-अपहरण के बाद किया गया था Sanjeet Yadav का Murder
-एक करोड़ की फिरौती के लिए ने दोस्तों ने की थी वारदात
-फिरौती के 30 लाख रुपए अपहरणकर्ताओं को नहीं मिले
-तत्कालीन SP (South) और SHO पर परिजनों ने लगाए थे आरोप
-CM ने केंद्र सरकार से की CBI जांच की सिफारिश
-अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे पिता-बहन ने खत्म किया धरना
Yogesh Tripathi
Kanpur के Barra
से लैब टेक्नीशियन Sanjeet
Yadav Case (अपहरण और हत्या) के मामले की अब CBI जांच
होगी। परिजनों के अनुरोध पर CM योगी आदित्यनाथ ने सीबीआइ जांच के लिए
सिफारिश की है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने तत्कालीन SP (South) अपर्णा गुप्ता, SHO रणजीत राय समेत 10 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया था। संजीत
के अपहरण और मर्डर की सीबाआइ जांच संस्तुति होने पर परिजनों ने अनिश्चित कालीन
धरना खत्म कर दिया। उल्लेखनीय है कि इंसाफ की मांग करते हुए संजीत के पिता और बहन
बर्रा स्थित शास्त्री चौक पर धरना देकर बैठ गए थे।
Sanjeet Yadav को उसके ही दोस्तों ने एक करोड़ रुपए की फिरौती के लिए 26 जून को किडनैप कर लिया था। 13 जुलाई को अपहरणरकर्ताओं ने चकमा देकर 30 लाख रुपए की फिरौती भी वसूल ली लेकिन संजीत का कोई सुराग नहीं मिला। फिरौती की रकम देने के बाद भी जब संजीत का सुराग नहीं मिला तो परिजनों ने SSP Office पहुंचकर मीडिया के सामने गुहार लगाई।
मीडिया में फजीहत के बाद Kanpur Police एक्टिव हुई लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। परिजनों का आरोप है कि तहरीर देने के बाद भी तत्कालीन SHO रणजीत राय ने कोई कार्रवाई नहीं की। फिरौती के लिए जब धमकी मिली तो पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय परिजनों को फिरौती की रकम देने के लिए दबाव बनाया।
संजीत के पिता चमनलाल का आरोप है कि जेवर आदि बेंचकर किसी तरह उन्होंने 30 लाख रुपए का प्रबंध किया। गुजैनी पुल के पास पुलिस की मौजूदगी में अपहरणकर्ताओं को नोटों से भरा बैग भी ओवरब्रिज से गिराकर दे दिया लेकिन उनका बेटा नहीं मिला।
पिता चमनलाल का आरोप है कि पुलिस की भूमिका शुरु से ही संदिग्ध रही। पुलिस ने Case का खुलासा करते हुए करीब आधा दर्जन लोगों को Arrest कर लिया। पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने अफसरों को बताया कि फिरौती की रकम उनको नहीं मिली। फिरौती की रकम न मिलने और पहचान उजागर होने की आशंका में सभी ने Sanjeet का Murder कर लाश पांडु नदी में फेंक दी। कई दिन बाद पुलिस रतनलाल नगर स्थित उस बंगले में भी पहुंची, जहां पर संजीत को रखा गया था। यह मकान अपहरणकर्ताओं ने किराए पर लिया था। हालांकि यहां पर पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम को कोई महत्वपूर्ण सुराग हाथ नहीं लगा।
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