-STF, ED, IT और इंटेलीजेंस के रडार पर BJYM (Kanpur) के कई नेता
-वारदात से एक दिन पहले असलहा और कारतूस देने पहुंचे थे दो नेता
-Bikaru Case की SIT जांच में कई अहम खुलासे से माहौल गर्म
-देर-सबेर कार्रवाई की जद में आ सकते हैं BJP के आधा दर्जन नेता
-जिला प्रशासन तैयार करवा रहा है ऐसे नेताओं की थानावार लिस्ट
-स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) को भी किया गया Alert
-सोशल मीडिया पर BJYM के नेताओं की तमाम Photo Viral
Yogesh Tripathi
Kanpur के चौबेपुर स्थित Bikaru गांव में 2/3 जुलाई 2020 की रात्रि CO समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में SIT जांच जारी है। SIT Team को अब तक तमाम अहम जानकारियां और सुराग मिल चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो BJYM (Kanpur) के कई नेताओं के गैंगस्टर Vikas Dubey और उसके गुर्गों के करीबी रिश्ते थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वारदात से एक दिन पहले Vikas के "मुनीम" Jai Bajpai के साथ भारतीय जनता युवा मोर्चा के कुछ पदाधिकारी भी असलहा और कारतूस देने के लिए Bikaru गांव गए थे। इसमें एक नाम BJYM Kanpur (North) महामंत्री रचित पाठक का बताया जा रहा है। एक TV Channel ने इस खबर को प्रमुखता से ब्रेक करते हुए कई सवाल भी उठाए। रचित की एक Photo जय बाजपेयी के साथ सोशल मीडिया पर Viral हो रही है। "यक्ष प्रश्न" ये है कि "क्या Bikaru Case में जांच की आंच भाजयुमों के नेताओं तक पहुंचेगी" ? या फिर सत्ता की हनक और "माननीयों" की कृपा की वजह से ये सभी आसानी से बच निकलेंगे ?
www.redeyestimes.com (News Portal) के पास जो जानकारियां हैं उसके मुताबिक देर-सबेर ही सही लेकिन BJYM के कई नेताओं की गर्दन फंसनी पक्की है खबर ये भी है कि ये सभी नेता एक बड़े "माननीय" के बेहद खास हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में नाम प्रकाश में आते ही ये सभी "अंडरग्राउंड" हैं।
BJYM के प्रदेश मंत्री प्रमोद विश्वकर्मा का जय बाजपेयी के साथ Connection किसी से छिपा नहीं है। वारदात के बाद काकादेव में जो तीन लग्जरी गाड़ियां पुलिस ने बरामद की थीं, उसमें एक कार प्रमोद विश्वकर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड है। तब प्रमोद विश्वकर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वो बीजेपी की राजनीतिक करते हैं। क्षेत्र के लोग उनके पास मदद के लिए अक्सर आते हैं। जय बाजपेयी का सिविल खराब था, इस लिए अपने नाम पर उन्होंने गाड़ी निकलवाई थी। सवाल ये उठता है कि आखिर एक करोड़ रुपए के कीमत की गाड़ी कौन किसको निकलवाकर देता है ? क्या प्रमोद ने क्षेत्र के और लोगों को भी गाड़ी निकलवाकर दी हैं ? आखिर इतनी दौलत कहां से आई उनके पास ? तमाम तरह के सवाल हैं, जिनके जवाब ED, IT और STF को पूछताछ में शायद ही मिलें।
हैरान करने वाली बात ये है कि अब तक STF या फिर किसी जांच एजेंसी ने सत्ताधारी दल के इन छुटभैया नेताओं से पूछताछ तक करने की आवश्यकता नहीं समझी। एक बड़े अफसर Portal से बातचीत में कहा कि सिर पर इनाम घोषित होते ही ये सभी सलाखों के पीछे होंगे। सूत्रों की मानें तो एक "माननीय" की इन नेताओं पर कृपा है। शायद यही वजह है कि पुलिस अफसर इन छुटभैया नेताओं से पूछताछ करने में हिचक रहे हैं।
Kanpur (BJP) या संगठन के किसी बड़े नेता ने अभी तक इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा है। पोर्टल ने कुछ नेताओं से बातचीत की लेकिन सभी ने ऑफ द रिकार्ड बातचीत ही की। दबी जुबान से इन नेताओं ने हो रही फजीहत पर भी चिंता व्यक्त की। एक पुराने नेता ने तो यहां तक कह दिया कि युवा मोर्चा प्रेसीडेंट कौन सी और कैसी जांच कर रहे हैं ? क्या वह NIA, STF के अफसर हैं ?
बड़े सूत्रों की मानें तो BJP के आधा दर्जन नेताओं के साथ-साथ एक सपा नेता का भाई, एक हिस्ट्रीशीटर का भाई भी जल्द कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। साथ ही जय बाजपेयी के करीब आधा दर्जन रिश्तेदार और करीबी भी रडार पर हैं। इसमें मिट्टी का बर्तन बनाने वाला भी शामिल है। कुल मिलाकर करीब दर्जन भर लोगों की List थानावार बनाई जा रही है। इसमें लोकल इंटेलीजेंस को भी मदद के लिए Alert किया गया है।
ये सभी वे लोग हैं जो बीते कुछ साल में करोड़ों की संपत्तियां अर्जित कर चुके हैं। चर्चा इस बात की भी है SIT के रिपोर्ट सौंपने से पहले कई लोग सलाखों के पीछे जा सकते हैं। जो लोग विकास के करीबी गुर्गों की ढाल बन रहे हैं, उनसे निपटने के लिए भी जांच एजेंसियों ने तमाम तरह के जाल बिछाएं हैं। ताकि गुर्गों को शरण देने वाले सफेदपोश लोगों को आसानी से बैकफुट पर किया जा सके।
National Congress (Youth Wing) के प्रेसीडेंट Srinivas B.V ने Tweet कर लिखा है कि "विकास दुबे ने जिस गोला बारूद से पुलिस टीम का एनकाउंटर किया था, उसे भाजपा की युवा विंग (BJYM) से जुड़े नेताओं ने ही सप्लाई किया था, बस इसी कारण सफारी से निकला विकास TUV में पलट गया और मारा गया...."
वहीं, फ्राइ-डे की शाम को UPSTF की टीम ने Vikas Dubey के बेहद खास और एक लाख के इनामी बदमाश हीरू की तलाश में कई लोगों से पूछताछ की। खबर है कि हीरू के घर पर भी STF ने काफी देर रहकर जानकारी जुटाई। हीरू की तलाश STF को इस लिए है, क्यों कि हीरू ही विकास दुबे की काली कमाई का लेखाजोखा संभालता था। कुल मिलाकर हम ये भी कह सकते हैं कि हीरू ही विकास का CA था।
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