-DM & SSP पहुंचे महाराजपुर स्थित शेल्टर होम
-दोनों अफसरों ने आनन-फानन में बुलाई Meeting
-दो दिन में अचानक बढ़ गए सैकड़ों अप्रवासी मजदूर
-Meeting में Fatehpur के DM & SP भी पहुंचे
महाराजपुर के MGA College (शेल्टर होम) में मातहतों के साथ बातचीत कर जानकारियां जुटाते DM Kanpur |
Yogesh Tripathi
Lockdown के
बीच महाराष्ट्र और राजस्थान से भारी संख्या में अप्रवासी मजदूरों ने पलायन कर दिया
है। बीते दो दिनों में Kanpur City में सैकड़ों की संख्या में अप्रवासी मजदूरों
ने एंट्री की है। मध्य प्रदेश (MP) के जंगलों, पहाड़ों और गोपनीय तरीके से ट्रक में बैठकर ये श्रमिक Kanpur और उसके समीवर्ती जिलों में दाखिल हो
चुके हैं। सभी को को रास्ते में रोकने के बाद अफसरों ने उनको Quarantine
करवाया। अप्रवासी मजदूरों के प्रवेश से
Kanpur के
आला अफसरों की टेंशन काफी बढ़ी हुई है। यही वजह रही कि शनिवार को DM डॉक्टर ब्रम्हदेव राम तिवारी, SSP अनंत देव तिवारी महाराजपुर थाना एरिया
के पुरवा मीर स्थित MGA College (शेल्टर होम) पहुंचे। शेल्टर होम की जमीनी हकीकत
देखने के बाद दोनों अफसरों ने मातहतों के साथ एक अहम Meeting की।
Kanpur में एंट्री लेने वाले अप्रवासी मजदूर कुछ इस तरह सड़क के किनारे बैठे दिखे। |
Meeting में Fatehpur के DM & SP पहुंचे
महाराजपुर
स्थित MGA College (शेल्टर होम) का जायजा लेने के बाद Kanpur के DM और SSP ने Meeting की। इस अहम बैठक में मातहतों के साथ
पड़ोसी जनपद Fatehpur के DM और SP भी शामिल हुए। बैठक बेहद गोपनीय तरीके
से की गई। मीडिया के प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा गया। सूत्रों की मानें
तो जो मजदूर चोरी छिपे अपने घरों पर पहुंच चुके हैं उनको Quarantine
कराने से लेकर तमाम बिन्दुओं पर चर्चा
कर रणनीति बनाई गई। जो श्रमिक अब भी शेल्टर होम में मौजूद हैं, उनके स्वास्थ्य
परीक्षण से लेकर सभी को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कैसे कराया जाए। इस पर भी चर्चा
हुई। उल्लेखनीय है कि महाराजपुर थाना एरिया के MGA College, KIT College,
Apollo College (तीनो
इंजीनियरिंग कॉलेज) को जिला प्रशासन ने शेल्टर होम में तब्दील कर रखा है। यहां पर उन
लोगों को रखा गया है जो Lockdown के दौरान शहर आ गए थे।
Kanpur पहुंचने पर हाइवे के नीचे बैठे रहे दर्जनों अप्रवासी मजदूर। |
जंगल और पहाड़ के रास्ते सफर कर पहुंचे श्रमिक
मध्य
प्रदेश (MP) सीमा पर हाइवे समेत सभी रास्तों पर पुलिस
के बैरियर लगे हैं। जिसकी वजह से ये श्रमिक जंगल और पहाड़ों के रास्ते से होकर
गुजरे। UP-MP के
बार्डर पर स्थित जनपदों बांदा, महोबा, ललितपुर, झांसी से होते हुए श्रमिक कानपुर, जालौन और इटावा होते हुए अपने घरों को पहुंचे हैं। मालवाहक
वाहनों के आवागमन में मिली रियायत के बाद इन
मजदूरों ने ट्रकों और अन्य वाहनों में चोरी-छिपे सफर किया है।
महाराजपुर स्थित MGA College का निरीक्षण करते DM Kanpur |
Lockdown में टूट चुकी थी श्रमिकों की उम्मीदें
मजदूरों
का कहना है कि लॉकडाउन बढ़ने से उनकी उम्मीदें
टूट चुकी थी। जिसके बाद सभी ने अपने पैतृक घर के लिए निकलना मुनासिब समझा। मजदूरों
की मानें तो महाराष्ट्र में पुलिस को रुपए देकर सभी लोग निकले थे। वहां पर खाने के
लिए कुछ नहीं मिल रहा था। सभी मजदूर पूर्वांचल के तमाम जनपदों से ताल्लुक रखते
हैं। कानपुर में इनकी एंट्री होते ही जिले के प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
मजदूरों को रास्ते में रोक सभी को महाराजपुर स्थित एमजीए कॉलेज (शेल्टर होम) ले
जाया गया। यहां पर सभी को क्वारंटीन किया गया।
Kanpur के
एक बड़े अफसर की मानें तो कानपुर के पड़ोसी जनपदों में शक के आधार पर कुछ ट्रकों
को रोका गया था। जिसमें करीब 10 मजदूर मिले थे। ये सभी ट्रक के पिछले हिस्से पर
सवार थे। ये हिस्सा तिरपाल से ढका था। कुछ मजदूर पैदल ही कई किलोमीटर की यात्रा कर
Kanpur
पहुंचे।
48 घंटे में अचानक बढ़ गई श्रमिकों की संख्या
खुफिया
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र, राजस्थान के साथ-साथ दक्षिण भारत के प्रांतों में
काम करने वाले ये अप्रवासी मजदूर गुरुवार से लेकर शुक्रवार रात तक ट्रक, रेलवे लाइन और खेतों के रास्ते होते हुए मध्य प्रदेश की
सीमा को क्रास कर यूपी के झांसी में एंट्री कर गए। जिन मजदूरों के पैतृक घर या
गांव Kanpur के
पड़ोसी जनपदों में थे वो सीधे वहीं से निकल गए। पूर्वांचल जनपदों के श्रमिकों ने Kanpur की सीमा में एंट्री ले ली।
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