Uttar Pradesh में होने वाले विधान सभा के उपचुनाव के मद्देनजर BSP सुप्रीमों मायावती ने बुधवार को 12 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। Kanpur की गोविंद नगर विधान सभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता देवी तिवारी BSP की हाथी के “महावत” होंगे। गोविंदनगर बसपा के “महावत” बने देवी तिवारी के बारे में खास बात ये है कि वे बीएसपी के दिग्गज नेता सतीश मिश्रा के बेहद करीबी रिश्तेदार (समधी) हैं। 2012 के विधान सभा चुनाव में देवी तिवारी कल्याणपुर विधान सभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। मायावती ने अपने बेहद खास नौशाद अली को हमीरपुर से टिकट दिया है। राष्ट्रीय मीटिंग में प्रत्याशियों की घोषणा के साथ बीएसपी ने बिल्कुल साफ संकेत दिए हैं कि पार्टी सभी 13 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने के बाद डटकर मुकाबला करेगी।
YOGESH TRIPATHI
लोकसभा चुनाव में
मांग रहे थे BSP से टिकट
जानकार सूत्रों की
मानें तो देवी तिवारी लोकसभा चुनाव 2019 में बीएसपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन
किन्ही वजहों से बसपा ने उनको प्रत्याशी नहीं बनाया था। बताया जा रहा है कि बसपा
से प्रत्याशी घोषित हो चुके देवी तिवारी ने अभी तक कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया
है।
2012 में देवी तिवारी को मिले थे 20 हजार वोट
देवी तिवारी 2012
के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कल्याणपुर विधान सभा से चुनाव लड़
चुके हैं। तब वे चुनाव में चौथे नंबर पर थे और उन्हें महज 20 हजार वोटों से संतोष
करना पड़ा था। गोविंदनगर सीट से ब्राम्हण प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस के दिग्गज
नेता देवी तिवारी को मैदान में उतारकर बसपा ने आगामी चुनाव को बेहद रोचक बना दिया
है।
सत्यदेव पचौरी के
सांसद बनने पर खाली हुई सीट
उल्लेखनीय है कि
गोविंदनगर विधान सभा की सीट ब्राम्हण बाहुल्य है। यूपी सरकार के पूर्व कैबिनेट
मंत्री और वर्तमान में सांसद सत्यदेव पचौरी गोविंदनगर से विधायक थे। लोकसभा चुनाव
जीतने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। जिसकी वजह से उपचुनाव हो रहे हैं।
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