Bundelkhand स्थित Mahoba के रहने वाले हैं रामदास और साबिर
सागरपुरी के नवीन जूनियर हाईस्कूल के पास पुलिस ने की घेराबंदी
पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं Arrest किए गए असलहा तस्कर
एक दर्जन से अधिक बने और अधबने तमंचे, कारतूस बरामद
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Yogesh Tripathi
SSP के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ "ऑपरेशन"
Kanpur में गोविंदनगर विधान सभा (उपचुनाव) के मद्देनजर SSP (KNR) Anant
Dev Tiwari के निर्देश पर शातिर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में बिधनू
पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। बिधनू थानेदार सुखराम सिंह ने फोर्स के साथ गल्लामंडी
स्थित एक खंडहर कालोनी में तमंचा बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश कर दो लोगों को Arrest कर लिया। पुलिस ने मौके से
तमाम बने और अधबने तमंचों के साथ उपकरण भी बरामद किया है।
बिधनू थाने में असलहा तस्करों से पूछताछ करते एसपी क्राइम प्रदुम्न सिंह, सीओ घाटमपुर और साथ में गिरफ्तारी करने वाली टीम। |
Mahoba के रहने वाले हैं दोनों शातिर
बिधनू पुलिस की तरफ से बड़े गुडवर्क की सूचना पर एसपी क्राइम प्रदुम्न सिंह और
क्षेत्राधिकारी घाटमपुर भी पहुंचे। मीडिया के साथ बातचीत में SP Crime ने बताया
कि जरिए मुखबिर बिधनू थाना प्रभारी सुखराम सिंह को सूचना मिली कि गल्लामंडी के पास
एक खंडहर में अवैध तमंचा फैक्ट्री का संचालन लंबे समय से कुछ शातिर लोग कर रहे
हैं। मुखबिर की बातों पर यकीन कर थाना प्रभारी सुखराम सिंह ने फोर्स के साथ नवीन
सागर जूनियर हाईस्कूल के पास स्थित केडीए की खंडहर कालोनी की चारो तरफ से घेराबंदी
की। फोर्स को देख खंडहर कालोनी में मौजूद लोग भागने लगे। फोर्स ने घेराबंदी कर दो
लोगों को दबोच लिया। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने मौके से करीब एक दर्जन बने और
अधबने तमंचे बरामद किए। कुछ कारतूस भी पुलिस के हाथ लगे हैं। जो शायद तमंचा बनाने
के बाद टेस्टिंग के लिए रखे गए थे। तस्करों की निशानदेही पर पुलिस ने अवैध असलहा
बनाने में प्रयोग किए जाने वाले तमाम उपकरण भी जब्त किए।
मौके से पकड़ा गया हथियारों का जखीरा और तमंचा बनाने के तमाम उकरण। |
2500 से 3500 में बेंचते थे तमंचा
पकड़े गए रामदास और साबिर बुन्देलखंड के महोबा जनपद स्थित ग्राम पसवारा थाना
कोतवाली के रहने वाले हैं। थाना प्रभारी सुखराम सिंह ने थाने पर जब दोनों शातिरों
से पूछताछ की तो उन्होंने कई चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस को दी। दोनों ने बताया
कि तमंचा बनाने के बाद दोनों कानपुर के साथ-साथ कई जनपदों में 2500 से 3500 के बीच
बिक्री करते थे। अब तक सैकड़ों तमंचे बनाकर दोनों बेंच चुके हैं। दोनों पहले भी कई
बार असलहा बनाकर बिक्री करने के आरोप में जेल जा चुके हैं। रामदास और साबिर का
कहना है कि जेल से छूटते ही दोनों फिर से पुराने काम में लग जाते हैं। फिलहाल
पुलिस उन लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है जिन लोगों ने अब तक दोनों से
तमंचे खरीदे हैं।
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