कानपुर-कबरई राष्ट्रीय राजमार्ग पर 72 घंटे में तीसरा बड़ा Accident

फ्राइ-डे की रात नौबस्ता मछरिया तिराहे पर हुआ था हादसा

शनिवार को बिधनू थाना एरिया में डंपर-वैन की भिड़ंत

संडे की सुबह खड़े कंटेनर से भिड़ी वैन

हाइवे के कट पर ब्रेकर नहीं, फर्राटा भरते हैं भारी वाहन


प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही से जनता में खासा आक्रोश

नौबस्ता बाईपास से लेकर बिधनू तक फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

फुटपाथ के दोनों तरफ अंडा, चाय, पान-मसाला और सब्जी के लगते हैं ठेले




Yogesh Tripathi

खूनी हाइवे के नाम से कुख्यात हो चुके कानपुर-कबरई (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर संडे की सुबह एक और भीषण Accident हो गया। खड़े कंटेनर से तेज रफ्तार डग्गामार वैन भिड़ गई। टक्कर में 2 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


धरमपुर बंबा के पास 5 बजे Accident


Accident कानपुर-कबरई (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर स्थित धरमपुर बम्बा और रिन्द नदी के पास सुबह 5 बजे के करीब हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कंटेनर का चालक वाहन को खड़ा कर गिट्टी उतार रहा था तभी तेज रफ्तार वैन भिड़ गई। इसकी चपेट में कंटेनर का चालक भी आ गया। चीख-पुकार के बाद स्थानीय लोग और राहगीर पहुंचे। सूचना पर पुलिस भी पहुंची।

घायलों को पतारा सीएचसी ले गई पुलिस

Accident में घायल वैन चालक अमन यादव (22) पुत्र अनिल कुमार निवासी बर्रा (कानपुर) के अलावा वैन सवार राजेश कुमार (23) पुत्र धनीराम, राखी (10) पुत्री अनिल निवासी रेउना (घाटमपुर), रमाशंकर (35) निवासी कोरिया (सजेती) और अनिल कुमार (22) पुत्र सुरेश कुमार निवासी कस्बा घाटमपुर को चौकी पुलिस ने पतारा सीएचसी पहुंचाया। चिकित्सकों ने हालत नाजुक देख चार लोगों को हैलट रेफर कर दिया। जिसमें राखी और कंटेनर चालक को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

72 घंटे में तीसरा बड़ा Accident

पिछले 72 घंटे के दौरान इस मार्ग पर अब तक तीन बड़े हादसे हो चुके हैं। शुक्रवार की रात मछरिया तिराहे के पास तेज रफ्तार डंपर कई वाहनों में टक्कर मारने के बाद स्कूटी सवार महिला को रौंदते हुए विपरीत दिशा में कार से भिड़ गया। शनिवार को तेज रफ्तार डंपर ने वैन में टक्कर मार दी। एक की मौत हुई और 8 लोग घायल हुए। गौरतलब है कि नौबस्ता से लेकर बिधनू तक इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर घनी आबादी है। हर दिन बड़े हादसे हो रहे हैं। हाइवे के कट पर न तो ब्रेकर हैं और न ही ट्रैफिक की समुचित व्यवस्था। यही वजह है कि स्थानीय लोग अब इस हाइवे को खूनी हाइवे भी कहने लगे हैं।
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