-Police की फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम को मौके से मिले AK-47 के खोखे
-अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा लेकर मौजूद था गैंगस्टर Vikas Dubey
-संवेदनशील बिकरू गांव में गैंगस्टर के पास अत्याधुनिक हथियार कैसा पहुंचा ?
-Police की खुफिया इकाई LIU एक बार फिर फेल साबित हुई
-Kanpur Range की सभी सीमाएं सील, बैरीकेडिंग लगाकर सर्चिंग
-UPSTF की टीम ने मौके पर पहुंचकर संभाला मोर्चा
हमले में शहीद UP Police का जवान। |
Yogesh Tripathi
Kanpur के चौबेपुर थाना एरिया स्थित बिकरू गांव में मध्यरात्रि दबिश के लिए गई पुलिस टीम पर हमले में गैंगस्टर Vikas Dubey और उसके शूटर्स ने अत्याधुनिक असलहों का जमकर प्रयोग किया। www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में एक अधिकारी ने दबी जुबान से बताया कि कुछ खोखे मिले हैं। माना जा रहा है कि ये खोखे AK-47 जैसे प्रतिबंधित हथियार के हैं। जांच के बाद इसकी पुष्टि हो सकेगी।
Kanpur में UP Police के 8 जवानों की हत्या का मुख्य मॉस्टर माइंड गैंगस्टर Vikas Dubey । |
विकास और उसके शूटर्स के पास ये हथियार बिकरू गांव कैसे पहुंचे ? गैंगस्टर और उसके शूटर्स की मौजूदगी गांव में थी लेकिन पुलिस को भनक क्यों नहीं लगी ? यदि समय रहते पुलिस को पास ये सूचना होती तो शायद दबिश देने गई टीम अलर्ट होकर भारी बंदोबस्त के साथ पहुंचती। जानकारों की मानें तो सटीक सूचनाएं न मिलने की वजह से बड़ी चूक हुई है।
वहीं, पुलिस टीम पर बड़े हमले और 8 पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद Kanpur Range की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। प्रमुख मार्गों और चौराहों पर बैरीकेडिंग कर पुलिस की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही हैं। खबर ये भी आ रही है कि पुलिस टीम ने बिकरू से थोड़ी दूरी पर स्थित एक गांव के पास विकास के तीन गुर्गों को Encounter में ढेर कर दिया है। हालांकि इसकी अभी अधिकारिक पुष्टि पुलिस के किसी अफसर ने नहीं की है।
Vikas Dybey को हमेशा मिलती रही राजनीतिक "छतरी"
गैंगस्टर Vikas Dubey ने सबसे पहला चुनाव ग्राम प्रधानी का जीता। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रधान बनने के बाद वह जिला पंचायत का चुनाव जीता। वर्ष 2000 में विकास ने शिवली थाना एरिया स्थित ताराचंद्र इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी। कोर्ट ने उसे इस हत्याकांड में उम्रकैद की सजा मुकर्रर की है। इससे भी बड़ा जघन्य अपराध विकास ने वर्ष 2001 में शिवली थाना परिसर के अंदर किया। उस समय यूपी में बीजेपी की सरकार थी।
कानपुर देहात की राजनीति में सक्रिय रहने वाले बीजेपी नेता संतोष शुक्ला तब दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री थे।
शिवली थाने के अंदर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने संतोष शुक्ला की हत्या कर दी। हालांकि कोर्ट में ट्रायल के
दौरान सबूत और साक्ष्यों के अभाव में विकास दुबे बरी हो गया। इस दौरान उसने अपने शूटर्स की एक बड़ी टीम खड़ी कर ली।
वर्ष 2003 में विकास दुबे के भाई की हत्या कर कानपुर के कल्याणपुर थाना एरिया में कर दी गई। इसके बाद वर्ष 2004 में विकास दुबे केबिल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या की। इससे पहले भी कई हत्याओं में विकास का नाम आया। विकास पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी समेत कई संगीन धाराओं के मुकदमें यूपी के कई जनपदों में दर्ज हैं।
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