेट्री के.सी वेनुगोपाल राव की तरफ से जारी Press Note में UP के 13 जनपदों में नए अध्यक्षों की जानकारी दी गई।
डॉ. शैलेंद्र दीक्षित (Kanpur South) (Congress President) |
South के प्रेसीडेंट बने शैलेंद्र दीक्षित पूर्व में PCC के मेंबर और सेकेट्री रह चुके हैं। शैलेंद्र दीक्षित को पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का बेहद करीबी माना जाता है, ये बात किसी से छिपी भी नहीं है। 2012 के विधान सभा चुनाव में शैलेंद्र दीक्षित को Congress ने गोविंदनगर विधान सभा से प्रत्याभी बनाया था। चुनाव में वह दूसरे नंबर पर रहे थे। South के अंतर्गत गोविंदनगर और किदवईनगर जैसी ब्राम्हण बाहुल्य विधान सभा हैं।
नौशाद आलम (Kanpur North) (Congress President) |
North प्रेसीडेंट नौशाद आलम निवर्तमान कमेटी में महामंत्री थे। ग्वालटोली के मकबरा निवासी नौशाद आलम कैंट विधायक सोहेल अंसारी के करीबी बताए जाते हैं। North के अंतर्गत सीसामऊ, आर्यनगर और छावनी की विधान सभाएं आती हैं। इन तीनों विधान सभा में मुस्लिम आबादी काफी है। यही वजह है कि यहां पर मुस्लिम नेता को दायित्व सौंपा गया है।
www.redeyestimes.com (News Portal) के पास बड़े सू्त्रों से जो जानकारियां हैं, उसके मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, कांग्रेस विधायक सोहेल अंसारी और पूर्व विधायक और राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर की सहमति के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी में इस समय सक्रिय ताकतवर "त्रिकोणीय समीकरण" ने नौशाद आलम और शैलेंद्र दीक्षित के नामों पर Final मोहर लगाई। 2022 में चुनाव विधान सभा के होने हैं लेकिन तैयारियां 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर की जा रही हैं। अंदरखाने की बात ये है कि दो पूर्व सांसद और एक पूर्व विधायक की निगाह कानपुर लोकसभा की सीट पर है। दोनों पूर्व सांसद Congress हाईकमान से कह चुके हैं कि कानपुर लोकसभा का चुनाव वह लड़ेंगे। इसमें एक प्रियंका और दूसरे राहुल गांधी के करीबी हैं। कुछ यही हाल पूर्व विधायक का भी है। जानकारों की मानें तो नए अध्यक्षों की घोषणा के बाद पूर्व विधायक का पलड़ा काफी भारी हो गया है।
South City में नहीं है Congress का Office
BJP की तर्ज पर Congress ने शहर कमेटी को दो हिस्सों (South & North) में बांट दिया है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या साउथ में पार्टी का अधिकृत कार्यालय का न होना है। Congress का अधिकृत कार्यालय तिलक हाल है। जहां पर अभी तक शहर अध्यक्ष से लेकर सभी सांसद, विधायक और पदाधिकारी बैठते रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही Congress भी South City में अपना Office खोल सकती है।
लंबे समय से चल रही थी कवायद
शहर कांग्रेस कमेटी में सबकुछ अचानक नहीं हो गया, बल्कि यह कवायद लंबे समय से चल रही थी। शहर के एक पूर्व और एक वर्तमान विधायक BJP की तर्ज पर Congress में दो अध्यक्ष की मांग करीब एक साल से कर रहे थे। लेकिन निवर्तमान कांग्रेस कमेटी के अधिकांश पदाधिकारी इसके विरोध में थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश की मौन स्वीकृति के बाद प्रदेश कांग्रेस की एक महिला नेत्री की मुहिम रंग लाई। उसके बाद सूबे में कांग्रेस के ताकतवर "त्रिकोणीय समीकरण" ने शहर में दो अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला ले लिया।
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