Kanpur के Nikki Nikki Shots में मौज-मस्ती और Party के नाम पर नशा परोसने का काम Start है। प्रतिबंधित “हुक्का” के धुएं यहां हर रोज खूब उड़ते हैं। आबकारी विभाग और लोकल पुलिस से “सिस्टम” मैनेज कर यूथ को गुड़गुड़ाने के लिए “हुक्का” आसानी से मुहैया होता है। यदि विश्वास न हो तो आप Nikki Nikki Shots के facebook पेज को गौर फरमा सकते हैं। फेसबुक पेज को देखने के बाद एक कहावत जेहन में आती है "चोरी फिर सीना जोरी"। कानून के नियम को ताक पर रखने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की फोटो को जमकर शेयर किया जाता है। Portal ने सभी फोटो इस रेस्टोरेंट के पेज से प्राप्त की हैं। वीक एंड पर यहां तमाम तरह के आयोजन किए जाते हैं। कभी फ्रेंड्सशिप-डे पर तो कभी “स्मोकी” का आयोजन होता है। खास बात ये है कि इसके लिए बाकयदा पास भी बांटे जाते हैं। पास के लिए एक मोटी रकम चुकानी पड़ती है। भीड़ बढ़ाने के लिए दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों से खूबसूरत और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली महिला सेलेब्रेटी को भी बुलाया जाता है। सूत्रों की मानें तो रेस्टोरेंट की आड़ में प्रतिबंधित “हुक्का बार” का संचालन करने वाले लोगों की राजनीतिक “जड़ें” काफी गहरी हैं। चर्चा तो ये भी है कि एक पूर्व चर्चित विधायक से सीधा “नाता” है।
यही वजह है कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग यहां छापे की कार्रवाई नहीं करता है। करीब-करीब इस तरह के सभी बड़े रेस्टोरेंट्स में राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं की पर्दे के पीछे से "कृपा" बरस रही है। अफसरों की चौखटों पर "राग दरबारी" बन चुके कई दलाल टाइप के लोगों का भी इसमें "खेल" है। नवरात्रि के दिनों में यहां आबकारी खानापूर्ति के लिए पहुंचते हैं। इसी त्योहार में दिवाली और होली की त्योहारी भी मिल जाती है।
YOGESH TRIPATHI
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नशे के साथ हर शौक पूरा करवाते हैं इस तरह के कई रेस्टोरेंट्स
Kanpur में इस तरह के करीब आधा दर्जन बड़े रेस्टोरेंट्स संचालित है। सिविल लाइंस से लेकर आर्य नगर और NRI तक इस तरह के रेस्टोरेंट्स खूब हैं। जो पैसा लेकर हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराते हैं। विदेशी शराब यहां पर आम बात है। आपके पास पैसा होना चाहिए। इन रेस्टोरेंट्स की खासियत ये है कि मानक को ताक पर रखने के बाद बेहद छोटी सी जगह पर इसे खडा कर दिया गया है। दड़बेनुमा जगह पर बने इन रेस्टोरेंट्स में यदि कभी कोई हादसा हो जाए तो 10-20 लोग तो भगदड़ में ही काल के गाल में समां जाएंगे। कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) की तरफ से इन बिल्डिंग का नक्शा तक पास नहीं है। थाना पुलिस कभी अंदर प्रवेश नहीं करती है। उसके पीछे कई वजह हैं।
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प्रतिबंध के बाद भी युवा खुलेआम गुड़गुड़ाते हैं हुक्का
प्रतिबंधित “हुक्का” अब युवाओं का बड़ा शौक बन चुका है। खासियत ये है कि आपको जैसा प्लेवर चाहिए वैसा ही दाम आपको देना पड़ेगा। लोकल पुलिस सबकुछ जानने के बाद भी “खामोशी की चादर” ओढ़ने में अपनी भलाई समझती है। “हुक्का बार” की हालत अब ये है कि बड़े रेस्टोरेंट्स के बजाय बेहद छोटे-छोटे रेस्टोरेंट में भी ये आसानी से मुहैया रहता है। नौबस्ता, बर्रा, गोविंदनगर, चकेरी जैसी एरिया में भी ये नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इसका संचालन करने वाले अधिकांश लोग या तो अपराधिक प्रवृत्ति के हैं या फिर उनको सीधे तौर पर सत्ताधारी दल के नेताओं की “राजनीतिक छतरी” मिली है। दो साल पहले नौबस्ता पुलिस ने बाईपास के नीचे जिस “हुक्का बार” से 52 नाबालिग लड़के-लड़कियों को पकड़ा था। उसका संचालन भी राजनीतिक दल के एक बड़े नेता की छतरी के तले ही हो रहा था। जिसने पकड़वाया था उस पर भी नौबस्ता में देशद्रोह जैसे संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
जुएं की फड़ तक सजवाते हैं कई रेस्टोरेंट संचालक
www.redeyestimes.com के पास जो जानकारियां है उसके मुताबिक Kanpur के कई रेस्टोरेंट संचालक बाकयदा जुएं की फड़ तक सजवाते हैं। जुएं की फड़ बाजार बंदी वाले दिन ही लगती है। साउथ के तो एक थाने से चंद कदम की दूरी पर ये खेल लंबे समय से चल रहा है। सटोरिए और बुकी भी इन रेस्टोरेंट मोटा पैसा देने के बाद पुलिस और तमाम तरह की कार्रवाई से बेफिक्र हो जाते हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस को बगैर सेट किए जुएं का खेल नहीं होता है। उसकी वजह ये है कि छापे की कार्रवाई का भय रहता है। यदि पुलिस ने जुआरियों को पकड़ा तो कई दिनों तक गैंबलर का कारोबार ठप हो जाता है। जिसकी वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
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ताक पर रखे जाते हैं सारे नियम-कायदे
यूं तो किसी भी रेस्टोरेंट में शराब परोसना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं। लेकिन आबकारी विभाग की वेबसाइट पर यदि आप गौर करें तो नियम और शर्तें पूरी तरह से आपको देखने और पढ़ने को मिल जाएगीं। प्राइवेट पार्टी के नाम पर आबकारी विभाग एक शुल्क जमा कराता है। उसके बदले आपको शराब और बीयर पिलाने की छूट मिलती है। लेकिन उसका भी एक मापदंड है। जिसके तहत आप 15 बोतल बीयर और कुछ बोतल शराब ही पार्टी में लोगों को सर्व कर सकते हैं। लेकिन इन रेस्टोरेंट की कहानी कुछ अलग है। सूत्रों की मानें तो आबकारी विभाग के कुछ अफसर मोटी रकम के बदले खुली छूट दिए हुए हैं। जिसकी वजह से एक निश्चित शुल्क जमा कर ये रेस्टोरेंट संचालक खुलेआम शराब परोसते हैं। जहां तक बात “हुक्का” की है तो ये पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन इसके बाद भी नाबालिग छात्र-छात्राओं तक को “हुक्का” आसानी से सुलभ हो जाता है।
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सुधी पाठकों से अपील है कि यदि आपके पास भी शहर के किसी रेस्टोरेंट में गैरकानूनी कृत्यों का कोई वीडियो और फोटो है तो उसे पोर्टल के ई-मेल redeyestimes@gmail.com पर भेज सकते हैं। आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रहेगी। साथ ही समाज के सफेदपोश लोगों के चेहरे बेनकाब हो सकेंगे।
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