-Vikas Dubey के करीब दर्जन भर "हमदर्द" बन बैठे हैं करोड़पति
-RTI (Activist) & Advocate सौरभ भदौरिया ने की शिकायत
Desk Team (Report)
CO Devendra Mishra समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद Encounter में मारे गए गैंगस्टर Vikas Dubey के काली कमाई “साम्राज्य” Kanpur और उसके आसपास के जिलों में “अमरबेल” की तरह फैला है। Vikas Dubey के खजांची रहे Jai Bajpai के करीब दर्जन भर करीबी दोस्त देखते ही देखते कुछ वर्षों में करोड़पति बन बैठे। सभी के पास न सिर्फ लग्जरी गाड़ियां हैं बल्कि करोड़ों रुपए के कीमत की बेनामी संपति भी है।
अधिवक्ता और आरटीआइ एक्टीविस्ट सौरभ भदौरिया ने आयकर विभाग (IT), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध अनुसंधान (EOW) समेत कई जांच एजेंसियों को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई ने अपने साथियों रजय बाजपेई प्रमोद विश्वकर्मा ,पवन गुप्ता समेत करीब एक दर्जन लोगों के जरिए Vikas Dubey के काले कारोबार की कमाई को अलग-अलग ढंग से ठिकाने लगवाया। इसमें तमाम बेनामी संपत्तियों के साथ लग्जरी गाड़ियां और अन्य जगहों पर इनवेस्टमेंट किया गया।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि जांच एजेंसियों को चाहिए कि वह इन सभी लोगों की जांच करें। ताकि Vikas Dubey की काली कमाई के “साम्राज्य” का खुलासा हो सके।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि यह एक संगठित गिरोह था, जो सफेदपोश नेताओं और कुछ अफसरों के संरक्षण की वजह से फलता-फूलता रहा। जिसने भी इस गिरोह के खिलाफ आवाज उठाई उसके खिलाफ षडयंत्र के तहत रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। अब चूंकि एक बड़ा कांड हो चुका है। कई सफेदपोश और अफसरों के चेहरे बेनकाब हो चुके हैं, इस लिए जांच एजेंसियों को चाहिए कि वह जिन लोगों की शिकायत की गई है वह उनके खिलाफ जल्द से जल्द जांच करें।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि भाजयुमों के कई नेताओं के जरिए जय बाजपेयी ने विकास दुबे के कई करोड़ रुपए ब्याज पर बंटवाए।
कई संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पिछले कई साल में हुई। तीन लग्जरी गाड़ियों का बरामद होना भी इसका एक प्रमाण है। सौरभ भदौरिया का कहना है कि यदि सही जांच हुई तो करीब आधा दर्जन बीजेपी के नेता सलाखों के पीछे होंगे।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि दो आइपीएस अफसरों, एक पीपीएस अफसर के साथ-साथ दर्जन भर के करीब थानेदार भी परोक्ष और अपरोक्ष तरीके से विकास दुबे एंड टीम को संरक्षण दे रहे थे। यही वजह रही कि विकास दुबे ने जय बाजपेई के साथ मिलकर बडा आर्थिक “साम्राज्य” खडा कर लिया।
सौरभ भदौरिया ने बिकरू में सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में अभी तक आरोपियों के खिलाफ रासुका और धारा 34 की कार्रवाई न होने पर सवालिया निशान उठाया है।
सौरभ भदौरिया का आरोप है कि पूरे मामले में अभी भी कई पुलिस अफसरों और बीजेपी के नेताओं को बचाने के लिए अंदरखाने में “खेल” चल रहा है। सौरभ भदौरिया ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की भी मांग की है।
सौरभ भदौरिया का कहना है कि करीब दर्जन भर थानेदारों के संपत्तियों की भी जांच एजेंसियों को करनी चाहिए। ताकि यह पता चल सके कि यह सब लोग कैसे करोड़पति बने हैं।
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