-50 से अधिक सीरियल ब्लास्ट के मामलों में है आरोपी
-UPSTF की (Kanpur Unit) को मिली बड़ी सफलता
-17 जनवरी 2020 को खत्म हो गई थी पैरोल
STF (Kanpur Unit) के हत्थे चढ़ा Wanted आतंकी डॉ. जलीस अंसारी।
Yogesh Tripathi
देश भर में 50 से भी अधिक सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी खूंखार आतंकी डॉ. जलीस अंसारी को उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) की (Kanpur Unit) ने Kanpur के फेथफुलगंज एरिया में Arrest कर लिया। अजमेर ब्लास्ट मामले में सजायाफ्ता आतंकी डॉ. जलीस अंसारी पिछले महीने ही पैरोल पर जेल से बाहर आया था। मुंबई में दो दिन पहले वह दो दिन पहले जलीस फरार हो गया तो खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गईं। STF (IG) अमिताभ यश की सूचना के बाद सक्रिय (STF Kanpur Unit) के प्रभारी Ghanshyam Yadav की अगुवाई में टीम ने उसे Arrest कर लिया। STF ने इस आतंकी के पास से आधार कार्ड समेत कई सामान बरामद किए हैं।मुंबई से पुष्पक एक्सप्रेस में बैठकर कानपुर पहुंचा, नेपाल के रास्ते विदेश भागने की तैयारी में था आतंकी। |
पुष्पक एक्सप्रेस से पहुंचा Kanpur
STF के मुताबिक आतंकी डॉ. जलीस अंसारी मुंबई से पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर Kanpur Central पहुंचा। यहां फेथफुलगंज में ऊंची मस्जिद देख उसने अपना सामान वहां के मुतवल्ली के पास रख दिया और आसपास काफी देर तक टहलता रहा । मौका पाकर पहले से सादे कपड़ों में मौजूद STF ने उसे धर दबोचा ।फेथफुलगंज मस्जिद के बाहर से गिरफ्तारी के बाद कड़ी सुरक्षा में लखनऊ ले जाया गया आतंकी जलीस अंसारी। |
26 साल बाद मिली थी आतंकी को पैरोल
STF की पूछताछ में आतंकी जलीस अंसारी ने बताया कि 26 साल बाद उसे पैरोल मिली। उसके बाद जेल से वह बाहर आया। मुंबई में वह अपनी बीवी और बच्चों के पास पहुंचा। जलीस अंसारी के मुताबिक उसके बीवी और बच्चे कलह करते थे। जिसको लेकर अक्सर झगड़ा होता था। जिससे परेशान होकर वह मुंबई से चुपचाप निकल गया।30 साल पुराने दोस्त के पास आया Kanpur
मुंबई में बीवी और बच्चों को छोड़कर आतंकी जलीस अंसारी पुष्पक ट्रेन में बैठकर Kanpur के लिए चल पड़ा। उसके दो पुराने दोस्त अब्दुल रहमान और अब्दुल कयूम Kanpur के फेथफुलगंज में रहते थे।आतंकी जलीस अंसारी जब Kanpur के फेथफुलगंज में पहुंचा तो उसे पता चला कि अब्दुल रहमान की सड़क हादसे में काफी पहले मौत हो चुकी है। जबकि अब्दुल कयूम शहर छोड़ चुका है।
इसके बाद आतंकी ने अपना सामान ऊंची मस्जिद में रख दिया और वहां मौजूद लोगों से ऐसे बातचीत करने लगा कि मानों वह स्थानीय हो। एक व्यक्ति के पांच साल के बच्चे की अंगुलियां पकड़ वह सेंट्रल स्टेशन तक भी गया। सेंट्रल स्टेशन पर उसने पूछताछ केंद्र में काफी देर खड़े रहकर जानकारी भी ली। लेकिन इसके बाद वह फिर लौट आया। मस्जिद में उसने नमाज भी पढ़ी। लेकिन जब वह बाहर निकला तो STF के “चक्रव्यूह” में फंस गया।
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