हाल-ए-गोविंद नगर विधान सभा (उपचुनाव)
BJP के नए नियम से कई "महारथी" बाहर
अनूप पचौरी के लिए सांसद पिता लगा रहे एड़ी-चोटी का जोर
सुरेंद्र मैथानी का दावा भी हल्का नहीं
अगले 48 से 72 घंटों में कभी भी हो सकती है प्रत्याशी की घोषणा
कानपुर की गोविंदनगर सीट से बीजेपी के संभावित प्रत्याशी के तीन बड़े दावेदार नीतू सिंह, सुरेंद्र मैथानी और अनूप पचौरी। |
Yogesh Tripathi
अंतिम दौर में पहुंचा प्रत्याशिता का "सियासी संग्राम"
Kanpur के गोविंदनगर विधान सभा (उपचुनाव) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में प्रत्याशी चयन को लेकर
चल रहा “सियासी संग्राम” अब अंतिम दौर में है। “गेंद” पूरी तरह से RSS के एक दिग्गज पदाधिकारी के
पाले में बताई जा रही है। इसी दिग्गज की वजह से ही दो दिन पहले Congress के एक Ex.MLA का “सपना” चकनाचूर हो चुका है। अगले
48 से 72 घंटे के बीच किसी भी समय प्रत्याशी का नाम Final कर हाईकमान घोषणा कर सकता
है। BJP संगठन के नए नियम-कायदे से कई “महारथी” खुद ब खुद रेस से “Out” हो चुके हैं। www.redeyestimes.com (News Portal) के पास जो पुख्ता
जानकारियां है उसके मुताबिक फ्राइ-डे को बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन का दो सेट
दाखिल होगा। 30 सितंबर को वाहन जुलूस के जरिए शक्ति प्रदर्शन के साथ एक और सेट
दाखिल किया जाएगा। कुछ संकेत देर रात्रि ही हाईकमान की तरफ से दिए जा चुके हैं।
अनूप पचौरी और सुरेंद्र मैथानी के बीच रेस
सूत्रों की मानें तो सांसद पुत्र अनूप पचौरी और Kanpur BJP (North)
प्रेसीडेंट सुरेंद्र मैथानी के बीच
प्रत्याशिता की तगड़ी रेस है। चर्चा है कि यदि किन्हीं वजहों से अनूप पचौरी की
टिकट अंत समय में कटती है तो नीतू सिंह के नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है। नीतू
सिंह की फिलहाल अभी तक कोई प्रबल दावेदारी नहीं है। नीतू सिंह RSS के एक बडे परिवार से
ताल्लुक रखती हैं। नीतू सिंह के ससुर वीरेंद्र जीत सिंह RSS (North-East)
के संघ चालक हैं। नीतू सिंह
प्रबल दावेदार अनूप पचौरी की बहन हैं।
पूर्व विधायक और हारे नेता को टिकट नहीं
BJP हाईकमान इस उपचुनाव में दूसरे राजनीतिक दल से आए नेताओं को टिकट नहीं देगा।
साथ ही पूर्व विधायक और हारे हुए प्रत्याशी को भी टिकट न दिए जाने के संकेत काफी
पहले दिए जा चुके हैं। यही वजह रही कि सबकुछ “पक्का” हो जाने के बाद भी दो दिन पहले Congrees के एक पूर्व “माननीय” “रेड सिग्नल” दिखा दिया गया। इसमें RSS के एक बड़े पदाधिकारी की
अहम भूमिका रही। ये पदाधिकारी काफी पहले प्रांत प्रचारक के तौर पर Kanpur में अपनी सेवाएं दे चुके
हैं। सूत्रों की मानें तो RSS के बाद “महाराज” ने भी दो टूक शब्दों में कह दिया कि उपचुनाव में
टिकट सिर्फ कार्यकर्ता को ही दी जाएगी। इसके बाद तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई।
हैट्रिक की कगार पर मैथानी और नीतू सिंह
सुरेंद्र मैथानी सक्रिय राजनीति में हैं, जबकि RSS के बड़े पदाधिकारी की वधु
नीतू सिंह सामाजिक सरोकार से जुड़ी हैं। लेकिन खास बात ये है कि ये दोनों ही हैट्रिक
की दहलीज पर खड़े हैं। सुरेंद्र मैथानी ने 2017 के विधान सभा चुनाव में किदवईनगर
से टिकट मांगी लेकिन नहीं मिली। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनको हाईकमान ने
टिकट नहीं दिया। अब तीसरी बार वे गोविंदनगर उपचुनाव में टिकट मांग रहे हैं।
कमोवेश यही हाल नीतू सिंह का भी है। हालांकि उन्होंने कभी टिकट के लिए आवेदन
अभी तक नहीं किया है। महापौर के चुनाव में ऐन वक्त पर नीतू सिंह को प्रत्याशी
बनाने की बात उठी लेकिन फिर प्रमिला पांडेय को अंत समय में फाइनल किया गया। 2019
के चुनाव में नीतू सिंह के आवेदन न करने के बाद भी RSS की तरफ से उनका नाम गंभीरता
से रखा गया लेकिन टिकट नीतू सिंह के पिता सत्यदेव पचौरी को मिली। समीकरण एक बार
फिर उसी तरह ही बन रहे हैं। नीतू सिंह की तरफ से अभी तक आवेदन नहीं किया गया है।
लेकिन उनके प्रत्याशिता की चर्चा काफी तगड़ी है। अब देखना ये है कि नीतू सिंह और
सुरेंद्र मैथानी में हैट्रिक कोई एक बनाएगा ? या फिर दोनों के नाम हैट्रिक होगी।
नोट-----सुधी पाठकों से निवेदन है कि इन 3 नामों के बाद भी यदि BJP हाईकमान कोई चौथा नाम Final करता है तो फिर ये किसी “चमत्कार” से कम नहीं होगा। www.redeyestimes.com ने बहुत सारी जानकारियां
इशारों में ही साझा की हैं। Portal किसी के प्रत्याशी होने का दावा नहीं करता है लेकिन एक बात
पुख्ता अवश्य करता है कि किसी को “ग्रीन सिग्नल” जारी हो चुका है। 16 प्रपत्रों को पूरा करने के
लिए कवायद Start है। मंगलवार से ही कई विभागों की NOC लेने का Work भी शुरु हो जाएगा।
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