-Kanpur (BJP) के दो MLA से गैंगस्टर Vikas Dubey के करीबी रिश्ते
-3 साल पहले STF से पूछताछ का Video सोशल मीडिया में हो रहा है Viral
-अभिजीत सांगा, भगवती प्रसाद सागर का Vikas Dubey ने लिया नाम
-एक वीडियो में Vikas ने Ex.Minister हरिकिशन श्रीवास्तव को बताया "राजनीतिक गुरु"
-शहीद CO देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के सस्पेंड थानेदार की करतूतों का चिट्ठा SSP को दिया था
-शिकायती पत्र देने के बाद भी Anant Dev Tiwari ने नहीं लिया था कोई एक्शन
-शिकायती पत्र के सोशल मीडिया में Viral होने के बाद अफसरों में हड़कंप
-IG ने पत्रकारों से कहा कि, मामले की File को किया है तलब, होगी कार्रवाई
-Unnao में पुलिस ने लगाए विकास दुबे के पोस्टर
Yogesh Tripathi
Kanpur के बिकरू कांड को करीब 90 घंटे से अधिक का समय हो चुका है। UP की हाइटेक पुलिस के हाथ Vikas Dubey की गर्दन तक नहीं पहुंच सके हैं। करीब 900 पुलिस कर्मियों की 60 टीमें Vikas की गिरफ्तारी के लिए लगाई गई हैं लेकिन रिजल्ट अभी तक शून्य है। चर्चा है कि Vikas Dubey यूपी की सीमा को क्रॉस कर चुका है। शायद यही वजह है कि सूबे की पुलिस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश पुलिस से मदद मांगी है। विकास दुबे के सिर पर रखी जाने वाली इनामी राशि हर दिन बढ़ रही है। DGP ने विकास को जिंदा या मुर्दा गिरफ्तारी पर अब इनाम 2.5 लाख कर दिया है। टोल प्लाजा से लेकर हाइवे तक Vikas Dubey के पोस्टर पुलिस लगाती फिर रही है। देर शाम की खबर है कि UPSTF की एक टीम Kanpur जय बाजपेयी को लेकर Lucknow के लिए रवाना हो गई है। इसके पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर अब IPS Officer अनंत देव तिवारी पर लग रहे आरोप को लेकर भी सवालों का दौर शुरु हो चुका है। Twitter पर पत्रकार और तमाम नेता सरकार से पूछ रहे हैं कि आखिर अनंत देव से पूछताछ कब होगी। गौरतलब है कि अनंत देव कानपुर में लंबे समय तक SSP/DIG रहे हैं। हाल में ही उनका तबादला DIG (STF) के पद पर लखनऊ के लिए यूपी सरकार ने किया है। हालांकि SSP_KNR दिनेश कुमार पी ने सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहे पत्र के बाबत कहा कि उन्होंने इसकी जांच कराई है लेकिन मामला अभी तक की जांच में सही नहीं मिला है।
आधा दर्जन सांसद और विधायकों से है "याराना"
सोशल मीडिया पर Video के वॉयरल होने के बाद सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया। देश के चर्चित बिकरू हत्याकांड को लेकर मचे बवाल के बीच जब विधायकों को यह बात पता चली तो दोनों तुरंत बचाव की मुद्रा में आ गए। टीवी चैनलों की तमाम डिबेट्स में दोनों ही विधायक बचाव में अपना पक्ष रखते नजर आए। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि यदि परतें और खुलीं करीब आधा दर्जन और "माननीयों" के चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं। इसमें कुछ संसद के अंदर भी बैठते हैं। जानकारों की मानें तो करीब आधा दर्जन से अधिक सांसदों और विधायकों का विकास से "याराना" है। समय-समय पर सभी ने विकास की मदद की है और बदले में विकास ने भी मदद की। तीन वीडियो को गौर से देखने के बाद एक सवाल यह उठता है कि "गैंगस्टर और माननीयों" ये रिश्ता आखिर क्या कहलाता है ?
जय बाजपेयी से अभी भी जारी है पूछताछ
कानपुर में तीन लावारिश कारों के मिलने के बाद संडे को STF और पुलिस के रडार पर आए जय बाजपेयी से अब तक कई चक्र की पूछताछ हो चुकी है। Vikas Dubey से उसका क्या कनेक्शन है ? यह करीब-करीब अफसर जान चुके हैं। एक युवा बीजेपी नेता भी जांच के दायरे में है। पुलिस टीम की तरफ से अभी इन सबको क्लीन चिट नहीं मिली है। पुलिस सुबह-दोपहर और रात को पेशी पर बुला रही है। विकास को लेकर तमाम "यक्ष प्रश्न" का सही जवाब नहीं मिला है। माना जा रहा है कि सख्ती बढ़ सकती है। वहीं, देर शाम एसटीएफ की टीम जय बाजपेयी को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई है। खबर ये भी है कि एसटीएफ जय बाजपेयी के कुछ परिजनों को भी साथ ले गई है।
Vikas Dubey को प्राप्त है बड़ा राजनीतिक संरक्षण
विकास दुबे को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल ही सवाल उठ रहे हैं। बात मुखबिरी की हो, या फिर सीओ की तरफ से थानेदार की शिकायत को लेकर लिखे गए पत्र की हो। जानकारों का मानना है कि सूबे की पुलिस सक्षम है। उसके पास STF, ATS जैसी ताकतवर विंग मौजूद है। किसी भी अपराधी, आतंकी को यह टीमें कुछ घंटों सफाया कर सकती हैं तो फिर विकास दुबे क्या औकात ? जानकारों का तर्क है कि विकास के पीछे निश्चित तौर पर कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण है। जिसकी वजह से पुलिस और तमाम टीमें उस पर जल्द हाथ नहीं डाल सकेंगी। जानकार ये भी कहते हैं कि जब तक विकास मारा नहीं जाएगा, राजनीति और पुलिस विभाग से जुड़े उसके तमाम खास लोग बेनकाब होते रहेंगे।
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