ढाई साल पहले Uttar Pradesh में जब Yogi Adityanath सरकार बनी थी तो जनता से तमाम वादे किए गए थे। उसमें सबसे बड़ा एक वादा था “सूबे की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का, सरकारी कागजों में ये वादा पूरा हो चुका है लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है”। मेट्रो सिटी कानपुर की हर सड़क पर गड्ढे हैं। बुधवार को नौबस्ता बाईपास पर “मौत के गड्ढे” ने एक श्रमिक की जान ले ली। गड्ढे में फंसकर सरिया लदी ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई और उस पर बैठा श्रमिक सरियों के बीच दब गया। मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना की वजह से काफी देर तक हाइवे पर जाम लगा रहा।
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Yogesh Tripathi
ट्रैक्टर-ट्राली पर बैठता था श्रमिक
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक श्रमिक ट्रैक्टर-ट्राली पर लदी सरिया के बंडलों पर बैठा था। नौबस्ता चौराहे पर ओवरब्रिज के ठीक नीचे कई बड़े-बड़े गड्डे हैं। बारिश की वजह से इन गड्ढों में पानी भर चुका है। जिसकी वजह से ट्रैक्टर के चालक का संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई। ट्रैक्टर-ट्राली के पलटते ही उस पर लदी सरिया नीचे फैल गई और श्रमिक दब गया।
[caption id="attachment_19822" align="alignnone" width="720"] वाहन पर श्रमिक के शव को रखती पुलिस और लाल निशान पर गहरे गड्ढे।[/caption]
मदद के लिए पहुंची उस्मानपुर चौकी पुलिस
दुर्घटना होते ही बाईपास पर स्थित उस्मानपुर चौकी की पुलिस फोर्स तुरंत पहुंच गई। ट्रैफिक पुलिस और राहगीरों की मदद से पुलिस ने सरिया को तुरंत हटवाया। लेकिन तब तक श्रमिक की मौत हो चुकी थी। इस बीच दोनों हाइवे पर लंबा जाम लग गया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों और राहगीरों में खासा आक्रोश है।
हर रोज गिरकर चुटहिल होते हैं राहगीर
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस चौराहे से लाखों वाहन हर रोज निकलते हैं। उसकी वजह दो व्यस्त हाइवे हैं। यहां चौराहे पर पूरे दिन जाम भी बना रहता है। गड्डा ओवरलोड मौरंग और गिट्टी के ट्रकों की वजह से हुए हैं लेकिन उसके बाद भी स्थानीय जिला प्रशासन, पीडब्लूडी और हाइवे की तरफ से गड्डा भरा नहीं गया। जिसकी वजह से श्रमिक की जान चली गई। आसपास के दुकानदारों का कहना है कि हर रोज यहां पर गड्डे में गिरकर राहगीर चुटहिल होते हैं। तमाम शिकायतें की जा चुकी हैं लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान अभी तक इस तरफ नहीं गया है।
मौरंग और गिट्टी माफियाओं की दबंगई से हुए हैं गड्डे
नौबस्ता बाईपास चौराहे पर लंबे समय से बड़े-बड़े गड्ढे हैं। ये गड्ढे मौरंग और गिट्टी माफियाओं के गुजरने वाले ओवरलोड ट्रकों की वजह से हुए हैं। इस रोड पर सिक्का सिर्फ मौरंग और गिट्टी माफियाओं का ही चलता है। इसमें माननीयों से लेकर पुलिस वाले तक शामिल हैं। कई पुलिस वालों और सत्ताधारी दल से जुड़े नेताओं के सैकड़ों ट्रक मौरंग और गिट्टी ढोते हैं। कुछ दबंग किस्म के लोगों के पास इसका संचालन हैं। इन दबंग और सफेदपोश लोगों पर सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं की “छतरी” है। स्थानीय लोगों की मानें तो सजेती से लेकर घाटमपुर फिर बिधनू और नौबस्ता पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं करती है। इन थानों की पुलिस का सिस्टम पुराने तरीके से सेट है। जिसकी वजह से बेखौफ माफिया ओवरलोड ट्रकों को निकलवाते हैं। तस्वीरें देखनी हों तो बाईपास पर कभी भी देखी जा सकती हैं। 24 घंटे ओवरलोड ट्रक यहां से गुजरते हैं। लोकल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस सबसे पहले इन वाहनों को ही निकालती है।
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